सरकारी शिक्षक पर मुकदमा, 02 साथी भी नामजद, 22 लाख रुपए हड़पने का मामला
समाज कल्याण विभाग में फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देकर खेल करने का है आरोप

Rajkumar Dhiman, Uttarakhand: प्रदेश में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के मामलों की श्रृंखला थमने का नाम नहीं ले रही। ताज़ा मामला चंपावत का है, जहां सरकारी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक बलवंत सिंह रौतेला समेत तीन लोगों पर महिला से 22 लाख रुपये ठगने का सनसनीखेज आरोप लगा है।
तल्ली मादली निवासी सरोजनी (35) ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि शिक्षक रौतेला ने नवंबर 2023 में उसके पति से संपर्क कर समाज कल्याण विभाग में नौकरी दिलाने के लिए 25 लाख रुपये की डील की। बाद में उसे देहरादून ले जाकर विनय भट्ट (साईं बाबा एनक्लेव, देहरादून) से मिलवाया गया।
विनय ने उन्हें सचिवालय में एक व्यक्ति कवींद्र सिंह से मिलवाया, जिसने खुद को सचिव बताते हुए फर्जी नियुक्ति पत्र सौंपा और 7 मार्च 2024 को समाज कल्याण विभाग में प्रबंधक पद पर ज्वाइनिंग की तारीख दी।
लेकिन बाद में पता चला कि “कवींद्र सिंह” दरअसल मायाराम सोनी नाम का व्यक्ति था। इस दौरान पीड़िता ने रिश्तेदारों से कर्ज लेकर और बचत खाते तोड़कर 22 लाख रुपये विनय भट्ट के खाते में ट्रांसफर किए। ठगी का अहसास तब हुआ जब बार-बार ज्वाइनिंग डेट बदली गई और पांच फर्जी लेटर थमाए गए।
कोतवाली पुलिस ने तीनों आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज तैयार करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। जांच एसआई संदीप पिलख्वाल को सौंपी गई है। कोतवाल बीएस बिष्ट ने बताया कि जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।
⚠️ एक माह में दूसरी एफआईआर, फिर वही शिक्षक केंद्र में!
आरोपित शिक्षक बलवंत सिंह रौतेला पर यह एक महीने में दूसरी प्राथमिकी है। इससे पहले 3 अक्टूबर को लोहाघाट थाने में भी उस पर 31 लाख रुपये की ठगी का मुकदमा दर्ज हुआ था। शिकायतकर्ता मोहित पांडे (डाक बंगला रोड, लोहाघाट) ने भी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगे जाने की तहरीर दी थी। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि शिक्षक ने रकम वापस कर मामला रफा-दफा करने की कोशिश शुरू कर दी है।
प्रदेश में सरकारी नौकरी के नाम पर इस तरह के रैकेट सक्रिय हैं, जो बेरोजगार युवाओं और परिवारों की उम्मीदों से खिलवाड़ कर रहे हैं। अब सवाल है — आखिर कब तक ऐसे “अंदरखाने के ठग” सरकारी व्यवस्था का नकली चेहरा बनकर भोले लोगों को लूटते रहेंगे?



