Uttarakhand में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के ठिकानों पर ED का छापा, दो आईएफएस के घर भी पहुंची टीम
कॉर्बेट में अवैध निर्माण, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापेमारी, वन विभाग के कई अधिकारी भी रडार पर
Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड के पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार को हरक सिंह रावत के 16 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। कांग्रेस नेता हरक सिंह पर वन मंत्री रहते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में भारी अनियमितता का आरोप है। हरक तब भाजपा सरकार में मंत्री थे, उन्हें सरकार ने बर्खास्त कर दिया था और भाजपा से भी निष्कासन होने के बाद उन्होंने वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इससे पहले पूर्व मंत्री हरक सिंह के ठिकानों पर विजिलेंस और सीबीआई भी छापेमारी कर चुकी है। यह दोनों कार्रवाई नैनीताल हाई कोर्ट में दायर वाद के क्रम में की गई। जिसमें सीबीआई की जांच अभी गतिमान है।
वन मंत्री के रूप में हरक सिंह रावत के कार्यकाल में हरक और उनके कुछ विभागीय अधिकारियों पर टाइगर सफारी परियोजना के तहत कॉर्बेट पार्क के पाखरो रेंज में अवैध पेड़ काटने और निर्माण में शामिल होने से संबंधित गंभीर आरोप लगे। हालांकि, ईडी ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि छापेमारी के क्रम में क्या-क्या कार्रवाई की गई है। किसी संपत्ति को अभी अटैच किया गया है या नहीं। इतना जरूर है कि ईडी की यह ताबड़तोड़ छापेमारी फूलप्रूफ प्लान के तहत की गई है। ईडी की इस कार्रवाई को बड़ी माना जा रहा है। क्योंकि, जो भी संपत्ति कालाधन व भ्रष्टाचार से अर्जित मानी जाएगी, ईडी उसे अटैच कर सकती है।
भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि पाखरो बाघ सफारी के लिए 163 की अनुमति के खिलाफ कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) में 6000 से अधिक पेड़ अवैध रूप से काटे गए थे। हालांकि, राज्य वन विभाग ने एफएसआई के दावों का खंडन किया और कहा कि रिपोर्ट को अंतिम रूप से स्वीकार करने से पहले कुछ तकनीकी मुद्दों को हल करने की आवश्यकता है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि रावत से जुड़ी संपत्तियां ईडी अधिकारियों द्वारा जांच के दायरे में आई हैं। इससे पहले उत्तराखंड सतर्कता टीम ने देहरादून के शंकरपुर में एक संस्थान और छिद्दरवाला में एक पेट्रोल पंप पर छापे मारे थे। सीबीआई भी हरक सिंह रावत समेत उनके करीबी अधिकारी पूर्व आईएफएस किशन चंद व अन्य को कार्रवाई की जद में ले चुकी है।
शंकरपुर में दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और पेट्रोल पंप, जिस पर टीम ने बुधवार को छापा मारा, दोनों हरक सिंह रावत के बेटे के हैं। ईडी की टीमें हरिद्वार में पूर्व आईएफएस अधिकारी किशनचंद और दून में कुछ अन्य अधिकारियों के ठिकानों पर भी छापेमारी कर रही हैं। इसके अलावा आय से अधिक संपत्ति मामले में वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक के आवास पर भी ईडी का छापा पड़ने की सूचना है। सुशांत पटनायक पर हाल ही में महिला कर्मचारी से छेड़छाड़ में मुकदमा भी दर्ज हुआ है। इसके अलावा ईडी ने पूर्व मंत्री के करीबियों में शामिल ऋषिकेश में गंगानगर स्थित नरेंद्र वालिया के अपार्टमेंट, हरिद्वार राजमार्ग पर छिद्दरवाला स्थित अमरावती पेट्रोल पंप को भी कवर किया। साथ ही श्रीनगर के श्रीकोट स्थित हरक सिंह के पैतृक आवास पर भी टीम ने जांच-पड़ताल की।