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04 अधिशासी अभियंता बर्खास्त, उत्तर प्रदेश से आकर गलत ढंग से उत्तराखंड में कर रहे थे नौकरी

गलत ढंग से आरक्षण का लाभ लेकर पेयजल निगम में कर रहे थे नौकरी, शासन ने लंबी जांच पड़ताल के बाद सेवा की समाप्त

Rajkumar Dhiman, Dehradun: उत्तराखंड पेयजल निगम के 04 अधिशासी अभियंताओं को शासन ने बर्खास्त कर दिया है। इन पर उत्तर प्रदेश से आकर उत्तराखंड में गलत ढंग से नौकरी करने का आरोप लगा था। इन अधिकारियों ने नियमों के विपरीत उत्तराखंड में आरक्षण का लाभ लिया। लिहाजा, लंबी जांच-पड़ताल के बाद शासन ने चारों अभियंताओं की सेवा समाप्त कर दी है। पेयजल निगम का मामला उजागर होने के बाद अंदेशा है कि अन्य विभागों में भी इस तरह की नियुक्ति पाई जा सकती है।

बर्खास्त किए गए 03 अभियंता वर्ष 2005, जबकि 01 की भर्ती वर्ष 2007 में हुई थी। विभाग के मुताबिक वर्ष 2005 में नियुक्त हुए अधिशासी अभियंता सुमित आनंद और मुनीश करारा उत्तर प्रदेश के निवासी हैं, जबकि इन्होंने अनुसूचित जाती के आरक्षण का लाभ उत्तराखंड में प्राप्त किया। इसी तरह वर्ष 2005 की भर्ती के मुजम्मिल हसन उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और उन्होंने उत्तराखंड में ओबीसी आरक्षण का लाभ लेकर नौकरी प्राप्त की। इसी तरह वर्ष 2007 में भर्ती हुईं सरिता गुप्ता दूसरे राज्य की निवासी हैं और उन्होंने उत्तराखंड में महिला वर्ग के आरक्षण का लाभ लेकर नौकरी हासिल की।

जबकि स्पष्ट है कि दूसरे राज्यों के सभी श्रेणियों के अभ्यर्थी सामान्य वर्ग के तहत ही आवेदन कर सकते हैं। मामला पकड़ में आने के बाद की गई जांच के क्रम में प्रकरण को कार्मिक विभाग (उत्तराखंड शासन) को भेजा गया था। कार्मिक विभाग के निर्देश पर चारों अभियंताओं को पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया गया था। पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान के मुताबिक प्रकरण में सभी अभियंताओं की समुचित सुनवाई की गई। हर एक बिंदु के समाधान के बाद चारों की सेवा समाप्त की गई है।

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