DehradunUttarakhand

नई आवास नीति साकार करेगी गरीब से लेकर मध्यम वर्ग के आवास का सपना

उडा ने तैयार किया नई आवास नीति का ड्राफ्ट, सचिव आवास सुंदरम ने हितधारकों के साथ की चर्चा

Rajkumar Dhiman, Dehradun: वर्ष 2017 में आई प्रदेश की आवास नीति के बाद अब इसे संशोधन के साथ नए रूप में उतारा जा रहा है। उत्तराखंड आवास इन नगर विकास प्राधिकरण (उडा) ने इसका ड्राफ्ट तैयार किया है। नई नीति में गरीब से लेकर मध्यम वर्ग के आवास का सपना साकार किया जाएगा। यह नीति ऐसे समय पर धरातल पर उतरने को तैयार है, जब प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 (शहरी) के तहत केंद्र सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया है। इस राशि से आगामी 05 साल में 01 करोड़ आवास तैयार किए जाएंगे। लिहाजा, केंद्र के खजाने का अच्छा खासा रुख प्रदेश की तरफ करने के लिए राज्य सरकार ने भी पूरी तैयारी के साथ नीति को धरातल पर उतारने की तैयारी कर ली है। गुरुवार को सचिव आवास डा आर मीनाक्षी सुंदरम ने उडा सभागार में हितधारकों के साथ बैठक कर इसके सुगम कार्यान्वयन पर चर्चा की।

बैठक में सचिव आवास ने कहा कि नई नीति में अति दुर्बल, दुर्बल और निम्न मध्यम आय वर्ग के आवासों की जरूरत का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए विस्तृत सर्वे भी किया जाएगा। साथ ही नीति में आवास के लिए लाभार्थियों के चयन से लेकर आवास आवंटन तक की प्रक्रिया और बनाई जाएगी। साथ ही सचिव ने निर्देश दिए कि नई आवास नीति के ड्राफ्ट में और किन सुझावों का समावेश किया जा सकता है, इसके लिए विकास प्राधिकरण, डेवलपर आदि से चर्चा की जाए। उसी के मुताबिक ड्राफ्ट में आवश्यक संशोधन भी किए जाएं। इसके बाद नीति को कैबिनेट से पास कराकर लागू करा दिया जाएगा। बैठक में मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक शालू थिंड, विभिन्न विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष, उडा के परियोजना प्रबंधक कैलाश पांडे आदि उपस्थित रहे।

उडा कराएगा निकायवार डिमांड सर्वे, आवास बनाने की जिम्मेदारी प्राधिकरणों की
उडा के संयुक्त मुख्य प्रशासक प्रशासक पीसी दुम्का ने बताया कि सभी वर्ग के आवास की जरूरत की पूर्ति के लिए पहले यह पता लगाया जाएगा कि प्रदेश में कितने आवासों की जरूरत है। इसके लिए स्थानीय निकायवार विस्तृत डिमांड सर्व किया जाएगा। यह कार्य उडा कराएगा। शीघ्र की इस दिशा में आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) मांगे जाएंगे। आवास की डिमांड का पता होने के बाद आवास निर्माण की जिम्मेदारी संबंधित विकास प्राधिकरणों की होगी। आवास की डिमांड स्पष्ट होने के बाद निजी क्षेत्र के डीलर को निवेश करने में कोई परेशानी नहीं होगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button