अधिवक्ता तिवारी पर एक और मुकदमा, मंदिर ट्रस्ट की जमीन बेची
रायवाला में गौरीशंकर मंदिर ट्रस्ट की जमीन के फर्जी दस्तवेज तैयार करने से जुड़ा है मामला
पुलिस महानिदेशक को दी शिकायत में स्वामी ब्रह्मदेव मुख्य ट्रस्टी गौरीशंकर मंदिर ट्रस्ट रायवाला ने बताया कि ट्रस्ट की ओर से गांव रायवाला में 15 नवंबर 1973 को रामाधर से खरीदी थी। न्यायालय तहसीलदार के आदेश के बाद 14 मार्च 1976 से रामाधर का नाम खारिज होकर गौरी शंकर मंदिर ट्रस्ट का नाम दर्ज हो गया। आरोपित अधिवक्ता देवराज तिवारी निवासी नेहरू कालोनी ने ट्रस्ट की संपत्ति बेचने के लिए ट्रस्ट के नाम से ही गलत तथ्यों के आधार पर मंदिर ट्रस्ट सब रजिस्ट्रार द्वितीय कार्यालय में पंजीकृत करा दिया।
अधिवक्ता व अन्य लोग फर्जी ढंग से ट्रस्ट में ट्रस्टी बने और विभागीय मिलीभुगत से राजस्व अभिलेखों में अपना नाम दर्ज करवा लिया। आरोपितों ने कई लोगों को गुमराह कर उन्हें ट्रस्ट की संपत्ति बेच दी। शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपित ने अपने रसूख का प्रयोग करके फर्जी तरीके से अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर ट्रस्ट की संपत्ति बेच है। इस मामले में पुलिस महानिदेशक ने एसपी देहात कमलेश उपाध्याय की अध्यक्षता में एक एसआइटी बनाकर शिकायत की जांच करवाई तो मामला सही पाया गया है। जिस आधार पर रायवाला थाने में आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
गोल्डन फॉरेस्ट की जमीन बेचने की बात भी सामने