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पहाड़ की पीड़ा: घास लेने गई महिला को गुलदार ने बनाया निवाला, क्षत-विक्षत शव बमुश्किल छुड़ाया

नैनीडांडा ब्लॉक का है मामला, वन विभाग की तीन ने फायरिंग कर भगाया गुलदार

Usha Gairola, Dehradun: पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों के समक्ष पहाड़ जैसी चुनौतियां हर समय खड़ी रहती हैं। खासकर वन्यजीवों से संघर्ष को लेकर पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों का जीवन निरंतर विकत होता जा रहा है। रुद्रप्रयाग में एक बच्ची को आंगन से गुलदार के खींचकर ले जाने की घटना के चंद रोज के भीतर ही पौड़ी में एक महिला गुलदार का शिकार बन गई। पौड़ी जिले में नैनीडांडा ब्लाक की नारद मोक्षण ग्राम पंचायत से लगे जंगल में घास लेने गई महिला को गुलदार ने उस समय निवाला बना लिया, जब वह अपने पशुओं के लिए घास (चारा) लेने गई थी। वन विभाग की टीम ने फायरिंग कर बमुश्किल महिला का क्षत-विक्षत शव छुड़ाया।

तोक गुणिया निवासी बिगारी देवी (42) मंगलवार दोपहर गांव से कुछ दूरी पर स्थित जंगल में घास लेने गई थी। शाम को अंधेरा होने के बाद भी जब बिगारी देवी वापस नहीं लौटीं तो परिजनों ने ग्रामीणों के साथ उनकी तलाश शुरू की। साथ ही उनकी गुमशुदगी की सूचना तहसील प्रशासन को दी गई। करीब साढ़े छह बजे ग्रामीणों को गांव से एक किलोमीटर दूर गदेरे के पास खून से सना कपड़ा मिला ग्रामीण विजेंद्र कुमार ने बताया कि जैसे ही लोग वहां से आगे बढ़े, झाड़ियों में गुलदार की दहाड़ सुनाई दी।

इस पर ग्रामीण वहीं रुक गए और वन विभाग को सूचना दी। कुछ देर बाद गढ़वाल वन प्रभाग की धुमाकोट रेंज से वन कर्मियों की टीम मौके पर पहुंची और फायरिंग कर गुलदार को वहां से भगाया। इसके बाद झाड़ियों में बिगारी देवी का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ। घटना को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। उनकी मांग है की वन विभाग वन्यजीवों से ग्रामीणों व उनके पशुओं की सुरक्षा के ठोस इंतजाम करे। साथ ही आरोप लगाया कि वन्यजीवों से सुरक्षा के विभाग के अब तक के दावे हवाई साबित हुए हैं।

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