DehradunUttarakhand

मसूरी हाइवे के भूस्खलन का होगा उपचार, 21.75 करोड़ स्वीकृत

वर्ष 2021 के मानसून सीजन में भारी भूस्खलन के बाद सीएम धामी ने किया था निरीक्षण, दिए थे हरसंभव उपचार के निर्देश

Round The Watch: मसूरी राजमार्ग पर गलोगी पावर हाउस के पास के भारी भूस्खलन जोन का अब पुख्ता उपचार हो पाएगा। भूस्खलन के उपचार के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शासन ने 21.75 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत कर दिया है।
वर्ष 2021 के मानसून सीजन में मसूरी रोड पर भारी भूस्खलन और सड़क ध्वस्त हो जाने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यहां का निरीक्षण किया था। उन्होंने लोनिवि अधिकारियों को भूस्खलन के स्थाई उपचार के लिए हरसंभव प्रयास करने के निर्देश दिए थे। साथ ही कहा था कि इस काम में बजट में कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी।
मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में लोनिवि प्रांतीय खंड ने उपचार की डीपीआर तैयार कराई थी। डीपीआर में उपचार के लिए 29 करोड़ रुपये की जरूरत बताई गई। लोनिवि मुख्यालय को यह राशि अधिक लगी और डीपीआर का परीक्षण आइआइटी के विशेषज्ञों से कराया गया। जिसमें डीपीआर की राशि को उचित बताया गया।

शासन नहीं हुआ सहमत, बनाई कमेटी
डीपीआर की राशि से शासन सहमत नहीं हुआ और लोनिवि के अपर सचिव विनीत कुमार की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई। कमेटी ने दो बार भूस्खलन क्षेत्र का दौरा किया और इसके बाद तय किया गया कि उपचार 24 करोड़ रुपये में पूरा किया जा सकता है।
एसडीमएफ को भेजा गया प्रस्ताव
कमेटी की रिपोर्ट के बाद भी लंबे समय तक बजट स्वीकृत नहीं किया जा सका। फिर तय किया गया कि भूस्खलन जोन का उपचार स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट फंड (एसडीमएफ) से कराया जाएगा। प्रस्ताव एसडीएमएफ (राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) को भेजा गया। बीती 10 जून को आपदा प्रबंधन सचिव डॉ रंजीत सिन्हा के समक्ष लोनिवि अधिकारियों ने उपचार कार्यों पर प्रस्तुतिकरण भी दिया। फिर भी बात उपचार की तकनीक पर चर्चा से आगे नहीं बढ़ पाई। हालांकि, अब उपचार के लिए 21.75 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत कर दिया गया है। इस क्रम में लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी के मुताबिक भूखलन जोन के उपचार का बजट स्वीकृत हो जाने के बाद अब जल्द टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे।

पहाड़ी पर 30 मीटर गहराई तक होगी एंकरिंग
लोनिवि अधिकारियों ने बताया कि मसूरी रोड पर जिस पहाड़ी से भूस्खलन हो रहा है, वहां के पहाड़ बेहद कमजोर हैं। इस जोन में फ्रैक्चर्ड रॉक होने की बात कही गई है। साथ ही अधिकारियों ने बताया कि पहाड़ी को सुदृढ करने के लिए एंकरिंग (पहाड़ी को एंकरिंग तकनीक से भीतर तक कसना) की जाएगी। सड़क के ऊपरी भाग पर जरूरत के मुताबिक 18 से 30 मीटर गहराई में एंकरिंग की जाएगी। वहीं, निचले भाग पर आठ मीटर के करीब गहराई में एंकरिंग से काम हो जाएगा। इसके अलावा पहाड़ी के ढाल का सुधार एवं पहाड़ी के आधार पर सुरक्षात्मक कार्य, हाई टेंसाइल वायर मेस के साथ ग्राउंड एंकरिंग, सॉयल नेलिंग, ड्रेनेज सिस्टम, इरोजन कंट्रोल जियोटेक्स्टाइल ब्लैंकेट जैसे कार्य भी किए जाएंगे।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button