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उत्तराखंड में निवेश घोटाला: तीन कंपनियों के संचालक निवेशकों के करोड़ों लेकर फरार

पीड़ितों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से की मुलाकात, लगाई मदद की गुहार

Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड में एलयूसीसी घपले के बाद अब एक और बड़े वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। राजधानी देहरादून में सर्व माइक्रोफाइनेंस इंडिया एसोसिएशन कंपनी, दून समृद्धि निधि लिमिटेड और दून इंफ्राटेक कंपनी पर निवेशकों से करोड़ों की ठगी का गंभीर आरोप लगा है। पीड़ित निवेशकों ने शनिवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून से मुलाकात कर अपनी शिकायतें दर्ज कराईं।

निवेशकों का आरोप है कि इन कंपनियों ने लोक लुभावन योजनाओं — जैसे दैनिक जमा, आवर्ती जमा, फिक्स्ड डिपॉजिट, मंथली इन्वेस्टमेंट प्लान और सुकन्या योजना — का लालच देकर भोले-भाले लोगों से मोटी रकम निवेश कराई। कंपनियों ने अतिरिक्त ब्याज और मुनाफे का झांसा देकर लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया, लेकिन समयसीमा पूरी होने के बाद न तो निवेश पर ब्याज दिया गया और न ही मूलधन लौटाया गया। पीड़ितों का कहना है कि कंपनियों के मुख्य संचालक अब फरार हैं।

पुलिस की सख्त कार्रवाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी देहरादून के निर्देश पर थाना नेहरू कॉलोनी में मु.अ.सं. 348/25 दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने आरोपियों पर अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध अधिनियम की धारा 22/4, उत्तराखंड जमाकर्ता हित संरक्षण अधिनियम की धारा 3, और भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 316(2), 318(4) तथा 61(2) के तहत मुकदमा कायम किया है।

दून पुलिस ने इन कंपनियों से संबंधित सभी बैंक खातों को तत्काल प्रभाव से सीज करा दिया है। वहीं, संचालकों की तलाश में विशेष टीमों को लगाया गया है।

निवेशकों से अपील

एसएसपी देहरादून ने पीड़ितों को भरोसा दिलाया है कि मामले की विस्तृत विवेचना की जा रही है और दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार कर कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही आम जनता से अपील की गई है कि किसी भी आकर्षक निवेश योजना में पैसा लगाने से पहले उसकी वैधता और प्रामाणिकता की अच्छी तरह जांच-परख जरूर करें।

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