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Video: उत्तराखंड के युवा क्या सिर्फ चपरासी बनने के लिए हैं?

भाजपा विधायक विनोद चमोली ने राज्य आंदोलनकारियों को नौकरी में आरक्षण पर उठाए सवाल

Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड का युवा क्या सिर्फ चपरासी बनने के लिए है। पृथक राज्य के लिए संघर्ष करने वाले उत्तराखंडियों के बच्चे अफसर क्यों नहीं बन सकते। योग्य युवाओं को मेरिट के आधार पर हर पद पर अवसर मिलना चाहिए। चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों को अफसर के पद पर भी क्षैतिज आरक्षण दिया जाए। यह मांग उठाई है भाजपा विधायक विनोद चमोली ने। उन्होंने गैरसैंण में हुए विधानसभा के मानसून सत्र में बेबाकी से अपनी बात कही। उन्होंने पहाड़ की पीड़ा बयां करते हुए आंदोलनकारियों के संघर्ष की बात कही। साथ ही आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की।

देहरादून जिले के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक विनोद चमोली अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं। वह अक्सर अपनी ही सरकार व सिस्टम पर सवाल खड़े कर देते हैं। गैरसैंण में आयोजित विधानसभा सत्र के अंतिम दिन भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। विधायक विनोद चमोली ने राज्य आंदोलनकारियों को नौकरी में आरक्षण देने को लेकर अपनी बात कही। विधायक चमोली ने कहा कि सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों को नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का निर्णय लिया है। लेकिन, इसमें केवल समूह घ और समूह ग को ही शामिल किया गया है। विधायक ने सदन में सरकार से सवाल पूछा कि क्या उत्तराखंड का युवा केवल चपरासी बनने का हकदार है। समूह क और ख में आंदोलनकारियों को आरक्षण क्यों नहीं दिया जा सकता। प्रदेश में करीब 11 हजार चिन्हित आंदोलनकारी हैं। यदि उनके आश्रित योग्य हैं और मेरिट में आते हैं तो उन्हें उच्च पदों पर भी आरक्षण मिलना चाहिए।

कांग्रेसी विधायक पर भड़के चमोली

सदन में विधायक चमोली के भाषण के दौरान कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने उन्हें बीच में रोकने का प्रयास किया और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को बोलने का मौका देने की मांग की। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी। इधर, विनोद चमोली जरूर कांग्रेस विधायक पर भड़क गए। चमोली ने कहा की आंदोलनकारियों के हित में यदि कोई फैसला होना हो तो पक्ष विपक्ष को एकमत होना चाहिए। जबकि, काजी निजामुद्दीन आंदोलनकारियों के मुद्दे पर बात ही नही करना चाहते। विनोद चमोली ने कहा कि उनकी मां डेढ़ किलोमीटर दूर से पानी ढोकर लाती थी और उनका बेटा विनोद चमोली राज्य आंदोलन में सक्रिय रहा, दो बार जेल गया और रासुका भी झेली। काजी निजामुद्दीन ने यह सब नहीं देखा है, इसलिए वह इस मुद्दे पर बात नहीं करना चाहते। हालांकि, इसके बाद कांग्रेस विधायक चुपचाप नीचे बैठ गए।

चिन्हित आंदोलनकारियों की सूची जल्द घोषित करने की मांग

विधायक विनोद चमोली ने आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण को गठित समिति के अध्यक्ष संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से मांग की कि जल्द से जल्द समस्त चिन्हित आंदोलनकारियों की सूची घोषित की जाए, ताकि उन्हें समय रहते नौकरी में आरक्षण का लाभ मिल सके। चमोली ने यह भी कहा कि कमेटी में वह भी सदस्य रहे, उनके अलावा सत्ता और विपक्ष के विधायकों की भी राय ली गई। सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों के एक पुत्र को आरक्षण देने के बजाय योग्य होने पर दूसरे को भी लाभ प्रदान किया है। इसके अलावा पुत्री भी यही तलाकशुदा, विधवा या परित्यकता हो तो उसे भी आरक्षण का लाभ देने का प्राविधान है। इसके लिए उन्होंने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया।

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