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गांधी जयंती पर हर दिल बोला, मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना…

संयुक्त नागरिक संगठन के आह्वान पर एकजुट हुए तमाम संगठन, सभी धर्म के लोगों ने सांप्रदायिक सौहार्द ,एकजुटता और भाईचारे का दिया संदेश

Usha Gairola, Dehradun: सत्य और अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर एकजुट हुए हर एक व्यक्ति का दिल बस यही गुनगुना रहा था, ‘महजब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिंदी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा सारे जहां से अच्छा … देशप्रेम के इस गीत को सामूहिक रूप से गाते हुए गांधी पार्क में एक अद्भुत मिसाल कायम की गई।

गांधी पार्क में संयुक्त नागरिक संगठन के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपिता की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी व सदस्यगण।

गांधी पार्क में संयुक्त नागरिक संगठन के तत्वावधान में सहयोगी संगठनो के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित श्रद्धा सुमन कार्यक्रम में देशभक्ति की भावना का ज्वार उमड़ पड़ा। कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि आजादी के संघर्ष में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में हुए भारत छोड़ो आंदोलन, असहयोग आंदोलन की महत्वपूर्ण भूमिका थी। अहिंसा, सत्याग्रह सहिष्णुता के आधार पर ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ हुए संघर्षो ने सभी धर्म और जातियों में बटे देश में सांप्रदायिक सौहार्द ,एकजुटता और भाईचारे के जज्बातों को जन्म दिया था।

इस भावना को आज और अधिक मजबूत किए जाने की जरूरत हर क्षेत्र में महसूस की जा रही है। क्योंकि देश के विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों से चुने गए तमाम प्रतिनिधि आपराधिक व भ्रष्टाचार के कृत्यों में लिप्त हैं। कार्यक्रम में मौजूद संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की ईमानदारी, सादगी और सेवा भावनाओं पर कुठाराघात किया जा रहा है। भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, बेईमानी और धनलोलुप जनप्रतिनिधियों के खिलाफ अब एक और भारत छोड़ो आंदोलन की आज भी आवश्यकता है। तभी हम राम राज्य की कल्पना कर सकते हैं।

कार्यक्रम में गांधीजी की प्रतिमा पर सभी ने पुष्पांजलि अर्पित कर शास्त्री जी और गांधी जी सहित मुजफ्फरनगर कांड में शहीद हुए राज्य आंदोलनकारियों के लिए मौन रखकर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर उत्तराखंड के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिजनों, सेवानिवृत्त राजकीय पेंशनर्स से संबद्ध सभी संगठनों के पदाधिकारी सहित गौरव सेनानी संगठन, राज्य आंदोलनकारी मंच, आरटीआई क्लब, दून एक्स सर्विस लीग, फूड रिलीफ फाउंडेशन,आसरा ट्रस्ट, रूलक, क्षत्रिय चेतना मंच, हिमालय पर्यावरण समिति, सर्वधर्म समाज सेवा समिति, निर्भया, आसरा ट्रस्ट आदि संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे।

कार्यक्रम में वीरेंद्र कृषाली, ब्रिगेडियर केजी बहल (रिटा) गिरीश भट्ट, लेफ्टिनेंट कर्नल बीएम थापा(रिटा) ,चौधरी ओमवीर सिंह, नवीन नैथानी, एमएस गोसांई, अवधेश पंत, दीपचंद शर्मा ,शक्ति प्रसाद डिमरी, आरएस परिहार, रविशंकर भाटिया, सुशील त्यागी, अशोक गुप्ता, आशा टम्टा, जितेंद्र डडोना, उम्मेद सिंह पवार, सूर्य सिंह पवार, शिवा चौहान, रविंद्र सिंह पुंडीर, प्रकाश नागिया, मनोहर सिंह गोसांई, मनोज ध्यानी, जबर सिंह पवार, उषा कोठारी, प्रेम खन्ना, कुसुम धसमाना, निशा चौहान, कृष्णा नौटियाल, अर्चना शर्मा, डॉ एसएस खेड़ा, बीएस कंडारी, डॉक्टर एसके गोहिल, शशांक गुप्ता, आरके अग्रवाल, पुष्करचंद्र जोशी, हरेंद्र सिंह रावत, मुकेश नारायण शर्मा, महिपाल सिंह रावत, विशंभरनाथ बजाज, आशा नौटियाल, आशा टम्टा, अरुण थपलियाल, बबीता, शशि सजवान, गुलिस्ता खानम, हयात खान, आशा शर्मा, यज्ञ भूषण शर्मा, अवधेश शर्मा,आरएस धुंन्ता आदि शामिल थे।

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