गुप्ता बंधु की जमानत वसूली और धोखाधड़ी में भी खारिज, स्याही फेंकने वालों पर मुकदमा
कोर्ट के बाहर स्याही प्रकरण में गुप्ता बंधु की पेशी अपरिहार्य परिस्थितियों में वीसी के माध्यम से होगी, आरआरपी ने सीबीआई जांच की मांग उठाई
Round The Watch, Dehradun: बिल्डर सतेंदर सिंह साहनी उर्फ बाबा साहनी की आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार अजय गुप्ता व उनका बहनोई अनिल गुप्ता के विरुद्ध बढ़ाई जबरन वसूली (385) व धोखाधड़ी की धारा (420) में जमानत को लेकर तृतीय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट साहिस्ता बानो की अदालत में सुनवाई हुई। अदालत ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। इससे पूर्व अदालत आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में भी जमानत अर्जी खारिज कर चुकी है। दूसरी तरफ गुप्ता बंधु को जेल से पेशी पर लाए जाने के दौरान कोर्ट के बाहर स्याही फेंकने के प्रकरण में पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। इस प्रकरण को गुप्ता बंधु के अधिवक्ताओं ने कोर्ट रूम में भी उठाया। जिसके आधार पर कोर्ट ने आदेश दिया कि जब तक अपरिहार्य न हो आरोपियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से पेश किया जाए। जेल के भीतर भी आरोपी गुप्ता बंधु की सुरक्षा पुख्ता करने का आदेश दिया गया है।
बिल्डर सतेंद्र साहनी की आत्महत्या के मामले में अजय गुप्ता और अनिल गुप्ता को राजपुर थाना पुलिस ने 24 मई को गिरफ्तार कर 25 मई को कोर्ट के समक्ष पेश करने के बाद जेल भेज दिया था। मामले में अजय और अनिल गुप्ता ने प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र कोर्ट में दाखिल किया था। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। घटना से पूर्व बिल्डर की ओर से पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिसमें उन्होंने आरोपितों पर जबरन वसूली व धोखाधड़ी का आरोप भी लगाया था। एसएसपी के निर्देश पर मामले की जांच एसपी सिटी प्रमोद कुमार ने की। जांच के बाद पुलिस ने जबरन वसूली और धोखाधड़ी की धाराओं में बढ़ोतरी की।
शनिवार बाद दोपहर को दोनों आरोपियों को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अतुल सिंह पुंडीर व अभिमन्यु ध्यानी ने कहा कि जो धाराएं बढ़ाई गई हैं, अभियोजन पक्ष ने उसका खुलासा नहीं किया है। यह साझेदारों के बीच वित्तीय विवाद है, जिसे अपराधिक रंग दिया गया है। वहीं, सहायक अभियोजन अधिकारी भानु प्रताप बिष्ट ने कहा कि जबरन वसूली व धोखाधड़ी का अपराध गंभीर एवं अजमानतीय प्रकृति का है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बढ़ाई धाराओं में भी आरोपियों की जमानत खारिज कर रिमांड स्वीकृत कर दिया।
पुलिस अभिरक्षा में अजय गुप्ता के ऊपर फेंकी स्याही
शनिवार सुबह 11 बजे आरोपित अजय गुप्ता व अनिल गुप्ता को पुलिस अभिरक्षा में जेल से अदालत लाया गया। कोर्ट परिसर के बाहर ही सुराज सेवा दल के कार्यकर्ताओं ने अजय गुप्ता के ऊपर स्याही फेंक दी। इसके बाद उन्होंने नारेबाजी की। दल की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष कावेरी जोशी ने कहा कि सरकार ऐसे अपराधियों को संरक्षण देने का कार्य कर रही है। आरोपितों के विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज होते हुए भी इनको उत्तराखंड में वाई व जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की गई। उन्होंने मांग की कि पूरे घटनाक्रम की जांच सीबीआइ से करवाई जाए। सीबीआइ जांच न होने पर दल प्रदेश व्यापी आंदोलन करेगा।
साहनी आत्महत्या मामले की हो सीबीआइ जांच: आरआरपी
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी (आरआरपी) ने देहरादून के बड़े बिल्डर सतेंद्र साहनी की आत्महत्या के पीछे कुछ गहरे राज छुपे होने की आशंका जताते हुए इसकी सीबीआई जांच की मांग की है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि यह हत्याकांड उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश दो राज्यों की पुलिस से जुड़ा हुआ है और अजय गुप्ता व अनिल गुप्ता को फायदा पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की भूमिका इस प्रकरण में संदिग्ध है। इसके अलावा उत्तराखंड के भी कुछ बड़े नेता इस प्रकरण में शामिल हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर सीबीआइ जांच की मांग की है।