डूबते दून में तैरते सवालों के बीच डीएम की कदमताल
जलभराव और सड़कों की स्थिति का जायजा लेने सुबह 11 बजे निकली जिलाधिकारी सोनिका, शाम 04 बजे तक चला निरीक्षण
Amit Bhatt, Dehradun: दून की डूबती सड़कों और उस पर तैरते सवालों की थाह लेने जिलाधिकारी (डीएम) सोनिका स्वयं ही निकल पड़ीं। सुबह 11 बजे शुरू हुआ उनका दौरा शाम 04 बजे तक जारी रहा। इस दौरान उन्होंने रायपुर क्षेत्र के विधायक उमेश शर्मा काऊ और धर्मपुर क्षेत्र के विधायक विनोद चमोली के साथ शहर के तमाम इलाकों का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने शहर के प्रवेश स्थल आइएसबीटी के ताल-तलैया बनने और यहां मशीनरी के अब तक के सभी प्रयास असफल होने का आकलन किया। विधायकों के साथ लंबी चर्चा की गई और समाधान पर राय कायम की गई। दूसरी तरफ उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलपमेंट एजेंसी की हीलाहवाली पर भी डीएम का पारा चढ़ गया और उन्होंने अधिकारियों को खारीखोटी सुना डाली।
आइएसबीटी जैसे अहम स्थल को जलभराव से बाहर निकालने के लिए जिलाधिकारी सोनिका ने धर्मपुर विधायक विनोद चमोली और राष्ट्रीय राजमार्ग खंड देहरादून के अधिशासी अभियंता दीपक गुप्ता के साथ लंबी चर्चा की। क्योंकि, यहां सुधार के अब तक जो भी प्रयास किए गए, वह असफल साबित हुए। यहां न सिर्फ सर्विस लेन संकरी है, बल्कि नाले का आकार छोटा है। जिसके चलते इस भाग पर पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर आ जाता है। इससे निजात पाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग खंड देहरादून ने बीते वर्ष 27 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन भी नहीं मिल पाया। राजमार्ग खंड के अधिशासी अभियंता दीपक गुप्ता ने कहा कि जब तक नाले का आकार नहीं बढ़ा दिया जता, तब तक जलभराव से पूरी तरह निजात मिल पाना संभव नहीं है।
इसके लिए सर्विस लेन को चौड़ा कर नाले को भी भीतर की तरफ शिफ्ट करना पड़ेगा। भीतर की तरफ ऊर्जा निगम का बिजली घर है और तमाम भूमिगत लाइनें भी हैं। लिहाजा, ऊर्जा निगम की जमीन का अधिग्रहण करना पड़ेगा। इसी तरह मोहब्बेवाला की तरफ राजा राम मोहन राय एकेडमी की भूमि के भी कुछ हिस्से के अधिग्रहण की जरूरत पड़ेगी। यह कार्य दो चरणों में किया जा सकता है। लिहाजा, इस प्रस्ताव पर आगे बढ़ने के लिए करीब 27 करोड़ रुपए के बजट की जरूरत पड़ेगी। विधायक चमोली ने कहा कि राजमार्ग खंड के प्रस्ताव को पास कराने के लिए वह हरसंभव प्रयास करेंगे।
इसलिए नाले को चौड़ा करना जरूरी
वर्तमान में जो नाला सर्विस रोड से गुजर रहा है, उसका आकार 01 गुणा 01 मीटर है। अधिकारियों के मुताबिक इस नाले का निर्माण करीब 15 साल पहले किया गया था। इस अवधि में ने सिर्फ शहर का घनत्व बढ़ा है, बल्कि नाले में पानी का प्रवाह भी बढ़ा है। इसलिए नाले का आकार अब कम से कम 1.5 गुणा 1.5 मीटर करना होगा।
फौरी समाधान के लिए टर्नर रोड नाले से जुड़ेगी निकासी
नाले का आकार बढ़ाने की योजना में लंबा समय लगेगा। ऐसे में फौरी समाधान पर भी निरीक्षण के दौरान चर्चा की गई। तय किया गया कि सर्विस लेन से सटे नाले से ओवरफ्लो होने वाले पानी की निकासी को टर्नर रोड के नाले से जोड़ा जाएगा। राजमार्ग खंड एक दो दिन में इस दिशा में कदम बढ़ाएगा।
दूसरी सर्विस लेन पर भी शिफ्टिंग की योजना
जिलाधिकारी और विधायक के निरीक्षण के दौरान यह बात भी रखी गई कि आइएसबीटी क्षेत्र में वर्षा के दौरान भी सुगम यातायात के लिए दूसरी तरफ की सर्विस लेन से लगी दुकानों को शिफ्ट किया जाए। ताकि यहां से बाईपास रोड के विकल्प पर आगे बढ़ा जा सके।
डीएम ने सौंग पुल का निरीक्षण भी किया
निरंतर जारी वर्षा और नदियों के बढ़ते जलस्तर के बीच जिलाधिकारी सोनिका ने रायपुर विधानसभा क्षेत्र में सौंग पुल का भी जायजा लिया। बीते वर्ष नदी का जलस्तर बढ़ने से इस पुल की एप्रोच रोड का बड़ा हिस्सा ढह गया था। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सौंग नदी समेत अन्य नदियों में चैनलाइजेश्न समेत बाढ़ सुरक्षा के अन्य कार्य मानकों के अनुरूप किए जाएं। इस दौरान निर्देश दिए गए कि नदी नालों किनारे बसे व्यक्तियों की आपात स्थिति में सुरक्षित स्थान के शिफ्ट करने के लिए जगह चिह्नित की जाए।
यूयूएसडीए के अफसरों को डीएम ने लगाई फटकार
जिलाधिकारी (डीएम) सोनिका ने शनिवार को सुबह करीब 11 बजे से शाम चार बजे तक के दौरे में सड़कों की दशा भी देखी। दरअसल, उन तमाम कालोनियों से शिकायत मिल रही हैं, जिन्हें यूयूएसडीए (उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलपमेंट एजेंसी) ने सीवर और पेयजल लाइन बिछाने के लिए खोदा है। इस दौरान उन्होंने मोथरोवाल, बंगाली कोठी, दून यूनिवर्सिटी रोड, बंजारावाला आदि क्षेत्रों का जायजा लिया। बंगाली कोठी चौक के आगे सड़क पर बड़े गड्ढे और उनमें पानी भरा होने पर जिलाधिकारी का पारा चढ़ गया। उन्होंने एजेंसी के प्रति सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की व्यवस्था में तत्काल सुधार लाया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि वह स्वयं सड़कों का दौरा कर एक सप्ताह में हालात में सुधार लाएं। इसके अलावा जिलाधिकारी ने रेखीय विभागों को निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन के तहत सभी प्रस्तावित कार्य पूरे किए जाएं।