रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा: दून के वरिष्ठ अधिवक्ता देवराज तिवारी गिरफ्तार, कई रडार पर
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में अब दूसरे गैंग की बारी, रक्षा मंत्रालय की भूमि समेत कई जमीनों के फर्जी दस्तावेज तैयार करने का मामला
Amit Bhatt, Dehradun: रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। एसआईटी ने देहरादून के वरिष्ठ अधिवक्ता देवराज तिवारी को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई के साथ अब रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में दूसरे गैंग की उलटी गिनती भी शुरू हो गई है। हालांकि, इससे पहले रजिस्ट्रार कार्यालय के एक कर्मचारी की गिरफ़्तारी की बात भी सामने आ रही थी। हालांकि, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने पत्रकार वार्ता में सिर्फ अधिवक्ता देशराज की गिरफ्तारी की पुष्टि की।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह के मुताबिक आरोपितों ने भूमाफिया समीर कामयाब (पूर्व में गिरफ्तार) और बिजनौर निवासी हुमायूं परवेज के साथ मिलकर देहरादून की कई जमीनों के फर्जी दस्तावेज तैयार किए हैं। इनमें माजरा स्थित रक्षा मंत्रालय की 55 बीघा और क्लेमेनटाउन में करीब 5 बीघा भूमि शामिल है। इन भूमि की रजिस्ट्री 11 व्यक्तियों के नाम कर आरोपियों के करीब 3 करोड़ रुपये प्राप्त किए, जिसे सहारनपुर के जे एंड के बैंक में जमा कराया गया। आरोपी हुमायूं को एसआईटी एक दिन पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं, समीर कामयाब को क्लेमेनटाउन स्थित मृतक डीके मित्तल की जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर करोड़ों रुपये में बेचने के आरोप में दबोचा जा चुका है। एसआईटी अब रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में बेहद तेजी से आगे बढ़ रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह स्वयं प्रकरण को देख रहे हैं और पुलिस कार्रवाई की दशा-दिशा बताने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में अब तक कुल 18 गिरफ्तारी की जा चुकी है।