बैटरी बनाने वाली कंपनी ने सरकार को लगाया 05 करोड़ का चूना, कर बचाने के लिए लगाया था जुगाड़
राज्य कर विभाग की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन विंग ने हरिद्वार की कंपनी पर मारा छापा, सोलर पैनल की आड़ में की गई कर चोरी
Rajkumar Dhiman, Dehradun: बैटरी बनाने वाली कंपनी ने कर चोरी के लिए ऐसा जुगाड़ लगाया कि सरकार को 05 करोड़ रुपए की चपत लग गई। अपनी कर देयता को 28 की जगह 12 प्रतिशत पर लाने के लिए कंपनी ने बैटरी के साथ सोलर पैनल और चार्ज कंट्रोलर जैसे आइटम की फर्जी बिक्री भी दिखा दी। क्योंकि, बैटरी के साथ इस तरह के कॉम्बिनेशन की आपूर्ति पर 12 प्रतिशत ही कर देयता बनती है। लेकिन, इस खेल को जीएसटी अधिकारियों ने पकड़ लिया और प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला कि कंपनी ने 05 करोड़ रुपए की कर चोरी की है।
राज्य कर विभाग को हरिद्वार के भगवानपुर स्थित शिव शक्ति इंडस्ट्रियल एरिया में बैटरी बनाने वाली कंपनी लंबे समय से कर चोरी कर रही है। इस बात की तस्दीक करने के लिए अपर आयुक्त गढ़वाल जोन पीएस डुंगरियाल के निर्देश पर विशेष अनुसंधान शाखा/प्रवर्तन हरिद्वार की संयुक्त आयुक्त सुनीता पांडे और विशेष अनुसंधान शाखा/प्रवर्तन देहरादून के संयुक्त आयुक्त श्याम सिंह तिरुवा की टीम ने कंपनी पर छापा मारा। इस दौरान कंपनी की चार सहयोगी ट्रेडिंग फर्मों पर भी जांच की गई। पता चला कि यह कंपनी वर्ष 2019 से कार्यरत है और उत्तराखंड के साथ ही अन्य राज्यों में भी बड़े स्तर पर बैटरी की आपूर्ति कर रही है। जांच के दौरान पता चला कि कंपनी कर बचाने के लिए बैटरी के साथ सोलर पावर जनरेटिंग सिस्टम की फर्जी बिक्री दिखाई जा रही है।
जिस आधार पर कंपनी निर्धारित 28 प्रतिशत की जगह 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी जमा कर रही थी। अधिकारियों ने जांच-पड़ताल के बाद यह पुष्ट किया कि बैटरी के साथ जो सोलर पैनल, चार्ज कंट्रोलर भेजे जाते हैं, उन्हें बाद में वापस मंगा लिया जाता है। इन्हीं सोलर उपकरणों को बाद में दूसरी आपूर्ति में शामिल कर दिया जाता है। छापेमारी के दौरान अधिकारियों को कंपनी के परिसर में एक माल लदा वाहन भी मिला। जिसकी जांच में पाया गया कि इसमें लादे गए सोलर पैनल वर्ष 2021 के हैं, जबकि बैटरी नई हैं। इस विषय में जब कंपनी के निदेशक से पूछताछ की गई तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। प्रारंभिक जांच में अधिकारियों ने 05 करोड़ रुपए की कर चोरी का आकलन किया, जिसमें बढ़ोत्तरी भी संभव है। कर चोरी के पुख्ता प्रमाण विभाग के हाथ लग जाने के बाद कंपनी निदेशक ने मैके पर ही 1.9 करोड़ रुपए सरेंडर भी कर दिए। छापेमारी में उपायुक्त कार्तिकेय वर्मा, सुरेश कुमार, सहायक आयुक्त मनमोहन असवाल, नितिन कुमार विश्वकर्मा, अविनाश कुमार झा, सुनील रावत समेत कुल 60 कार्मिक शामिल रहे।
निदेशक और अकाउंटेंट के मोबाइल कब्जे में लिए
कर चोरी से जुड़े इस प्रकरण में राज्य कर विभाग के अधिकारियों ने आगे की जांच के लिए कंपनी निदेशक के साथ ही अकाउंटेंट के मोबाइल भी कब्जे में लिए हैं। इसके साथ ही कंपनी कार्यालय के लैपटाप, डेस्कटाप के साथ ही कारोबार से संबंधित तमाम दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।