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101 की स्पीड पर कटा चालान, कछुआ चाल पर मिला इनाम

ओवर स्पीड और यातायात नियमों के उल्लंघन करने वालों को पुलिस ने स्लो रेस (कछुआ दौड़) में कराया प्रतिभाग

Amit Bhatt, Dehradun: दून के नागरिक एक अजब-गजब रेस के साक्षी बने। इस रेस में पहले आने वाले को इनाम नहीं दिया गया, बल्कि जो सबसे पीछे रह गया, जीत का ताज उसके सिर सजाया गया। जिस वाहन चालक का पुलिस ने 101 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर चालान काटा, जब उसी चालक ने कछुआ गति से वाहन चलाया तो चालान काटने वाली पुलिस ने इनाम से भी नवाज दिया। इस स्लो रेस यानी कछुआ दौड़ का मकसद भी यही सीख देना था कि दुर्घटना से देर ही भली है।

लिहाजा, ओवर स्पीड से वाहन चलाने और यातायात के तमाम नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को स्लो रेस में प्रतिभाग कराया गया। ताकि वह सीख सकें और दूसरे वाहन चालकों को सिखा सकें कि धीमी चाल में संतुलन का नियम कितना मायने रखता है। जिसे जीवन मे संतुलन साधना आ गया, वह इसी तरह हारकर भी बाजीगर बन जाता है।

कछुआ रेस के विजेता प्रतिभागी इनाम के साथ, साथ में पुलिस अधिकारीगण।

100 मीटर की स्लो रेस (कछुआ दौड़) में 26 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता कनक चौक से रोजगार तिराहा तक लगभग 100 मीटर की दूरी में आयोजित की गई। इस दौरान टर्नर रोड निवासी फरीद खान ने पहला स्थान हासिल किया। हालांकि, फरीदखान का अब तक एक भी चालान नहीं हुआ और उन्होंने यह चाल करीब 04 मिनट में पूरी की।

कछुआ रेस के प्रथम विजेता फरदीन खान।

इसके बाद 03 मिनट 56 सेकेंड में लक्ष्य हासिल करने पर दूसरा स्थान प्रणव जोशी ने प्राप्त किया। प्रणव का जून महीने में तेज गति से वाहन चलाने पर चालान हुआ था। वह उस समय 101 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से वाहन चला रहे थे। इसके अलावा तीसरा स्थान सौरभ चौहान ने प्राप्त किया। उन्होंने तीन मिनट 50 सेकेंड में 100 मीटर की दूरी तय की। सौरभ का गलत दिशा में वाहन चलाने पर चालान कटा था।

कछुआ रेस के द्वितीय विजेता प्रणव जोशी।

पुलिस अधीक्षक यातायात सर्वेश पंवार ने बताया कि कछुआ चाल प्रतियोगिता कराए जाने का उद्देश्य आमजन को जागरूक करना है कि तेज गति से वाहन चलाना कोई समझदारी नहीं है, बल्कि धीमी गति से वाहन चलाकर जहां आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं, वहीं दूसरों के जीवन को भी संकट में नहीं डालते हैं। उन्होंने कहा कि सभी ने जिस प्रकार बचपन में कछुए तथा खरगोश की कहानी पढ़ी या सुनी होगी। इसमें कछुआ धीमी गति से चलकर भी तेज दौड़ने वाले खरगोश को हरा देता है। उसी प्रकार यदि हम अपने वाहन को सड़क पर निर्धारित गति सीमा के अंतर्गत चलाएंगे तो हमें कोई नहीं हरा सकता, यानी हम सड़क दुर्घटनाओं में अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं। साथ ही दूसरों को भी इस खतरे से बचा सकते हैं।


कछुआ रेस के तृतीय विजेता सौरभ चौहान।

इसलिए खतरनाक है रैश ड्राइविंग और ओवरस्पीड

वर्ष        हादसे      मौत
2021    365      165
2022    465      177
2023    481      201

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