ओएनजीसी के कांट्रेक्ट कर्मी सुबह धरने पर बैठे, शाम को आश्वासन पर माने
नौकरी से निकाले जाने से थे आक्रोशित, प्रबंधन के लिखित आश्वासन के बाद समाप्त किया धरना
Usha Gairola, Dehradun: ओएनजीसी के कांट्रेक्ट कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन धरना पहले ही दिन स्थगित हो गया। ओएनजीसी प्रबंधन के लिखित आश्वसन के बाद कर्मचारियों के धरना स्थगित कर दिया।
ओएनजीसी कांट्रेक्ट इंप्लाइज यूनियन इस बात से खफा चल रही थी कि मुख्य नियोक्ता ने जिस कंपनी के साथ 12 सितंबर 2023 को तीन साल का अनुबंध किया है, उसके तहत कर्मचारियों की संख्या कम कर दी गई है। यूनियन के महामंत्री एवं जिलाध्यक्ष इंटक अनिल कुमार ने बताया कि पूर्व में कांट्रेक्ट के तहत 746 कर्मचारी तैनात थे। वहीं, नए अनुबंध के तहत कर्मचारियों की संख्या 688 कर बाकी की सेवा समाप्त कर दी गई। उन्होंने कहा कि इस बारे में पूर्व में सहमति बन चुकी थी, लेकिन अचानक से कर्मचारियों के विरुद्ध इतना बड़ा कदम बढ़ा दिया गया।
लिहाजा, मंगलवार से अनिश्चितकालीन धरना ओएनजीसी मुख्यालय के गेट के समक्ष शुरू कर दिया गया था। हालांकि, शाम को जब ओएनजीसी प्रबंधन ने लिखित आश्वासन दिया कि निकाले गए कर्मचारियों की सेवा बहाल कर दी जाएगी तो धरना स्थगित करने का निर्णय लिया गया।
इस दौरान धरना स्थल पर उपस्थित यूनियन के महामंत्री एवं जिला अध्यक्ष इंटक अनिल कुमार एवं संदीप रमोला अध्यक्ष, मनोज कुमार महामंत्री, भारतीय ओएनजीसी कान्ट्रेक्ट कर्मचारी यूनियन, ओएनजीसी की मान्यता प्राप्त यूनियन ओएनजीसी स्टाफ यूनियन के महामंत्री अजय शर्मा, मोहन थापा, रमेश नौटियाल, राजेश ध्यानी संगठन मंत्री राज कुमार, अनुज गोयल, राकेश राणा, मनोज कुमार, मेहरबान सिंह नेगी, किशन कुर्जेवाल, नरेश डोभाल, मनोज कुमार, किशन गोदियाल, राजेन्द्र त्रिपाठी, दीपक कुमार, सर्वेश कुमार, सिकन्दर, जय प्रकाश, रोजेन्द्र सिंह रावत, संजय बहुगुणा राजेश जोशी, मुकेश शर्मा, अशोक गुप्ता, राजेन्द्र डिमरी, अनिल कुमार कनोजिया, मुकेश शर्मा, प्रविन बुटोला दिनेश कुमार, दीपक कुमार, सतिश कुमार, कैलाश पवार, उपदेश ढोडियाल श्रीमती रीना भटट, शीला देवी माला शर्मा, गीता जुवाल, दीपा बिष्ट, आशा एवं प्रतिमा आदि कर्मचारी उपस्थित रहे।