कौन गायब करा रहा देहरादून कलेक्ट्रेट के अभिलेखागार से फाइलें
रानीपोखरी के रैनापुर ग्रांट से सीलिंग भूमि की फाइल गायब होने के बाद अब हरिपुर कलां की दाखिल खारिज की फाइल मिली गायब, जमीन का रकबा बढ़ाने से जुड़ा है मामला
Round The Watch: देहरादून जिले की ऋषिकेश तहसील के हरिपुर कलां की दाखिल खारिज की एक फाइल कलेक्ट्रेट के राजस्व अभिलेखागार से गायब करा दी गई है। प्रकरण इसलिए गंभीर है, क्योंकि भूमि विवाद के एक प्रकरण में इस फाइल के माध्यम से यह सपष्ट हो पाता कि संबंधित भूमि का रकबा किस तरह फर्जीवाड़ा कर बढ़ाया गया है। जो व्यक्ति अपनी जमीन का रकबा विक्रय पत्र से अधिक होने का दावा कर रहे हैं, वह अब आसपास की जमीनों को अपना बता रहे हैं। इसका वाद भी अलग-अलग न्यायालयों में लंबित चल रहा है। फाइल गायब होने का पता भी तब चला, जब अपनी जमीन पर कब्जा होने से बचाने के लिए एक वृद्ध व्यक्ति ने देहरादून जिला प्रशासन से आरटीआइ में दाखिल खारिज की जानकारी मांगी। मामले में राजस्व अभिलेखागार के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी है।
दरअसल, देहरादून निवासी बुजुर्ग वेद प्रकाश अरोड़ा लंबे समय से हरिपुर कलां स्थिति अपनी जमीन बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसी क्रम में उनके पुत्र अधिवक्ता धामावाला, देहरादून निवासी मनीष अरोड़ा ने दाखिल खारिज की जानकारी आरटीआइ में मांगी। वेद प्रकाश ने ग्राम हरिपुर कलां (तहसील ऋषिकेश) में वर्ष 1982 में 0.24 एकड़ भूमि क्रय की थी। जिस पर उनका कब्जा भी है। उनके भूखंड के पास की भूमि रहिमन बाई गुड्डी के नाम (अब वारिश के नाम) दर्ज है, जिसका कुल रकबा विक्रय पत्र के मुताबिक 1.2 एकड़ है। रहिमन बाई ने यह भूमि संसार चंद गोहल से अलग-अलग रजिस्ट्री के माध्यम से क्रय की। हालांकि, जब इसका दाखिल खारिज किया गया तो भूमि का रकबा 2.01 एकड़ दर्ज कर दिया गया। आरोप है कि रहिमन बाई की मृत्यु के बाद उनके वारिश राजीव लाल चौधरी, आशा चौधरी व मीना चौधरी अब आसपास की भूमि पर दावा कर रहे हैं।
रहिमन बाई के नाम वास्तविक रूप से कितनी भूमि दर्ज होनी चाहिए, इसका पता लगाने के लिए वेद प्रकाश के पुत्र मनीष अरोड़ा ने कलेक्ट्रेट देहरादून के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी से संसार चंद गोहल के खाते में दर्ज की गई भूमि की जानकारी मांगी थी। तय समय के भीतर सूचना न मिलने पर यह प्रकरण सूचना आयोग पहुंचा। प्रकरण की सुनवाई करते हुए मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चंद्र पुनेठा ने पाया कि संसार चंद के दाखिल खारिज की पत्रावली ढूंढने पर भी नहीं मिल रही है। जिस पर आयोग ने राजस्व अभिलेखागार के वरिष्ठ प्रशसनिक अधिकारी को निर्देश दिए कि दो सप्ताह के भीतर टीम बनाकर पत्रावली की खोजबीन की जाए। इसके बाद भी जब पत्रावली नहीं मिली तो वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने उसके गुम होने की तहरीर शहर कोतवाली में देते हुए सूचना आयोग को भी इस बात से अवगत करा दिया। प्रकरण को गंभीर मानते हुए मुख्य सूचना आयुक्त पुनेठा ने आदेश की प्रति इस आशय से साथ जिलाधिकारी को भेजी की अभिलेखागार से अभिलेख गायब किए जा रहे हैं। लिहाजा, जांच करवाकर कार्रवाई की जाए।
प्रशासन की जांच में पकड़ में आ चुका फर्जी रकबे का खेल
हरिपुर कलां में रकबा बढ़ाने का प्रकरण लंबे समय से गतिमान है। इसकी जांच वर्ष 2016 में तत्कालीन जिलाधिकारी के आदेश पर राजस्व टीम ने की थी। जिमसें मूल खातेदार माई सेवा गिरी चेली गणेश गिरी के साथ ही क्रेता संसार चंद गोहल और इसके बाद के क्रेता रहिमन बाई के भूमि खातों की जांच की गई। पाया गया कि रहिमन बाई ने संसार चंद से अलग-अलग समय पर कुल 1.195 भूमि क्रय की। साथ ही यह भी पाया गया कि दाखिल खारिज के समय खतौनी में त्रुटिवश रकबा 2.01 एकड़ (0.4840 हेक्टेयर) चढ़ा दिया गया।
राजमार्ग परियोजना में भी गई जमीन, अभिलेख नहीं
जिला प्रशासन की पूर्व की जांच में यह भी पाया गया कि रहिमन बाई की 0.1540 हेक्टेयर भूमि बदरीनाथ-दिल्ली राजमार्ग परियोजना में काटी गई है। इसके अलावा तत्कालीन जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि रहिमन बाई की करीब साढ़े चार बीघा भूमि राजमार्ग-58 के निर्माण के समय लोनिवि ने अधिग्रहीत की थी। लेकिन, इसका कोई उल्लेख राजस्व अभिलेखों में नहीं पाया गया। स्पष्ट किया गया कि रहिमन की जो भूमि राजमार्ग परियोजना में काटी गई, उसे खाते से हटाते हुए शुद्ध क्षेत्रफल 0.3300 हेक्टेयर दर्ज किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने जमीन फर्जीवाड़े के प्रकरणों में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। दाखिल खारिज की हरिपुर कलां की पत्रावली को गंभीरता से लिया जा रहा है। प्रकरण में शीघ्र मुकदमा पंजीकृत कर संलिप्त व्यक्तियों पर कार्रवाई की जाएगी।
सोनिका, जिलाधिकारी, देहरादून