आंदोलनकारियों पर जंगली सुअरों का हमला, ढलान में पड़ा कूदना, 02 गंभीर घायल
सड़क की मांग को लेकर 12 दिन से धरने पर डटे थे ग्रामीण, रात में तंबू पर सुअरों के झुंड ने किया हमला

Amit Bhatt, Uttarakhand: द्वाराहाट के धनारी क्षेत्र में ग्रामीण खस्ताहाल सड़कों की मरम्मत और बसेरा बैंड तक सड़क निर्माण की मांग को 15 नवंबर से क्रमिक अनशन पर हैं। ग्रामीण रात में भी धरने पर डटे रहते हैं और सर्द रात में तंबू ही उनका सहारा है। लेकिन, बीती रात जंगली सुअरों के झुंड ने आंदोलन पर डटे ग्रामीणों के तंबू पर धावा बोल दिया। सुअरों से बचने के लिए ग्रामीण घुप्प अंधेरी रात में ढाल की तरफ कूद पड़े। जिसमें एक व्यक्ति की टांग में फ्रैक्चर हो गया, जबकि एक की कमर में गंभीर चोट आई है।
ढलान की ओर छलांग लगाने से बीरबल सिंह की एड़ी में फ्रैक्चर हुआ है, जबकि महेंद्र सिंह की कमर में गंभीर चोट पहुंची। शोरगुल मचने पर अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंचे, तब जाकर सुअरों का झुंड तितर-बितर हुआ। करीब आधे घंटे तक माहौल भय का बना रहा। दोनों घायलों को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। हालांकि, उपचार के बाद महेंद्र सिंह फिर आंदोलन में शामिल हो गए।
घटना की जानकारी मिलते ही बुधवार को आसपास के गांवों के ग्राम प्रधान, सामाजिक कार्यकर्ता और पंचायत प्रतिनिधि धन्यारी पहुंचे। उन्होंने कहा कि बुनियादी जरूरतों की अनदेखी के कारण ग्रामीणों को कड़ाके की ठंड और जोखिम भरे हालात में सड़क किनारे तंबू लगाकर आंदोलन करना पड़ रहा है। पंचायत प्रतिनिधियों ने चेताया कि मांगों का ठोस समाधान निकले बिना आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़कें बदहाल हैं, आवागमन मुश्किल हो चुका है और प्रशासन की उदासीनता ने हालात और जटिल कर दिए हैं। जंगली जानवरों के बढ़ते खतरे के बीच यह हमला व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े करता है। ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि बुनियादी मुद्दों के स्थायी समाधान से कम पर कोई समझौता नहीं होगा।



