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पाकिस्तान और चीन के एजेंटों के साथ जुड़े साइबर ठगों के तार, एसटीएफ ने 03 को दबोचा

देहरादून के युवक से 23 लाख की साइबर ठगी की जांच कर रही उत्तराखंड एसटीएफ के हाथ अंतर्राष्ट्रीय गिरोह की गर्दन तक पहुंचे

Amit Bhatt, Dehradun: साइबर ठग देश और देश के नागरिकों के लिए भविष्य का सबसे बड़ा आर्थिक खतरा बनते दिख रहे हैं। सबसे गंभीर बात यह है कि साइबर ठग दुश्मन देश पाकिस्तान और भारत को तिरछी निगाहों से देखने वाले चीन के एजेंटों के साथ भी जुड़े हैं। देहरादून के एक युवक के साथ की गई 23 लाख रुपये की साइबर ठगी की जांच करते हुए उत्तराखंड एसटीएफ की टीम के हाथ जब अंतर्राष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह की गर्दन तक पहुंचे तो उन्होंने खुद इस बात को स्वीकार किया। इस मामले में एसटीएफ उत्तराखंड ने कानपुर और दिल्ली के 03 आरोपी युवकों को गिरफ्तार किया है। यह युवक पाकिस्तानी और चीनी एजेंटों के साथ मिलकर भारतीय खातों ठगे गए रुपयों को क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से बाहर पहुंचाते हैं। फिर गिरोह के सरगना क्रिप्टो के लेनदेन में प्रयुक्त होने बिनांस और ट्रस्ट वॉलेट जैसे प्लेटफॉर्म से यूएसडीटी (यूनाइटेड स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ द ट्रेजरी) का प्रयोग कर रकम को भुनाते हैं। इस रकम को बिनांस और ट्रस्ट वॉलेट में ट्रांसफर कर 90 रुपये प्रति यूएसडीटी की जगह 104 रुपये के भाव से भारतीय ठगों को भुगतान करते हैं। इस राशि को ठग आपस में बांट लेते हैं।

आयुष अग्रवाल, एसएसपी, एसटीएफ उत्तराखंड

सोमवार को पत्रकारों से रूबरू एसटीएफ उत्तराखंड के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आयुष अग्रवाल के मुताबिक मोहब्बेवाला, जनपद देहरादून निवासी शिकायतकर्ता/पीड़ित ने जून-2024 में साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून में नौकरी के लिए आनलाईन प्लेटफॉर्म naukri.com सर्च किया था। इसके तुरंत बाद अज्ञात साइबर ठगों ने पीड़ित को व्हाट्सएप नं. से कॉल कर बताया कि उन्हें naukri.com से आपका सीवी/ रिज्यूम प्राप्त हुआ है। जिसके लिए पहले आपको रजिस्टेशन चार्ज 14,800/-रुपये का भुगतान करना पड़ेगा।

पीड़ित युवक के भुगतान करने के बाद उसे lintojacob@hrsuntorybfe.com से इंटरव्यू के लिए SKYIP से कॉल आया तथा उनके द्वारा लगभग 01 घंटे तक टेक्निकल इंटरव्यू लिया गया। उसके बाद दिनांक 22.11.2023 को फाईनल राउंड के लिए इंटरव्यू लेने के बाद सलेक्शन हो जाने की बात कहकर दस्तावेज वैरिफिकेशन, जॉब सिक्यिोरिटी, फास्ट ट्रैक वीजा तथा IELTS exam आदि के नाम पर क्विक सॉल्यूशन (Quick Solution) आकाउंट में रुपये जमा कराए गए। शिकायतकर्ता को बताया गया कि उसके द्वारा IELTS exam के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया, जिस कारण वीजा कैंसिल किया जा रहा है और पीड़ित को 03 महीने में पैसा वापस करने की बात कही गई।

इसके बाद पीड़ित को अन्य व्हाट्सएप नं. से पुनः कॉल आई व coca cola uk as AVP (Operation) में वेकेंसी होना बताकर फिर से वही रजिस्ट्रेशन, इंटरव्यू आदि की बात दोहराकर शिकायतकर्ता से पुनः विभिन्न खातों में भुगतान कराकर कुल 22 लाख 96 हजार रुपये की साईबर ठगी की गई। साइबर ठगी के लिए ठगों ने शिकायतकर्ता की ई-मेल आईडी पर जानी-मानी कंपनियों के नाम से मिलती जुलती ई-मेल आईडी jacob@carriercocacola.com, lintojacob@hrsuntorybfe.com, support@jobphent.se, support@jobphent.com, lintojacob@hrsuntorybfe.com, contact@recuritmentjob.in से संपर्क किया गया था।

इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी आयुष अग्रवाल ने साइबर थाना के निरीक्षक विकास भारद्वाज को जांच सुपुर्द कर घटना का पर्दाफाश करने के लिए टीम गठित कर आगे बढ़ने के निर्देश दिए गए थे। साइबर क्राइम पुलिस ने जांच शुरू करते हुए ठगी में प्रयुक्त बैंक खातों/मोबाइल नंबरों तथा व्हाट्सएप की जानकारी के लिए संबंधित बैंकों, सर्विस प्रदाता कंपनी तथा मेटा (फेसबुक) एवं गूगल आदि से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया। प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी में आया कि साइबर ठगों ने पीड़ित से हड़पी धनराशि को विभिन्न बैंक खातों में स्थानांतरित किया है।

संबंधित खातों और उसका प्रयोग करने वाले व्यक्तियों की तरफ बढ़ते हुए टीम ने ठगी के मास्टर मांइड व मुख्य आरोपियों को चिह्नित करते हुए कई स्थानों पर छापेमारी की, लेकिन आरोपी काफी शातिर किस्म के हैं और वह पुलिस को चकमा देने के उद्देश्य से समय-समय पर अपनी लोकेशन बदलते रहते थे। साइबर पुलिस टीम ने अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुये साक्ष्य एकत्रित कर आखिरकार मास्टर माइंड सहित 03 युवकों अलमास आजम, अनस आजम व सचिन अग्रवाल को मेट्रो स्टेशन जनकपुरी वेस्ट दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से 06 मोबाइल फोन, 42 बैंक पासबुक/चैकबुक डेबिट/क्रेडिट कार्ड, 16 सिमकार्ड, आधार कार्ड व पैन कार्ड बरामद किए गए हैं।

पाकिस्तान और चीन से कनेक्शन स्वीकारा
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में पाकिस्तान, चीन और दुबई से से कनैक्शन होना स्वीकार किया है। इसी की अनुरूप आरोपियों के मोबाइल फोन में व्हाट्सएप, टेलीग्राम के माध्यम से चैटिंग होनी पाई गई है। जिसमें देश से बाहर के ठगों के साथ बैंक खातों की यूपीआई आईड़ी, खातों की डिटेल्स, क्यूआर कोड, स्कैनर आदि का आदान-प्रदान किया जाना भी पाया गया है। इसके अलावा USDT क्रिप्टोकरेंसी में एक दूसरे के खातों में भारतीय रुपये के ट्रांजेक्शन संबंधी चैट्स को भी हासिल कर लिया गया है।

इस तरह की जाती है साइबर ठगी, म्यूल अकाउंट का सहारा
साइबर अपराधियों द्वारा पीड़ितों से ठगी की गई धनराशि को भोले-भाले लोगों के बैंक खाता विवरण का दुरुपयोग करके प्राप्त किया जाता है। वे लोगों के ओरिजिनल आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि लेकर फर्जी बैंक खाते (म्यूल अकाउंट) खोलते हैं, जहां यह पैसा जमा किया जाता है। इन खातों के दस्तावेज़ और एसएमएस अलर्ट नंबरों को फिजिकली दुबई भेज दिया जाता है। इस प्रक्रिया में दुबई का मास्टरमाइंड (पाकिस्तानी एजेंटों) भारतीय सहयोगी को शामिल करता है, जो पूरे बैंक खाते के किट प्राप्त करते हैं। वहीं, चीनी एजेंट व्हाट्सएप और टेलीग्राम के माध्यम से क्रिप्टो भुगतान और वास्तविक समय (real time) में यूपीआई विवरणों के लिए निर्देश देते हैं। गिरोह के अन्य सदस्य बिनांस और ट्रस्ट वॉलेट जैसी क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म से USDT (जो क्रिप्टो लेन-देन में उपयोग होता है) खरीदते हैं। USDT को बिनांस वॉलेट में ट्रांसफर किया जाता है और जुड़े हुए विदेशी ठग इसे 90 रुपये प्रति USDT के बजाय 104 रुपये प्रति USDT के भाव से भारतीय रुपये भेजते हैं। मुनाफे को आपस में बांटा जाता है, जिसमें 7 रुपये सचिन को और बाकी 7 रुपये आजम भाइयों को दिया जाता है। आजम ब्रदर्स को प्रत्येक फर्जी खाते के लिए अतिरिक्त कमीशन भी मिलता है।

गिरफ्तार व्यक्तियों के नाम व पते
1. अलमास आजम पुत्र गौशल आजम निवासी 85/42 अशरफाबाग जाजमऊ नियर शिवांश टेनरी थाना चकैरी कानपुर उ.प्र. उम्र-29 वर्ष।
2. अनस आजम पुत्र गौशल आजम निवासी 85/42 अशरफाबाग जाजमऊ नियर शिवांश टेनरी थाना चकैरी कानपुर उ.प्र., उम्र-25 वर्ष।
3. सचिन अग्रवाल पुत्र राजेंद्र अग्रवाल निवासी सी-34 सेकंड फ्लोर कृष्णा पार्क विकासपुरी दिल्ली, उम्र-41 वर्ष।

कार्रवाई करने वाली टीम
1- निरीक्षक विकास भारद्वाज
2- उप निरीक्षक राजीव सेमवाल
3- अपर उप निरीक्षक सुरेश कुमार
4- कांस्टेबल शादाब अली

एसएसपी की अपील, झांसे में न आएं नागरिक
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखंड आयुष अग्रवाल ने जनता से अपील की है कि वह किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आएं। साथ ही कहा कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर, YouTube like सब्सक्राइव करने आदि माध्यमों से निवेश न करें व किसी भी अनजान व्यक्ति के संपर्क में न आएं। न ही किसी अपरिचित व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती करें। अनजान कॉलर की सत्यता की जांच करे बिना किसी भी प्रकार की सूचना/दस्तावेज न दें। किसी भी प्रकार के ऑनलाईन जॉब हेतु एप्लाई कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन संबंधित कंपनी आदि से भली-भांति पड़ताल अवश्य करा लें। एसएसपी ने कहा कि गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नंबर को जाने बिना उस पर कॉल न करें और संदेह होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को सूचित करें। वित्तीय साइबर अपराध घटित होने पर तत्काल 1930 पर संपर्क करें।

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