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वीडियो: पुलिस ने निर्वस्त्र कर पीटा, पेशाब पिलाई, थूक और जूता चटवाया, टिहरी के युवक के गंभीर आरोप

तो क्या अंकिता भंडारी हत्याकांड और पुलिस की नाकामियों पर आवाज उठा रहा था युवक?, पुलिस के पास भी अपनी कहानी

Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड में टिहरी के एक युवक ने पुलिस पर हैवानियत और बर्बरता का सनसनीखेज आरोप लगाया है। युवक का दावा है कि अंकिता भंडारी हत्याकांड, केदार सिंह हत्याकांड और पुलिस की नाकामियों के खिलाफ आवाज उठाने की कीमत उसे दरिंदगी झेलकर चुकानी पड़ी।

 

पीड़ित केशव थलवाल, निवासी लंबगांव, का आरोप है कि 9 मई 2025 की शाम लंबगांव थानाध्यक्ष और एक उपनिरीक्षक उसे एसएसपी के बुलावे का बहाना बनाकर कार में ले गए। लेकिन सीधे कोटी कॉलोनी चौकी में कैद कर अमानवीय यातनाएं दी गईं।

निर्वस्त्र कर पीटा और पिलाया पेशाब

केशव का कहना है कि पुलिस ने उसे निर्वस्त्र कर डंडों और बेल्ट से पीटा। जब वह दर्द से चीखने लगा और गला सूख गया तो उसे थूका हुआ पानी पीने और जूता चाटने पर मजबूर किया गया। यही नहीं, उसके मुताबिक पुलिस ने पेशाब तक पिला दिया।

इसके बाद पुलिसकर्मियों ने उस पर हमला करने की कहानी गढ़ी और चाकू थमा कर जाख तिराहे पर पेश किया। इस फर्जी मुकदमे के चलते वह करीब चार माह तक जेल में रहा और हाल ही में जमानत पर बाहर आया है।

तीसरी बरसी पर लगाया था आरोप

पौड़ी में आयोजित अंकिता भंडारी हत्याकांड की तीसरी बरसी पर श्रद्धांजलि सभा में केशव थलवाल ने सार्वजनिक मंच से पुलिस पर यह गंभीर आरोप लगाए। उसने कहा कि सोशल मीडिया पर पुलिस की नाकामियों को उजागर करने के कारण ही उसके साथ यह ज्यादती हुई।

पुलिस जांच शुरू

इस पूरे प्रकरण पर आईजी गढ़वाल ने टिहरी एसएसपी से रिपोर्ट तलब की है। एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि आरोपों की जांच सीओ नरेंद्रनगर को सौंपी गई है। उन्हें 15 दिन के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

दूसरी तरफ टिहरी पुलिस ने भी युवक के आरोपों पर अपनी तरफ से स्थित स्पष्ट करने का प्रयास किया है। टिहरी पुलिस के फेसबुक पेज से एक वीडियो बयान साझा किया गया है।जिसमें कहा गया है कि अभियुक्त (आरोप लगाने वाला युवक) के विरुद्ध पूर्व में भी विभिन्न गंभीर आपराधिक प्रकरण पंजीकृत हैं, जिनमें मारपीट, जान से मारने की धमकी, सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार, पुलिस पर हमला एवं शस्त्र अधिनियम के अंतर्गत अपराध सम्मिलित हैं। जो भी इस प्रकार के असत्य आरोपों के संबंध मे कुछ भी टिप्पणी करता है या भ्रामक सूचना फैलाता है तो उसके विरुद्ध भी उचित वैधानिक कार्यवाही की जाएगी ।

यदि इस संबंध मे कोई भी अपना पक्ष या सबूत देना चाहते है तो पुलिस को उपलब्ध कराये। इस प्रकरण की जांच पूरी निष्पक्षता के साथ राजपत्रित अधिकारी द्वारा की जा रही है ।

 

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