देहरादून: नगर निगम अपनी भूमि पर कब्जे रोकने में तो नाकाम रहता ही है, किराया वसूलने में भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। नगर निगम की भूमि पर स्थित ऊर्जा निगम के ट्रांसफार्मर व खंभों का 15 करोड़ से अधिक का बकाया है, लेकिन वर्ष 2013 में आकलन के बाद से कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। वहीं, नगर निगम हर माह करीब 80 लाख रुपये बिजली के बिल का भुगतान करता है।नगर निगम के कारनामे भी गजब हैं। खुद ऊर्जा निगम को हर माह लाखों का भुगतान कर रहा है, लेकिन अपना पैसा वसूल करने को कोई कदम नहीं उठा रहा है। शहरभर में ऊर्जा निगम के करीब साढ़े आठ सौ ट्रांसफार्मर हैं, जो कि नगर निगम की भूमि पर स्थित हैं। इसके अलावा हजारों खंभे भी स्थापित किए गए हैं। वर्ष 2013 में नगर निगम की ओर से ट्रांसफार्मर और खंभों का सर्वे कर किराये का आकलन किया था। जिसमें ऊर्जा निगम पर करीब सात करोड़ रुपये का बकाया निर्धारित किया गया था। हालांकि, इसके बाद से यह फाइल ठंडे बस्ते में चली गई। नगर निगम के भूमि कर अधीक्षक राहुल कैंथोला का कहना है कि वर्ष 2013 के बाद से अब ब्याज सहित कुल बकाया 15 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है। इस संबंध में फिर से आकलन कर रिकवरी के प्रयास किए जाएंगे।------------ 80 लाख रुपये का बिजली का बिलनगर निगम की शहरभर में लगी स्ट्रीट लाइट का हर माह करीब 80 लाख रुपये बिल आता है। जिसका नगर निगम नियमित भुगतान करता है। कभी बिल के भुगतान में देरी होने पर स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन काटने की चेतावनी दे दी जाती है। हालांकि, निगम की ओर से ट्रांसफार्मर व खभों का किरया वसूलने के लिए कोई नोटिस नहीं दिया।