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चाची ने बेच डाली दादी की जमीन, पासपोर्ट में दर्ज नाम ने खोला फर्जीवाड़ा

रजिस्ट्री कार्यालय ही बना जमीनों का सौदागर, जमकर बेची भोले-भाले नागरिकों की जमीनें, शासन की ओर से गठित एसआईटी की संस्तुति पर शहर कोतवाली में सब रजिस्ट्रार कार्मिकों समेत चार के विरुद्ध दर्ज किया गया मुकदमा

Amit Bhatt, Dehradun: जिस एसआइटी को अब तक पुलिस और प्रशासन के अधिकारी जमीन फर्जीवाड़े के मुकदमे दर्ज करने के लिए नजरंदाज करते रहे, वही एसआईटी अब यह बता रही है कि दून में भूमाफिया ने भोले-भाले नागरिकों और सरकार में निहित जमीनों को गिद्ध बनकर जमकर बेचा। रजिस्ट्री फर्जीवाड़े की इस फेहरिस्त में एक और मामला जुड़ा है, जिसमें एक व्यक्ति की चाची ने सब रजिस्ट्रार कार्यालय के कार्मिकों के साथ मिलीभगत कर न सिर्फ उसकी दादी के नाम से फर्जी रजिस्ट्री करा डाली, बल्कि उसे सब रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में भी दाखिल करवा दिया। प्रकरण का पता शिकायतकर्ता की दादी के पासपोर्ट से चला। क्योंकि, पासपोर्ट के नाम और रजिस्ट्री के नाम में भिन्नता पाई गई। शासन की ओर से गठित एसआईटी की संस्तुति के क्रम में पुलिस ने इस मामले में सब रजिस्ट्रार द्वितीय के अज्ञात कार्मिकों समेत चार व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है।

ग्रेटर कैलाश, नई दिल्ली निवासी ध्रुव ढीढ़ंसा ने शासन की ओर से रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में गठित एसआईटी के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी दादी दिवंगत संपूर्ण ढीढ़ंसा ने सर्कुलर रोड पर 153.182 वर्गमीटर जमीन खरीदी थी। यह भूमि वर्ष 1994 में दो सेल डीड के माध्यम से खरीदी गई थी। शिकायत के मुताबिक दादी के जीवनकाल में उन्होंने इस भूमि को न तो बेचा और न ही किसी व्यक्ति के नाम कोई पावर आफ अटार्नी की।

भूमि को फर्जी ढंग से बेचे जाने की जानकारी पहली बार तब सामने आई, जब वर्ष 2021 के एक वाद में इस संपत्ति को पारिवारिक श्रेणी से बाहर किए जाने की जानकारी मिली। तब पता चला कि तेगबहादुर रोड निवासी उनकी चाची रमिंदर मान ने इसकी रजिस्ट्री अपनी बेटी जसमिंदर मोलकर के नाम कर दी है। इसके लिए वर्ष 2005 में उनकी दादी की ओर से चाची के नाम की एक डीड को आधार बनाया गया। हालांकि, इस विक्रय पत्र को जाली बताया गया है।

शिकायत में कहा गया है कि ध्रुव की दादी ने अपना नाम हमेशा संपूर्ण ढीढ़ंसा लिखा है, जबकि सब रजिस्ट्रार कार्यालय में दाखिल रजिस्ट्री में उनका नाम संपूर्ण कौर लिखा गया है। दादी के स्पष्ट नाम को लेकर शिकायतकर्ता ने उनके पासपोर्ट की प्रति भी संलग्न की है। जिसमें दादी का नाम संपूर्ण ढीढ़ंसा दर्ज है। तमाम तथ्यों का अवलोकन करने के बाद एसआईटी ने प्रकरण में एफआईआर करने की संस्तुति की। जिसके आधार पर शहर कोतवाली में रमिंदर मान, जसविंदर मोलकर, कुलदीप सिंह और सब रजिस्ट्रार कार्यालय के अज्ञात कार्मिकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

अब तक 12 मुकदमे, 21 किए जा चुके गिरफ्तार
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में अब तक 12 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। जिनमें पुलिस अब तक 21 गिरफ्तारियां कर चुकी हैं और एक भूमाफिया केपी सिंह की सहारनपुर जेल में मौत हो चुकी है। प्रकरण में कई आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किए जाने के साथ ही गैंगस्टर एक्ट में भी कार्रवाई की गई है। रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में पुलिस ने वरिष्ठ अधिवक्ता कमल विरमानी को मुख्य आरोपी माना है, जो अभी जेल में बंद है। विरमानी के अलावा अन्य अधिवक्ता भी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं, जबकि कुछ और रडार पर हैं। पूरे प्रकरण में अच्छी बात यह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुरू से ही जमीन फर्जीवाड़े को लेकर गंभीर हैं और उन्होंने पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

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