गुप्ता बंधु और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के बीच क्या है कनेक्शन? ताजा तस्वीर वायरल होने से उठे सवाल
दून में बिल्डर साहनी आत्महत्या कांड से फिर से चर्चा में आए गुप्ता बंधु, 500 करोड़ रुपये से धामी सरकार गिराने के भी लगे आरोप, अब त्रिवेंद्र के साथ आए नजर
Rajkumar Dhiman, Dehradun: दक्षिण अफ्रीका में जैकब जुमा सरकार में किए गए भ्रष्टाचार से पूरी दुनिया में चर्चा में आए गुप्ता बंधु और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कनेक्शन एक बार फिर सामने आया है। क्या है यह कनेक्शन? अचानक से यह सवाल सोशल मीडिया पर तब से तेज हो गया है, जब से हाल के दिनों में गुप्ता बंधु (अजय गुप्ता) के साथ पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत की तस्वीर वायरल हो रही है। यह तस्वीर तमाम सवालों के साथ हरिद्वार जिले के खानपुर विधायक उमेश कुमार ने भी अपने फेसबुक अकाउंट पर साझा की है।
अजय गुप्ता के साथ त्रिवेंद्र की तस्वीर 11 सितंबर की बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि यह अजय गुप्ता के छड़ी पूजन कार्यक्रम के दौरान की है। तस्वीर ऐसे समय पर भी बाहर आई है, जब कुछ दिन पूर्व गैरसैण विधानसभा सत्र में खानपुर विधायक ने 500 करोड़ रुपये से प्रदेश की धामी सरकार को गिराने की साजिश रचने के आरोप गुप्ता बंधु पर लगाए। यह मामला इसलिए भी खासा गर्म हुआ, क्योंकि इस साजिश में उन्होंने एक सांसद का हाथ होने के आरोप भी जड़ दिए थे।
यह वही गुप्ता बंधु हैं, जिन पर मई 2024 में देहरादून के नामी बिल्डर सतेंद्र साहनी उर्फ बाबा साहनी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप लगे हैं। बाबा साहनी ने 24 मई 2024 को पैसिफिक गोल्फ एस्टेट स्थित फ्लैट से कूदकर जान दे दी थी। बाबा साहनी के सुसाइड नोट के आधार पर अजय गुप्ता और उनके बहनोई अनिल गुप्ता पर मुकदमा दर्ज कर जेल भी भेजा गया। वह अभी हाई कोर्ट से जमानत पर बाहर हैं। हालांकि, पुलिस की जांच अभी जारी है और तमाम राज से पर्दा उठना बाकी है।
पूर्व मुख्यमंत्री के साथ अब अजय गुप्ता की तस्वीर वायरल होने के बाद खानपुर विधायक उमेश कुमार ने एक बार फिर आरोप जड़ते हुए कहा कि गुप्ता बंधु के भ्रष्टाचार के कारण जब उनके करीबी जैकब जुमा को वर्ष 2018 में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति पद से हटा दिया गया था, तब गुप्ता बंधु (अतुल, राजेश और अजय गुप्ता) वहां से फरार हो गए थे। उस समय उत्तराखंड की तत्कालीन सरकार ने ही गुप्ता बंधु को न सिर्फ पनाह दी, बल्कि जेड श्रेणी की सुरक्षा भी प्रदान कर दी। हालांकि, उत्तराखंड की सरकार में उनका होल्ड वर्ष 2016 से था। तब उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई थी।
उमेश कुमार इस बात को भी कई बार दोहरा चुके हैं कि गुप्ता बंधु के साथ किन राजनेताओं के संबंध हैं, इसकी ईडी और सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए। इसी मांग के अनुरूप बिल्डर साहनी आत्महत्या के मामले में भी पुलिस के पास ऐसे साक्ष्य हाथ लगे, जो इस ओर इशारा करते हैं कि हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के बहाने दून में काला धन खपाने की योजना थी। बाबा साहनी को इसी तरह के ट्रांजेक्शन पर एतराज था। जब बात नहीं बनी तो उन पर करीब 1000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को अन्य माध्यम से पूरा करने या कंपनी छोड़ने का ऐसा दबाव बढ़ा, जिसे झेलने की जगह उन्हें मौत आसान रास्ता नजर आई।
गुप्ता बंधु के लंबे-चौड़े विवादित इतिहास और उन लगे आरोपों के बाद अजय गुप्ता की तस्वीर पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान भाजपा सांसद के साथ वायरल हो जाने के बाद चर्चा तेज होना स्वाभाविक भी है। खासकर राजनेताओं के सफेद आवरण पर इस तरह के सवालिया निशान न सिर्फ दूर से ही नजर आ जाते हैं, बल्कि उनके दूरगामी असर भी देखने को मिल सकते हैं। ऐसे आरोपों पर गुप्ता बंधु ने बेशक कोई प्रतिक्रिया न दी हो, लेकिन गैरसैण सत्र में उठे सवालों के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत की मुखर प्रतिक्रिया जरूर सामने आई थी। फिलहाल, ताजा मामले में उनकी तस्वीर सामने आई है और शायद इस पर उनकी प्रतिक्रिया आनी बाकी है।
कौन हैं गुप्ता बंधु, जो सहारनपुर से जाकर बने दक्षिण अफ्रीका के ‘किंग’
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले गुप्ता बंधु (Gupta Brothers) दक्षिण अफ्रीका में बहुत बड़े नाम बन गए थे। हालांकि, वहां भ्रष्टाचार उजागर होने और दुनियाभर में तहलका मचने के बाद उन्हें संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से दो गुप्ता बंधु (अतुल और राजेश) को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि अजय गुप्ता बच निकलने में सफल रहे। एक समय था कि दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता ब्रदर्स की तूती बोलती थी। उस समय दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रहे जैकब जुमा (Jacob Juma) से गुप्ता ब्रदर्स की करीबी और इनके गठजोड़ (Nexus) के चर्चे खूब मशहूर हुए।
वर्ष 1990 में गुप्ता ब्रदर्स यानी तीनों गुप्ता भाई अतुल, राजेश और अजय गुप्ता दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। इन लोगों ने जूतों और कंप्यूटर का छोटा-मोटा कारोबार शुरू किया। धीरे-धीरे इनका धंधा चल निकला। हाथ में पैसे आए तो गुप्ता ब्रदर्स ने पांव पसारने शुरू किए। जल्द ही इन्होने खनन, इंजीनियरिंग, मीडिया और कई अन्य कारोबारों में भी हिस्सेदार खरीदी और दक्षिण अफ्रीका में प्रभावशाली शक्ति बन गए। आरोप है कि गुप्ता ब्रदर्स ने तत्कालीन राष्ट्रपति जैकब जुमा से अपने संबंधों के आधार पर दक्षिण अफ्रीका में जमकर धांधली और घोटाले किए। इतना ही नहीं, इन लोगों ने सरकार से लेकर कंपनियों तक में अपने लोग सेट किए और जिसे जहां से चाहा वहां से हटवा भी दिया। आइए बताते हैं कि गुप्ता ब्रदर्स और जैकब जुबा के इस गठजोड़ ने दक्षिण अफ्रीका में किस तरह का घोटाला किया।
दक्षिण अफ्रीका की कंपनियों से लेकर राजनीति तक में गुप्ता ब्रदर्स ने जमकर हस्तक्षेप किया। आरोप है कि गुप्ता ब्रदर्स ने अच्छा काम करने वाले मंत्रियों, अधिकारियों को हटवा दिया और अपने लोगों को सरकारी और अर्ध सरकारी कंपनियों में पद दिलवा दिया। बाद में गुप्ता ब्रदर्स इन्हीं लोगों की मदद से घोटालों को अंजाम दिया। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपित के पद पर साल 2009 से 2018 तक जैकब जुमा ही थे। जैकब जुमा की पत्नी बांगॉ न्गेमा-जुमा गुप्ता परिवार के लिए काम करती थीं, जबकि उनकी बेटी दुदुज़िले गुप्ता ब्रदर्स की कंपनी सारा कंप्यूटर्स में डायरेक्टर थीं। इसके अलावा बेटा दुदुज़ेन भी गुप्ता ब्रदर्स की कुछ कंपनियों में डॉयरेक्टर था। दक्षिण अफ्रीका और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जब गुप्ता ब्रदर्स और जैकब जुमा के कनेक्शन की पोल खुलने लगी तो गुप्ता फैमिली चुपके से दक्षिण अफ्रीका से फरार हो गई।
हिंसक प्रदर्शनों के बाद हटाए गए थे जैकब
साल 2018 में दक्षिण अफ्रीका में हुए व्यापक विरोध-प्रदर्शनों के कारण अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) ने जैकब जुमा को राष्ट्रपति पद से हटाते हुए सिरिल रामफोसा को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया था। कई गवाहों ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के रूप में जैकब जुमा के नौ साल के कार्यकाल में हुए बड़े घोटालों और कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्तियों में गुप्ता बंधु की भूमिका होने की गवाही दी। टैक्स चोरी को खत्म करने वाले संगठन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) वेन डुवेनहेज ने कहा कि उनकी जांच से पता चला है कि देश से भागने से पहले गुप्ता बंधु ने लगभग 15 अरब रैंड की अवैध कमाई की थी।
गुप्ता ब्रदर्स ने आईटी, मीडिया और खनन कंपनियों को शामिल करके अपने कारोबार का विस्तार किया, जिनमें से अधिकतर या तो अब बिक चुकी हैं या फिर बंद हो गई। बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) का नाम भी इस घोटाले में सामने आया था। ऐसी सूचना थी कि बैंक ने ऐसे समय में गुप्ता बंधुओं के लिए खाता खोलकर उनकी सहायता की थी, जब सभी दक्षिण अफ्रीकी बैंकों ने परिवार के साथ लेन-देन बंद कर दिया था। बैंक ऑफ बड़ौदा ने बाद में संचालन में वैश्विक कटौती का हवाला देते हुए अपनी दक्षिण अफ्रीकी शाखाएं बंद कर दी थीं।
अरबों रैंड घोटाले के बाद दुबई भाग गए गुप्ता ब्रदर्स
गुप्ता बंधुओं पर आरोप है कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल आर्थिक लाभ हासिल करने और शीर्ष पदों पर नियुक्तियों को प्रभावित करने के लिए किया। हालांकि, गुप्ता बंधु ने हमेशा इन आरोपों का खंडन किया है। अधिकारियों ने कहा कि वर्ष 2018 में दक्षिण अफ्रीका में सरकार से संबद्ध संस्थानों में अरबों रैंड (दक्षिण अफ्रीकी मुद्रा) का घोटाला करने के बाद गुप्ता परिवार दुबई चला गया था। पद से हटने के बाद जैकब जुमा के भी दुर्दिन शुरू हो गए थे। वर्ष 2021 में अदालत की अवमानना के मामले में जैकब जुमा को 15 महीने की कैद की सजा सुनाई गई थी। दरअसल, जैकब जुमा ने जांच आयोग की सुनवाई का बहिष्कार किया था और आयोग के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था। जैकब जुमा ने कहा था कि वह आयोग के सामने पेश होने के बजाय जेल जाना पसंद करेंगे।