crimeDehradundm dehradunland fraudpolice

वीडियो: बिल्डर ने आवासीय समिति के अध्यक्ष पर किया हमला, पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध

पुलिस और प्रशासन नहीं लगा पा रहा भूमाफिया प्रवृत्ति के व्यक्तियों पर अंकुश, सिर्फ पिक एंड चूज की कार्रवाई से अपनी पीठ थपथपा रहे अधिकारी

Amit Bhatt, Dehradun: राजधानी दून की व्यवस्था ये कैसे अधिकारियों के हाथों में है। शहर की प्रतिष्ठित एटीएस कॉलोनी में जिस बिल्डर के विरुद्ध सरकारी भूमि कब्जाने से लेकर अवैध निर्माण और नागरिकों पर बंदूक तानने जैसी शिकायतें दर्ज हैं, उस पर अंकुश लगाने में प्रशासन और पुलिस के अधिकारी पूरी तरह नाकाम नजर आ रहे हैं। आरोप है कि अब बिल्डर पुनीत अग्रवाल ने एटीएस कॉलोनी के अध्यक्ष अजय सिंह का बीती रात न सिर्फ रास्ता रोका, बल्कि उन पर हमला भी कर दिया। वहीं, अध्यक्ष के विरुद्ध बेहद ही अशोभनीय और अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। इन सबकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी सामने आई है। जब स्थानीय निवासियों ने हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल किया तो कॉलोनी में पहुंची पुलिस उल्टा अध्यक्ष और उनके परिवार को ही धमकाने लगी।

पुलिस की यह छवि मित्र पुलिस की अवधारणा के पूरी तरह विपरीत नजर आई। बिल्डर की गुंडागर्दी के वीडियो सोशल और इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। सभी उपलब्ध वीडियो अनसेंसर्ड रूप में दिए जा रहे हैं। ताकि सभी वर्ग के लोग प्रकरण की गंभीरता का आकलन कर सकें। आपको बता दें कि पुनीत अग्रवाल वही बिल्डर हैं, जिन्होंने दीपावली पर पटाखे जलाने पर बच्चों पर पिस्टल तान दी थी। तब डीएम देहरादून ने बिल्डर का शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिया था। बिल्डर अग्रवाल वही शख्स हैं, जिन्होंने नगर निगम की भूमि कब्जाई। तमाम जतन और शिकायतों के बाद निगम ने अपनी भूमि बिल्डर से छुड़ाई।

यह वही पुनीत अग्रवाल है, जिनका अवैध निर्माण का प्रकरण एमडीडीए में लंबित है। राजधानी देहरादून में बिल्डरों और माफिया प्रवृत्ति के व्यक्तियों की गुंडागर्दी रोकने को लेकर पुलिस के उच्च अफसरों को संज्ञान लेना होगा। क्योंकि ताजा प्रकरण ने पुलिस की भूमिका को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है। बिल्डर पुनीत अग्रवाल के मामले में एटीएस कॉलोनी के लोग जिलाधिकारी सविन बंसल से भी शिकायत कर चुके हैं।

हालांकि, नागरिकों की तमाम शिकायतों के बाद भी शहर में अराजकता फैलाने वालों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही। आम नागरिकों का सवाल है कि क्या जिले के दंडाधिकारी इस मामले में कुछ कर पाएंगे? या सिर्फ पिक एंड चूज की धारणा लागू रहेगी। यह सवाल सिर्फ एटीएस कॉलोनी का नहीं है, बल्कि उन लाखों निवासियों का है, जो सुकून और सम्मान से जीना चाहते हैं।

सवाल यह भी है कि क्या इस तरह के माहौल पर अंकुश लगाने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री को उतरना पड़ेगा। क्या तब जाकर अधिकारी प्रत्येक शिकायतों और फरियादों का समुचित संज्ञान लेंगे। यह सवाल दून की व्यवस्था के भविष्य का भी है। किसी भी सभ्य समाज में एटीएस कॉलोनी जैसी अराजक स्थिति को स्वीकार नहीं किया जा सकता। जिले के अफसरों से उठते भरोसे के कारण अब एटीएस कॉलोनी के निवासियों ने पुलिस मुख्यालय में शिकायत दर्ज कराई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button