राजकीय वाहन चालकों ने प्रांतीय बैठक में भरी हुंकार, कर्मचारियों की समस्याओं पर चर्चा
यमुना कालोनी स्थित प्रमुख अभियंता कार्यालय में आयोजित की गई राजकीय वाहन चालक संघ लोनिवि की प्रांतीय बैठक
Usha Gairola, Dehradun: राजकीय वाहन चालक लोक निर्माण विभाग की प्रांतीय बैठक में कर्मचारियों की विभिन्न मांगों पर चर्चा की गई। प्रमुख अभियंता कार्यालय में हुई प्रांतीय बैठक में डोजर ऑपरेटर को चालक की श्रेणी में रखे जाने की मांग उठाई गई। इसके साथ ही अनावश्यक की जा रही कटौती को बंद करने पर आवाज बुलंद की गई। संघ ने कहा कि यदि कटौती बंद नहीं की गई तो सभी यांत्रिक कर्मचारी न्यायालय की शरण में जाने को बाध्य होंगे। संघ ने यह भी मांग उठाई की कोविडकाल में ड्यूटी करने वाले सभी चालकों को 10 हजार रुपये का मानदेय अविलंब दिया जाए। क्लीनरों को भी चालकों की भांति मानदेय देने और टीए-डीए के भुगतान के लिए अविलंब बजट आवंटित करने की मांग उठाई गई। साथ ही पदोन्नति के लिए पात्र क्लीनरों का कोटा 25 से 50 प्रतिशत करने, इलेक्ट्रीशियनों को वर्दी सुविधा, क्लीनरों को चालकों की भांति मानदेय देने, वर्दी के रेट में बढ़ोत्तरी कर इसे मद में शामिल करने आदि पर भी संघ ने आवाज बुलंद की।
चालक संघ ने इस बात पर आक्रोश व्यक्त किया कि 30 वर्ष की सेवा पर 4800 ग्रेड-पे तय किया गया है। शासन से आग्रह किया गया कि इसे वापस लेकर 22 या 24 वर्ष की सेवा पर 4800 ग्रेड-पे का लाभ देने की व्यवस्था की जाए। अन्यथा जो व्यवस्था पहले से चली आ रही है, उस पर ही अमल किया जाए। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप कुमार मौर्य, संघ के प्रांतीय अध्यक्ष अनंतराम शर्मा, प्रांतीय महामंत्री संग्राम सिंह सैनी, वरिष्ठ सहायक महेश जोशी, आशीष रतूड़ी समेत जनपद ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, अल्मोड़ा, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रायग, हरिद्वार व देहरादून के अध्यक्ष/मंत्री उपस्थित रहे।