Amit Bhatt, Dehradun: राजधानी दून समेत प्रदेश के तमाम क्षेत्रों में पैथालॉजी लैब और कलेक्शन सेंटरों की बाढ़ सी आ गई है। गली-मोहल्लों में खुले ये पैथालॉजी सेंटर एक कॉल पर झटपट घर पर पहुंचकर भी खून के और अन्य सैंपल एकत्रित कर रहे हैं। लेकिन, सैंपल की जांच मानकों के अनुरूप की भी जा रही है या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है। अब तो दिल्ली में बैठे पैथालॉजी सेंटर भी ऑनलाइन बुकिंग कर अपने कलेक्शन सेंटरों के माध्यम से नमूने एकत्रित करवा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने ऐसे पैथालॉजी लैबों और केलक्शन सेंटरों का सच जानने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। जिसके क्रम में राजधानी दून से लेकर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में संबंधित मुख्य चिकित्सा अधिकारी छापेमारी कर रहे हैं। दून में सीएमओ के निर्देश पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दिनेश चौहान के नेतृत्व में शनिवार को दूसरे दिन भी छापेमारी की गई। जिसमें स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 07 लैब की जांच की।
इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने देहरादून स्थित पैथकाइंड डायग्नोस्टिक लैब, लाइफ केयर पैथोलॉजी लैब, यश पैथोलॉजी लैब, वी केयर पैथलैब, अरिहंत हॉस्पिटल, देहरादून स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और जैन पैथ लैब में जाकर निरीक्षण किया। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दिनेश चौहान ने बताया कि पैथकाइंड डायग्नोस्टिक लैब और लाइफ केयर पैथोलॉजी लैब में ब्लड कलेक्शन सेंटर की सूची नहीं मिली, जबकि यश पैथोलॉजी लैब, वी केयर पैथलैब, अरिहंत हॉस्पिटल और देहरादून स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में पैथोलॉजिस्ट मौजूद नहीं था। वहीं, जैन पैथ लैब बिना पंजीकरण और बिना पैथोलॉजिस्ट के संचालित की जा रही थी।
सभी लैब को नोटिस जारी किया गया है। सभी पैथोलॉजी लैब को कलेक्शन सेंटर से संबधित सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए तथा डेंगू जांच के संबंध में भी आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए। वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय जैन ने बताया कि जनपद के समस्त लैबों को आदेशित किया गया है कि वे अपने समस्त ब्लड कलेक्शन सेंटर की सूची विभाग को अविलंब उपलब्ध करा दें। समस्त लैब तथा ब्लड कलेक्शन सेंटर क्लिनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट में अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराएं। इसके अलावा लैबों को जांच एवं उनके नियत दरों की सूची अपने प्रतिष्ठान में चस्पा करनी होगी। निर्देशों का उल्लंघन किए जाने पर क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के अंतर्गत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जांच के लिए अधिकृत 2200 लैब, संचालन 5000 से अधिक का
प्रदेश में पैथालॉजी लैब और कलेक्शन सेंटर की हकीकत यह है कि अनधिकृत प्रतिष्ठान भी खून और अन्य सैंपल लेकर जांच कर रहे हैं। क्योंकि, प्रदेश में 2200 के करीब ही पैथालॉजी लैब और कलेक्शन सेंटर पंजीकृत हैं, जबकि संचालन 5000 से अधिक का किया जा रहा है। नियमों के मुताबिक एक पैथालॉजिस्ट दो से अधिक लैब की रिपोर्ट नहीं जांच सकता, मगर यहां भी घालमेल चल रहा है। यह खेल फर्जी डिजिटल सिग्नेचर की आड़ में किया जा रहा है। जो कि डिजिटल होने की जगह महज स्कैन साइन से अधिक नहीं हैं।