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उत्तराखंड में भूकंप के झटके, तीव्रता 6.2 मैग्निट्यूट, दून से दिल्ली तक कांपी धरती

नेपाल में मुख्य भूकंप से पहले व बाद में भी महसूस किए गए छोटे झटके

  • Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड में भूकंप के झटके महसूस किए गए। राजधानी देहरादून में भी इसका असर दिखाई दिया और लोग घरों से बाहर दौड़ पड़े। देश के अन्य दिल्ली, एनसीआर आदि हिस्सों में भी भूकंप का कंपन्न महसूस किया गया। अब तक जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। भूकंप का केंद्र पश्चिमी नेपाल में था।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलाजी के रिकार्ड में दर्ज हैं मंगलवार को नेपाल के कुल छह भूकंप।

विज्ञानियों के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 6.2 मैग्नीट्यूट रही। इसका केंद्र पश्चिमी नेपाल में बताया जा रहा है। साथ ही इसका असर नेपाल समेत भारत व चीन के कुछ हिस्सों में पाया गया। हालांकि, भारत के नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलाजी के मुताबिक मुख्य झटके के अलावा नेपाल में कम तीव्रता के पांच अन्य भूकंप भी शाम पांच बजे के आसपास तक रिकॉर्ड किए गए हैं।

कांगड़ा और बिहार भूकंप के सिस्मिक गैप में आए मंगलवार के भूकंप

पश्चिमी नेपाल में मंगलवार को आए भूकंप के झटके कांगड़ा और बिहार-नेपाल के सिस्मिक गैप में आए हैं। जिसका मतलब यह हुआ कि पूर्व में यहां बड़े भूकंप आए हैं, लेकिन उसके बाद उतनी क्षमता का कोई भूकंप नहीं आया। यह कहना है वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ आरजे पेरुमल का। वाडिया संस्थान के वरिष्ठ विज्ञानी डा आरजे पेरुमल के मुताबिक इस सिस्मिक गैप में वर्ष 1905 में कांगड़ा में 7.8 मैग्नीट्यूट और बिहार-नेपाल सीमा पर वर्ष 1934 में आठ मैग्नीट्यूट के विनाशकारी भूकंप आ चुके हैं। इसके बाद करीब 80 साल की अवधि में बड़ा भूकंप नहीं आया है। डॉ पेरुमल के मुताबिक इस संपूर्ण क्षेत्र में भूगर्भ में तनाव की स्थिति निरंतर बनी है। ऐसे में सिस्मिक गैप में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है। हालांकि, यह कब आएगा, कुछ कहा नहीं जा सकता। दूसरी तरफ नेपाल में 25 अप्रैल 2015 को आया 7.8 रिक्टर स्केल का भूकंप पूर्व के भूकंप की पुनरावृत्ति (रिपीटेशन) के रूप में देखा जाता है। संबंधित क्षेत्र में वर्ष 2015 से करीब 81 साल पहले बड़ा भूकंप आया था। लिहाजा, वहां सिस्मिक गैप में भूकंप रिपीट (दोबारा) हुआ।

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