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आभासी दुनिया को कैसे जीवंत बना सकता है मेटावर्स, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी में मंथन

नॉलेज रिसोर्स सेंटर और उत्तरांचल विवि के उत्तरांचल स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग साइंसेज के सौजन्य से आयोजित की गई 02 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस

Amit Bhatt, Dehradun: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मेटावर्स आभासी दुनिया को किस तरह जीवंत बना सकते हैं, इस पर मंथन के लिए उत्तरांचल विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। ताकि प्रायोगिक तौर पर यह स्पष्ट किया जा सके कि यह संबंधित कार्यों को अधिक कुशल, जवाबदेह और उच्च गुणवत्ता वाले प्रदर्शन के साथ किस तरह पूर्ण कर सकता है। इस 02 दिवसीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन नॉलेज रिसोर्स सेंटर और उत्तरांचल स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग साइंसेज (उत्तरांचल विश्वविद्यालय) के सौजन्य से किया गया।

उत्तरांचल विश्वविद्यालय में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में ग्रुप पोज देते अतिथिगण, विशेषज्ञ और शोधार्थी।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मेटावर्स इन लाइब्रेरी एवं एजुकेशन 5.0 विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, शोधार्थियों और छात्रों ने एकजुटता के साथ प्रतिभाग किया और विषय पर विचार रखे। कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन उत्तरांचल विश्वविद्यालय के अध्यक्ष जितेंद्र जोशी ने बतौर मुख्य अतिथि किया। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उम्मीद जताई कि 02 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस अपने उद्देश्यों की पूर्ति करेगी।

देश-विदेश से जुटे विशेषज्ञों और शोधार्थियों ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मेटावर्स कैसे हमारे शैक्षिक परिवेश पर गहरा प्रभाव डालने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। साथ ही उन्होंने शिक्षा और पुस्तकालयों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए इन तकनीकों को अपनाने के महत्व पर जोर दिया गया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों की भी सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिसने सहयोग और विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया। कॉन्फ्रेंस में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने अपने शोध कार्य प्रस्तुत किए। समानांतर सत्रों का संचालन विभिन्न विश्वविद्यालयों के सत्र अध्यक्षों द्वारा किया गया। मुख्य वक्ताओं और पैनलिस्टों ने ऐसे अत्याधुनिक अनुसंधान, भविष्य की प्रवृत्तियों और अभिनव समाधानों का प्रस्तुतिकरण किया, जो शिक्षा और नॉलेज प्रबंधन के भविष्य को प्रभावित करेंगी।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रो. (डॉ.) केपी सिंह, निदेशक गांधी भवन दिल्ली विश्वविद्यालय, माइकल बरोन, सीईओ बरोन कंसल्टिंग ऑस्ट्रेलिया, ली ग्रिफिन, पीएचडी, सीनियर इंजीनियरिंग प्रबंधक रेड हैट आयरलैंड, अंकिता जोशी, उपाध्यक्ष, उत्तरांचल विश्वविद्यालय, प्रो. (डॉ.) धरम बुद्धि, उपकुलपति उत्तरांचल विश्वविद्यालय, प्रो. (डॉ.) राजेश बहुगुणा, प्रो-वाइस चांसलर उत्तरांचल विश्वविद्यालय, प्रो. (डॉ.) अभिषेक जोशी, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर स्टूडेंट वेलफेयर और आईटी सर्विसेज, प्रो. (डॉ.) सोनल शर्मा, डायरेक्टर यूएससीएस और आयोजक, डॉ. रामवीर तंवर मुख्य पुस्तकालयाध्यक्ष और आयोजक, डॉ. समीर देव शर्मा, एचओडी यूएससीएस, अरुण ठाकुर और अभिषेक पाठक असिस्टेंट डायरेक्टर आदि उपस्थित रहे।

इस खास आयोजन में हार्षित गुप्ता और श्रीमती दिव्या रावत ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया। कॉन्फ्रेंस को सफल बनाने में डॉ. मोनिशा अवस्थी, डॉ. इश्तियाक अहमद, डॉ. अमरजीत रावत, मनिषा सैनी, मनिषा खंडूजा, मुकुल रावत, डॉ राखी शर्मा, मधुबाला तंवर और नूपुर दास ने अहम भूमिका निभाई।

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