अंकिता भंडारी हत्याकांड पर पुलिस का विस्तृत स्पष्टीकरण, सीबीआई जांच पर दी जानकारी
सोशल मीडिया के भ्रामक दावों से बचने की अपील, प्रमाण हों तो जांच एजेंसियों को सौंपें

Amit Bhatt, Dehradun: अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे भ्रामक, तथ्यहीन और सनसनीखेज दावों के बीच पुलिस ने विस्तृत रूप से स्थिति स्पष्ट की है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) डॉ. वी. मुरुगेशन ने कहा कि यह घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और संवेदनशील थी, जिसकी सूचना मिलते ही राज्य सरकार ने बिना विलंब सख्त और प्रभावी कार्रवाई की।
एडीजी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने तत्काल एक वरिष्ठ महिला आईपीएस अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। एसआईटी ने वैज्ञानिक और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर गहन विवेचना की, जिसके परिणामस्वरूप घटना में संलिप्त सभी अभियुक्तों को शीघ्र गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यह भी सुनिश्चित किया कि सशक्त पैरवी के माध्यम से अभियुक्तों को किसी भी स्तर पर जमानत न मिल सके।
सीबीआई जांच पर न्यायालयों का स्पष्ट रुख
विवेचना और ट्रायल के दौरान यह मामला माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत हुआ, जहां सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी। उच्च न्यायालय ने एसआईटी जांच को निष्पक्ष, पारदर्शी और विधिसम्मत मानते हुए सीबीआई जांच की आवश्यकता से इनकार कर दिया। इसके बाद मामला माननीय उच्चतम न्यायालय तक पहुंचा, जहां सर्वोच्च न्यायालय ने भी एसआईटी की जांच की गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त करते हुए सीबीआई जांच की याचिका को खारिज कर दिया।
निचली अदालत से आजीवन कारावास
एसआईटी की विस्तृत विवेचना के उपरांत निचली अदालत में मुकदमे की सुनवाई हुई, जिसमें दोष सिद्ध होने पर अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। वर्तमान में यह प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
वायरल ऑडियो क्लिप पर कार्रवाई
हाल के दिनों में इस प्रकरण से संबंधित कुछ ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे हैं। इस संबंध में पुलिस द्वारा दो अलग-अलग प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई हैं और उनकी विवेचना प्रचलित है। एडीजी ने कहा कि जांच के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर विधिसम्मत और प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।
नागरिकों से जिम्मेदार आचरण की अपील
डॉ. मुरुगेशन ने स्पष्ट किया कि यदि किसी भी व्यक्ति के पास इस प्रकरण से संबंधित कोई तथ्य, साक्ष्य या महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध थी, तो उसे पूर्व में एसआईटी के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता था। उस समय भी पुलिस ने सार्वजनिक रूप से अपील की थी कि किसी के पास यदि कोई जानकारी हो तो वह जांच एजेंसी के साथ साझा करे।
उन्होंने दोहराया कि वर्तमान में भी यदि किसी व्यक्ति के पास इस मामले से जुड़ी कोई प्रामाणिक जानकारी या साक्ष्य हों, तो वे उन्हें जांच एजेंसियों को उपलब्ध कराएं, न कि सोशल मीडिया पर अपुष्ट दावे फैलाएं।
निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध सरकार
एडीजी कानून एवं व्यवस्था ने कहा कि राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन की मंशा पूरी तरह स्पष्ट है—इस गंभीर प्रकरण में निष्पक्ष, पारदर्शी और पूर्ण जांच सुनिश्चित की जाए। कानून के दायरे में रहकर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की गई है और आगे भी किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरती जाएगी।



