बिल्डर शाश्वत गर्ग और उसकी पत्नी साक्षी का पासपोर्ट निरस्त, अब कागज का टुकड़ा रह गया पासपोर्ट
करोड़ों की ठगी कर फरार बिल्डर दंपती पर क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी विजय शंकर पांडे ने की बड़ी कार्रवाई
Rajkumar Dhiman, Dehradun: राजधानी में आवासीय परियोजनाओं के नाम पर निवेशकों से करोड़ों रुपये समेटकर फरार हुए बिल्डर शाश्वत गर्ग और उसकी पत्नी साक्षी गर्ग के खिलाफ अब क़ानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी कार्यालय ने दोनों के पासपोर्ट तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए हैं।
यह कार्रवाई उन निवेशकों की शिकायतों के बाद की गई, जिन्होंने शाश्वत गर्ग की दो परियोजनाओं मसूरी रोड स्थित ‘आर्केडिया हिलाक्स’ (ग्रुप हाउसिंग) और थानो क्षेत्र की ‘इंपीरियल वैली’ (प्लॉटेड डेवलपमेंट) में निवेश किया था और राशि फंसने के बाद न्याय की गुहार लगाई थी।
पासपोर्ट कार्यालय ने दो बार भेजा नोटिस, नहीं दिया जवाब
निवेशकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी विजय शंकर पांडे ने पहले शाश्वत और साक्षी को नोटिस जारी किया। नियत समय में कोई जवाब नहीं मिलने पर रिमाइंडर भेजा गया, लेकिन दंपती की ओर से कोई स्पष्टीकरण सामने नहीं आया। अंततः व्यापक जनहित और प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए दोनों के पासपोर्ट निरस्त कर दिए गए। अब विधिक दृष्टि से दंपती के पासपोर्ट की कोई वैधता नहीं रह गई है।
17 अक्टूबर से पूरा परिवार है गायब
शाश्वत गर्ग, उसकी पत्नी साक्षी, बेटा रिद्वान, पिता प्रवीण गर्ग और मां अंजली 17 अक्टूबर से लापता बताए जा रहे हैं। परिवार को आखिरी बार हापुड़ में शाश्वत के साले सुलभ गोयल के घर पर देखा गया था। इसके बाद से सभी के मोबाइल फोन बंद हैं और कोई ठोस लोकेशन सामने नहीं आई। गायब होने के तुरंत बाद इंपीरियल वैली में निवेश करने वाले अर्चितमान शर्मा, रितेश धीमान, रोहित कौशिक और नीरज कुमार ने पासपोर्ट कार्यालय में शिकायत दी थी। इसी बीच आर्केडिया हिलाक्स के 12 अन्य निवेशकों ने भी ऐसी ही शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस केस दर्ज, रेरा ने लगाई रोक
प्रकरण ने अब आपराधिक रूप भी ले लिया है। आर्केडिया हिलाक्स परियोजना में 21 से अधिक फ्लैट आवंटन में अनियमितताओं के आरोपों पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। केस में गर्ग परिवार के साथ-साथ उनके सहयोगियों और कुछ बैंक/वित्तीय संस्थानों को भी नामजद किया गया है। वहीं रेरा (RERA) ने एक निवेशक की शिकायत पर इंपीरियल वैली प्रोजेक्ट में खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है।
मुंबई से नेपाल फरारी के संकेत, रॉयल नेपाल एयरलाइंस से सफर
इस बीच जांच से जुड़ी सूचनाओं में सामने आया है कि शाश्वत गर्ग मुंबई के रास्ते नेपाल गया। इमिग्रेशन रिकॉर्ड में यह संकेत मिले हैं कि 22 अक्टूबर को शाश्वत और साक्षी ने रॉयल नेपाल एयरलाइंस की उड़ान (RA-202) से काठमांडू की यात्रा की। सूत्रों के अनुसार, यह यात्रा उनके लापता होने के कुछ ही दिन बाद हुई, जबकि देहरादून में उनका इंतजार दीपावली से पहले किया जा रहा था।
नेपाल में फंसे होने की संभावना
भारत-नेपाल के बीच विशेष संधि के तहत यदि कोई भारतीय नागरिक नेपाल के जरिए किसी तीसरे देश की यात्रा करना चाहता है, तो उसे भारत के सक्षम प्राधिकरण से एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) आवश्यक होती है। सूत्र बताते हैं कि शाश्वत गर्ग की एनओसी होल्ड पर है, जिससे उसके किसी अन्य देश जाने की संभावना लगभग समाप्त हो गई है। बताया जा रहा है कि न तो वह नेपाल से भारत लौटा है और न ही किसी अन्य देश जा पाया है। सभी सीमावर्ती चेकपोस्ट और एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है।
काठमांडू के मैरियट होटल तक पहुंची खोज, निवेशक खुद पहुंचे नेपाल
निवेशकों ने अपने स्तर पर भी शाश्वत की तलाश शुरू की। जानकारी मिलने के बाद निवेशकों ने काठमांडू के कई फाइव-स्टार होटलों में कॉल किए। मेडिकल इमरजेंसी का हवाला देकर शाश्वत से संपर्क कराने का अनुरोध किया गया, लेकिन अधिकांश जगहों से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला।
मैरियट होटल से पहले संकेत मिले कि कॉल ट्रांसफर की जाएगी, लेकिन बाद में बताया गया कि कमरे में कोई फोन नहीं उठा रहा है। इसके बाद कुछ निवेशक खुद नेपाल पहुंचे और स्थानीय पुलिस के साथ होटल पहुंचे, मगर वहां शाश्वत गर्ग या उसके परिवार की कोई एंट्री नहीं मिली।
अब एक तरफ पासपोर्ट निरस्तीकरण, दूसरी ओर एफआईआर, रेरा की रोक और सीमा अलर्ट, शाश्वत गर्ग दंपती के लिए हालात लगातार कठिन होते जा रहे हैं। निवेशकों को उम्मीद है कि जल्द ही जांच एजेंसियां उनकी लोकेशन तक पहुंचेंगी और करोड़ों रुपये के निवेश का हिसाब सामने आएगा। यह मामला अब सिर्फ रियल एस्टेट धोखाधड़ी नहीं, बल्कि आर्थिक अपराध और फरारी का गंभीर उदाहरण बनता जा रहा है।



