उत्तराखंड के इस विश्वविद्यालय में 17 देशों के छात्र, 7000 से अधिक ने लिया 2024-25 के सत्र में प्रवेश
देश-विदेश के छात्रों के बीच तेजी से अपनी साख बढ़ा रहा उत्तरांचल विश्वविद्यालय, नवागंतुक छात्रों के दीक्षारंभ-2024 कार्यक्रम में दिखा मेले जैसा माहौल
Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक ऐसा विश्वविद्यालय भी है, जिसमें भारत समेत 17 देशों के छात्रों ने सत्र 2024-25 के लिए प्रवेश लिया है। इन नवागंतुक छात्रों के लिए आयोजित दीक्षारंभ-2024 कार्यक्रम में मेले जैसा माहौल नजर आया। शिक्षा के क्षेत्र में देश-दुनिया में तेजी से अपना नाम कमा रहा यह संस्थान है उत्तरांचल विश्वविद्यालय। नवागंतुक छात्रों के लिए विश्वविद्यालय के विवेकानंद आडिटोरियम में 07 दिवसीय स्टूडेंट इंडक्शन प्रोग्राम का शुभारंभ भी किया गया। इस खास अवसर पर विश्वविद्यालय के अध्यक्ष जितेंद्र जोशी ने बतौर मुख्य अतिथि छात्रों को संबोधित किया और जीवन पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम में अध्यक्ष जितेंद्र जोशी ने छात्रों को विश्वविद्यालय की स्वच्छ परंपराओं से रूबरू कराते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। साथ ही उन्हें आचरण का पाठ पढ़ाते हुए शोध, प्लेसमेंट की जानकारी दी और बताया कि नई ऊंचाई को हासिल करने के लिए उन्हें छात्र जीवन में क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए। वहीं, विश्वविद्यालय के डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. श्रवण कुमार ने ग्राफिक प्रस्तुति के माध्यम से विश्वविद्यालय का इतिहास एवं संस्थापकों का परिचय दिया।
नए छात्रों के स्वागत के लिए विश्वविद्यालय कैंपस को दुल्हन की तरह सजाया गया था और ढोल-नगाड़ों के साथ पारंपरिक तौर-तरीकों से प्रदेश और देश की उन्नत संस्कृति का परिचय भी दिया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ छात्रों ने अपने-अपने अंदाज में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। जहां एक ओर नवागंतुक छात्रों ने नृत्य व संगीत का आनंद उठाया, वहीं दूसरी ओर रैगिंग पर आधारित नुक्कड़ नाटक सर्वाधिक आकर्षण का केंद्र और प्रेरक बना।
विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रो. राजेश बहुगुणा ने बताया कि सत्र 2024-25 के लिए उत्तरांचल विश्वविद्यालय को विश्व के 17 देशों सहित देश के लगभग सभी राज्यों के 7000 से अधिक छात्रों ने उच्च शिक्षा के लिए चुना है। यह अपने आप में बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रदेशों से आए छात्रों ने उत्तरांचल विश्वविद्यालय कैंपस को वास्तव में सुगढ़ महानगरीय संस्कृति का उदाहरण बना दिया है।
दूसरी तरफ विश्वविद्यालय के अध्यक्ष जितेंद्र जोशी ने यह भी कहा कि इतनी बड़ी संख्या में छात्र विश्वविद्यालय की विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियों, प्रतिष्ठा, शिक्षा व शोध का वातावरण व पूर्व छात्रों की सफलताओं से प्रभावित होकर ही यहां पहुंचे हैं। हमें न केवल उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना है, अपितु उनका सुनहरा भविष्य भी सुनिश्चित करना है। इसके लिए विश्वविद्यालय का प्रत्येक अंग अपना सर्वश्रेष्ठ देने को तैयार है।
विश्वविद्यालय की उपाध्यक्ष अंकिता जोशी ने छात्रों का स्वागत करते हुए उन्हें आह्वान किया कि उत्तरांचल विश्वविद्यालय नवीनतम संसाधनों से सुसज्ज्ति है। विश्वविद्यालय का शोध व शिक्षा का वातावरण उनकी आजीविका निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. धर्म बुद्धि ने भी नवागंतुक छात्रों का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तरांचल विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स में उनके मार्गदर्शन के साथ सारथी बनने को भी तत्पर हैं।
कार्यक्रम को यूआईटी डीन प्रो. सुमित चौधरी, सीआरसी हेड डॉ अरुण गोदियाल, डीन रिसर्च प्रो. राजेश सिंह ने भी संबोधित किया और कार्यक्रम का संचालन प्रो. पिंकी चुघ ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से विश्वविद्यालय की उपाध्यक्ष अंकिता जोशी, प्रो. संजीव शाह, सॉफ्टवेयर डेवलपर अभिनव अंकुर, माइक्रोसाफ्ट के निखिल नंदा, अमेरिका में कार्यरत एन्वायरमेंटल आफिसर आशीष देवरानी, डॉ एसके जोशी, अवधेष चंद्रमौली, डॉ सचिन श्रीवास्तव एवं डॉ मधु किरौला सहित विश्वविद्यालय के समस्त डीन, डायरेक्टर्स, प्रिंसिपल एवं विभागाध्यक्ष व चुनिंदा पूर्व छात्र उपस्थित थे।