ब्रेकिंग: चीला हादसे में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने मांगे साक्ष्य, तय किए गए 02 दिन
08 और 09 अप्रैल को कमेटी के समक्ष जन-सामान्य के साथ ही वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी रख सकते हैं अपनी बात, दे सकते हैं साक्ष्य
Amit Bhatt, Dehradun: 08 जनवरी 2024 को ऋषिकेश के चीला क्षेत्र में वन विभाग के इंटरसेप्टर वाहन हादसे की दर्दनाक घटना अभी भी तमाम व्यक्तियों के जेहन में जिंदा होगी। इस हादसे में चीला रेंज के वन क्षेत्राधिकारी (रेंजर) शैलेश घिल्डियाल, उप वन क्षेत्राधिकारी (डिप्टी रेंजर) प्रमोद ध्यानी, सैफ अली खान और कुलराज की जान चली गई थी। दूसरी तरफ सहायक वन संरक्षक/वन्यजीव प्रतिपालक आलोकी चीला शक्ति नहर में गिर गईं, जिनका शव चीला पावर हाउस के जलाशय से 03 दिन बाद बरामद किया जा सका। दुर्घटना में राजाजी नेशनल पार्क के पशु चिकित्सक डॉ राकेश नौटियाल, अंकुश, वाहन चला रहे अश्वनी बीजू, अमित सेमवाल व हिमांशु गुसाईं घायल हो गए थे। वहीं, एम्स ऋषिकेश में भर्ती घायल अंकुश ने दम तोड़ दिया था।
तीन वन अधिकारियों समेत अब तक 06 व्यक्तियों की जान लेने वाला चीला हादसा कैसे हुआ, इसके पूर्व और बाद के दो वीडियो भी सामने आए थे। जिसमें देखा गया कि कैसे 12 सेकेंड के भीतर सब कुछ तबाह हो गया। मामले में कंपनी और वाहन चालक पर मुकदमा दर्ज किया गया था और दुर्घटना को लेकर अलग-अलग स्तर से जांच शुरू कर दी गई थी। इसी क्रम में वन विभाग ने भी हादसे को लेकर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी (तथ्यान्वेषी समिति) गठित कर दी थी। अब इस कमेटी के सदस्य सचिव/मुख्य वन संरक्षक ने जांच को संपादित करने के लिए अलग-अलग तिथि पर बैठक बुलाकर साक्ष्य मांगे हैं।
जांच कमेटी के सदस्य सचिव की ओर से जारी की गई सार्वजानिक सूचना के मुताबिक 08 अप्रैल को राजाजी टाइगर रिजर्व के चीला रेंज कार्यालय में दोपहर पूर्व 11.30 से शाम 04 बजे तक कमेटी उपस्थित रहेगी। इस दौरान वन विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी हादसे से संबंधित जानकारी/अभिलेख/साक्ष्य उपलब्ध करा सकता है। इसके बाद 09 अप्रैल को दोपहर पूर्व 11.30 से शाम 04 तक कमेटी शीशमझाड़ी स्थित गढ़वाल मंडल विकास निगम गेस्ट हॉउस में मौजूद रहेगी। यहां पर कोई भी व्यक्ति चीला हादसे से संबंधित जानकारी/अभिलेख/साक्ष्य उपलब्ध करा सकता है।
पैराफिट से कैसे टकराया वाहन, वार्डन अलोकी नहर में कैसे गिरीं?
चीला हादसे के एक वीडियो में दिख रहा है कि वाहन के पेड़ों से टकराने के बाद वह वहीं रुक गया था। क्योंकि, इसके बाद कैमरा स्थिर स्थिति में नजर आता है और वाहन में भी कोई गति नजर नहीं आती। जिससे आभास होता है कि वाहन सिर्फ एक बार ही टकराया। जबकि अभी तक यह बात भी कही जा रही है कि वाहन पेड़ों से टकराने के बाद चीला नहर के पैराफिट से टकराया था। इसी टक्कर में उप वन्यजीव प्रतिपालक अलोकी नहर में जा गिरीं। यह ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब अभी किसी के भी पास नहीं हैं। उम्मीद है कि भविष्य में इनके स्पष्ट जवाब मिल पाएंगे।