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आबकारी से धामी सरकार की बंपर कमाई, 06 माह में 272 करोड़ अधिक कमाए, माफिया का वर्चस्व भी तोड़ा

धामी सरकार की प्रोग्रेसिव आबकारी नीति से 06 माह में ही लक्ष्य के करीब आया आबकारी विभाग, 04 लाख से अधिक शराब पेटियों का निर्यात भी किया

Rajkumar Dhiman, Dehradun: शराब माफिया का वर्चस्व समाप्त करने की दिशा में जो कदम प्रदेश की धामी सरकार ने आबकारी नीति 2024 में उठाए गए थे, उसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं। प्रदेश में न सिर्फ शराब कारोबार में स्थानीय नागरिकों की भागीदारी बढ़ी है, बल्कि सरकार की झोली भी तेजी से भर रही है। इस वित्तीय वर्ष की 06 माह की अवधि में ही आबकारी विभाग को बीते वर्ष की तुलना में 272 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व प्राप्त हो चुका है। साथ ही इस बार लक्ष्य से अधिक राजस्व हासिल करने की उम्मीद भी बढ़ गई है।

आबकारी आयुक्त एचसी सेमवाल के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शराब के कारोबार में राजस्व बढ़ाने के साथ ही शराब माफिया पर शिकंजा कसने का विजन दिया था। ताकि राज्य में वैध तरीके से शराब का कारोबार किया जा सके। इसके परिणाम अब पुख्ता रूप से समाने हैं। इस बार आबकारी से 4439 करोड़ रुपए के राजस्व का लक्ष्य रखा गया है। सभी 13 जिलों से प्राप्त सूचना के अनुसार पहले 06 माह में 2404 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व प्राप्त किया जा चुका है। बीते वर्ष इसी अवधि में राज्य को 2132 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था। इस बार राजस्व का आंकड़ा 272 करोड़ रुपए से भी अधिक प्राप्त किया जा चुका है।

आबकारी नीति 2024 में शराब के थोक एवं फुटकर लाइसेंस के लिए पारदर्शी व्यवस्था तैयार की गई। साथ ही प्रदेश को उपभोक्ता से निर्यातक राज्य के रूप में स्थापित करने के भी प्रयास किए गए हैं। जिसके परिणाम स्वरूप राज्य में शराब उद्योग से संबंधित इकाइयों में निवेश बढ़ने के साथ ही प्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। स्थानीय नागरिकों को रोजगार के लेकर कारोबार तक में समान अवसर प्राप्त हो रहे हैं। इसका सीधा श्रेय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार की प्रोग्रेसिव आबकारी नीति को जाता है।

आबकारी आयुक्त सेमवाल के अनुसार पर्वतीय अंचल में मैचुरेशन हाउस, गोदाम, मदिरा डिस्टिलेशन के सूक्ष्म उद्योग के जो प्राविधान किए गए हैं, उससे निवेशक आकर्षित हो रहे हैं। राज्य में मदिरा व्यापार को पारदर्शी बनाने और शिकायतों के निस्तारण के लिए प्रदेश की सभी मदिरा दुकानों, गोदामों, आसवनी, बॉटलिंग इकाइयों आदि को आबकारी मुख्यालय के कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है। इससे शराब तस्करी पर रोकथाम के साथ ही वैध तरीके से मदिरा के व्यापार को प्रोत्साहन मिला है।

15 अक्टूबर तक आबकारी विभाग का राजस्व।

अब उत्तराखंड निर्यातक भी, 04 लाख से अधिक पेटियों का निर्यात
आबकारी आयुक्त एचसी सेमवाल के अनुसार राज्य की धामी सरकार की प्रोग्रेसिव आबकारी नीति के कारण प्रदेश में स्थापित डिस्टलरियों और बॉटलिंग प्लांट से अब तक 04 लाख से अधिक शराब की पेटियों का निर्यात भी किया जा चुका है। जिसमें 3.27 लाख से अधिक विदेशी शराब और 78.58 हजार से अधिक बीयर की पेटियों का निर्यात शामिल है।

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