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रिस्पना-बिंदाल नदी पर 5500 करोड़ रुपये की एलिवेटेड रोड पर धरातलीय कसरत शुरू, सचिव लोनिवि का निरीक्षण
सचिव लोनिवि पंकज पांडे ने लिया प्रोजेक्ट के एलाइनमेंट का स्थलीय निरीक्षण, आराघर से रिस्पना तक अलग फ्लाईओवर की भी संभावना
Amit Bhatt, Dehradun: रिस्पना और बिंदाल नदी किनारों पर 5500 करोड़ रुपये का एलिवेटेड रोड का मेगा प्रोजेक्ट एक समय में दूर की कौड़ी नजर आ रहा था। क्योंकि, वर्ष 2019 में कवायद शुरू किए जाने के बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु की सक्रियता के बाद इसे बाहर निकाला गया। अब एलिवेटेड रोड की अतिमहत्वकांक्षी परियोजना पर धरातलीय कसरत भी शुरू की जा चुकी है। गुरुवार को सचिव लोनिवि पंकज पांडे ने एलिवेटेड रोड की प्रस्तावित विभिन्न साइटों का निरीक्षण किया। उन्होंने सभी बिंदुओं पर स्वयं जाकर वस्तुस्थिति देखी। साथ ही निर्देश दिए कि एलिवेटेड रोड की चैड़ाई के अंतर्गत आने वाली भूमि/संरचना की स्पष्ट स्थिति पर सप्ताहभर के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
सचिव लोनिवि पंकज पांडे ने रिस्पना और बिंदाल नदी पर प्रस्तावित 26 किमी लंबी दो एलिवेटेड रोड के एलाइनमेंट (संरेखण) का जायजा लिया। उन्होंने परियोजना के दोनों छोर समेत संवेदनशील स्थलों का निरीक्षण भी किया। ताकि धरातल पर शीघ्र काम शुरू करने की प्रक्रिया शुरू कराई जा सके। उन्होंने कहा कि परियोजना क्षेत्र में कितनी भूमि आ रही है, उसका स्पष्ट आकलन हो जाने के बाद आगे की कार्रवाई करने में आसानी होगी। लिहाजा, इस काम को शीघ्र पूरा किया जाए।
एनएचएआइ व राजमार्ग के साथ समन्वय बनाकर बढ़ें आगे
सचिव लोनिवि ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजना पर आगे बढ़ते समय भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) व राष्ट्रीय राजमार्ग खंडों के साथ भी समन्वय बनाया जाए। ताकि रिंग रोड और जोगीवाला के प्रस्तावित फ्लाईओवर/एलिवेटेड रोड के एलाइनमेंट की स्थिति भी स्पष्ट हो सके। यदि अन्य परियोजनाओं के मुताबिक एलिवेटेड रोड के डिजाइन में कुछ संशोधन करना पड़े तो उसे समय रहते पूरा किया जा सके। निरीक्षण में मुख्य अभियंता एनपी सिंह, अधीक्षण अभियंता रणजीत सिंह, अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी, कंसल्टेंट आदि शामिल रहे।
लोनिवि सचिव पंकज पांडे ने मुख्य अभियंता को निर्देश दिए कि आराघर से रिस्पना पुल तक भी फ्लाईओवर की संभावना तलाश की जाए। इसके लिए फिजिबिलिटी स्टडी करा ली जाए। क्योंकि, इस क्षेत्र की सड़कों को भी डी-कंजेस्ट करने की सख्त जरूरत है।
निरीक्षण के दौरान सचिव पंकज पांडे ने निर्देश दिए कि रिस्पना व बिंदाल नदी की एलिवेटेड रोड की जद में आने वाली बिजली व पानी आदि की लाइनों की शिफ्टिंग को होमवर्क भी पूरा कर लिया जाए। इस बारे में ऊर्जा निगम, पिटकुल, जल संस्थान, पेयजल निगम आदि एजेंसियों के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर वास्तविक आकलन कर आगणन तैयार किया जाए।
आईआईटी ने भी शुरू की मॉडल स्टडी
एलिवेटेड रोड को लेकर जो डीपीआर कंसल्टेंट ने तैयार की है, उसकी परख अब आईआईटी रुड़की की मॉडल स्टडी के माध्यम से कराई जा रही है। करीब 45 रुपये के इस काम में आईआईटी के विशेषज्ञों ने काम शुरू कर दिया है। चार माह के भीतर इसकी रिपोर्ट तैयार कर दी जाएगी। इस स्टडी में यह स्पष्ट किया जाएगा कि नदियों में तेज बहाव की स्थिति में परियोजना पर क्या असर पड़ सकता है और इसे कैसे महफूज रखा जा सकता है।
यह होगा एलिवेटेड रोड का दायरा, मिलेगा यह लाभ
पहली एलिवेटेड रोड विधानसभा के पास रिस्पना पुल से शुरू होकर राजपुर रोड से सटे नागल पुल पर जुड़ेगी। दूसरी एलिवेटेड हरिद्वार बाइपास रोड पर कारगी के पास बिंदाल पल से शुरू होगी और राजपुर रोड पर डाइवर्जन से आगे साईं मंदिर पर जुड़ेगी। दोनों रोड का उद्देश्य बाहरी क्षेत्र से आने वाले वाहनों को शहर में प्रवेश कराए बिना मसूरी रोड से जोड़ना है। ताकि शहर के भीतर वाहनों का अनावश्यक दबाव न बढ़ सके।
पिलर पर तैयार होगी एलिवेटेड रोड
लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी के मुताबिक एलिवेटेड रोड का निर्माण रिस्पना और बिंदाल नदी के चयनित स्थलों पर पिलर के माध्यम से किया जाएगा।यह सड़क पिलर पर सामान्य से अधिक लंबे फलाईओवर की शक्ल में तैयार की जाएगी।
यह होगी एलिवेटेड रोड की लंबाई
रिस्पना पुल से नागल पुल तक, 11 किलोमीटर
कारगी के पास बिंदाल पुल से साईं मंदिर तक, 15 किलोमीटर