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नजूल भूमि पर कब्जा है तो समय पर करा लें फ्रीहोल्ड, मांगे गए आवेदन

10 दिसंबर 2023 तक बढ़ाई गई है नजूल नीति, कब्जों को विनियमित कराने की कटआफ डेट है नौ नवंबर 2011

Round The watch: जो व्यक्ति नजूल भूमि पर अवैध रूप से काबिज हैं, वह कब्जों को फ्रीहोल्ड (विनियमित) करा सकते हैं। इसके लिए एमडीडीए ने नजूल भूमि पर अवैध रूप से काबिज व्यक्तियों से आवेदन मांगे हैं।
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के मुताबिक नजूल भूमि प्रबंधन व्यवस्थापन एवं निस्तारण के लिए नजूल नीति 2021 लाई गई है। वर्तमान में यह 10 दिसंबर 2023 तक प्रभावी रहेगी। लिहाजा, इस नीति के तहत नजूल भूमि पर काबिज लोग अपने कब्जे को नियमानुसार आवेदन कर फ्रीहोल्ड करा सकते हैं। इच्छुक आवेदक अधिक जानकारी के लिए प्राधिकरण कार्यालय में 150 रुपये का शुल्क जमा कर नजूल नीति 2021 की पुस्तिका प्राप्त कर सकते हैं। नजूल नीति का विवरण प्राधिकरण की वेबसाइट mddaonline.in पर भी उपलब्ध है।

6.74 लाख वर्गमीटर है नजूल भूमि
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के मुताबिक देहरादून में नजूल भूमि करीब 6.74 लाख वर्गमीटर है। मुख्य रूप से नजूल भूमि पलटन बाजार, राजपुर रोड आदि क्षेत्रों में है।

वर्ष 2000 के सर्किल रेट पर होगा फ्रीहोल्ड
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बताया कि नजूल नीति का मूल शासनादेश एक मार्च 2009 का है, जिसमें फ्रीहोल्ड दरों में समय-समय पर संशोधन किए जाते रहे हैं। नजूल भूमि को फ्रीहोल्ड कराने की दर 10 मार्च 2003 के बाद से वर्तमान तक नौ नवंबर 2000 के सर्किल रेट के मुताबिक है। इसी तरह अवैध कब्जों को विनियमित कराने की कटआफ डेट नौ नवंबर 2011 अभी भी प्रभावी है। एक अनुमान के मुताबिक अब तक नजूल भूमि को फ्रेहोल्ड कराने के लिए 13 सौ आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैं। इनमें से बड़ी संख्या में आवेदन निस्तारित किए जा चुके हैं और अभी भी 250 से अधिक आवेदन लंबित बताए जा रहे हैं।

25 प्रतिशत राशि जमा है तो उपलब्ध कराएं दस्तावेज
नजूल भूमि के जिन प्रकरणों में आवेदक की स्वमूल्यांकन की देय राशि का 25 प्रतिशत पूर्व में जमा कराया जा चुका है, उनमें जरूरी अभिलेख अविलंब प्राधिकरण कार्यालय में जमा कराने को कहा गया है।

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