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नवजात का सिर दून अस्पताल के शौचालय में फंसा मिला, हुई मौत

फिर तार-तार हुई दून अस्पताल की सुरक्षा, निर्ममता से भरी घटना से दहल उठा दिल, पुलिस जांच में जुटी

Amit Bhatt, Dehradun: राजधानी देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में निर्ममता से भरी घटना सामने आई है। अस्पताल की इमरजेंसी के पीछे गायनी विंग से सटे शौचालय में एक नवजात बच्ची मिली। जिसका सिर शौचालय की सीट में फंसा हुआ था। सीट को तोड़कर नवजात को निकालकर चिकित्सीय परीक्षण किया गया, मगर अफसोस कि तब तक नन्हीं सी जान इस बेरहम दुनिया से रुखसत हो चुकी थी। जिसने भी इस घटना को देखा और सुना उसका दिल मानो बैठ सा गया हो। उधर, नवजात का शव मिलने के बाद अस्पताल की ओर से भर्ती महिलाओं की जांच कराई गई। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि जिन महिलाओं का अस्पताल में प्रसव हुआ उनके बच्चे उनके पास हैं। प्रकरण में पुलिस ने भी जांच तेज कर दी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह करीब 9.15 पर एक सफाईकर्मी शौचालय की सफाई करने के लिए पहुंचा तो महिला टायलेट में एक नवजात बच्ची पड़ी हुई थी। उसने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस के साथ ही इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉ अमित भी पहुंच गए। नवजात का सिर टायलेट सीट में फंसा हुआ था, जिसके चलते पुलिस ने शीट को तोड़कर नवजात को निकाला। मौके पर पहुंचे चिकित्सकों ने शिशु की जांच की तो वह मृत मिला। पुलिस ने इस मामले में सफाई कर्मचारी से पूछताछ की। पुलिस ने नवजात के शव को मोर्चरी में रखवा दिया गया है।

चिकित्सा अधीक्षक डॉ अनुराग अग्रवाल ने बताया कि बताया कि अस्पताल में जिन महिलाओं का पंजीयन हुआ है, उनमें से ये बच्चा किसी का नहीं है। अस्पताल के वार्डन और इमरजेंसी में भी पता कराया गया और रिकार्ड भी जांचा गया है। जिसके अनुसार सभी बच्चे और गर्भवती पूरे हैं। संभवत: किसी ने बाहर से लाकर नवजात को यहां डाला है। यह भी संभव है कि कोई प्रसव पीड़िता शौचालय गई और वहीं डिलीवरी हो गई। पर उसने किसी को यह बात नहीं बताई। गायनी की विभागाध्यक्ष से इस पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी गई है। जांच के बाद जो भी बात सामने आएगी, उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी। सोमवार को वह रिपोर्ट दे देंगी। पुलिस इस बात की जांच में जुट गई है कि शौचालय में नवजात का शव कहां से लाया गया, इसलिए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है।

अस्पताल की सुरक्षा को लेकर खड़े हुए सवाल
शौचालय में नवजात का शव या भ्रूण मिलने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पूर्व भी इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं। करीब 02 वर्ष पूर्व जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन अस्पताल) के एएनसी वार्ड के शौचालय के सिस्टर्न से एक नवजात का शव मिला था। शौचालय से बदबू आने पर इस बात का पता चला। वहीं, पूर्व में दून महिला अस्पताल में भी इस तरह घटनाएं सामने आ चुकी हैं। अब दून मेडिकल कालेज अस्पताल की इस घटना ने अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। सवाल यह है कि भीड़भाड़ वाले स्थान पर कोई कैसे इस तरह की घटना को अंजाम दे गया।

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