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पाकिस्तानी ठग ने लगाई एसएसपी की फोटो, लोनिवि अधिकारी का व्हाट्सएप किया हैक

सचिवालय स्थित पीएमयू में तैनात जितेंद्र प्रसाद थपलियाल का व्हाट्सएप हैक करने वाले व्यक्ति ने लगाया था एसएसपी अजय सिंह का फोटो

Amit Bhatt, Dehradun: साइबर ठगों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वह सरकारी अधिकारियों को झांसे में लेने के लिए पुलिस अफसरों के फोटो तक अपनी डीपी पर लगा दे रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में पाकिस्तानी नंबर से व्हाट्सएप कॉल कर साइबर ठग ने लोनिवि के कार्मिक जितेंद्र प्रसाद थपलियाल का व्हाट्सएप हैक कर लिया। जितेंद्र थपलियाल ने खुद को सचिवालय में ऑल वेदर रोड से संबंधित पीएमयू में तैनात बताया है। जितेंद्र की शिकायत पर पटेल नगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पटेल नगर पुलिस को दी तहरीर में पीएमयू (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट) में तैनात लोनिवि अधिकारी जितेंद्र प्रसाद थपलियाल ने बताया कि 04 अक्टूबर की रात को उन्हें +9299662299655 नंबर से व्हाट्सएप पर काल आई। जिसमें कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को आइपीएस अधिकारी बताते हुए कहा कि वह ईडी कार्यालय से बोल रहा है। साथ ही लोनिवि अधिकारी को धमकाते हुए कहा कि आप सरकारी कर्मचारी हैं और आप पर आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा चल सकता है।

साइबर ठग ने जितेंद्र थपलियाल से उनकी कुछ जानकारी प्राप्त की और व्हाट्सएप पर एक लिंक भी भेजा। जितेंद्र ने जैसे ही लिंक पर क्लिक किया, तभी व्हाट्सएप बंद पड़ गया। दोबारा नंबर दर्ज करने पर भी व्हाट्सएप काम नहीं कर रहा है। प्रकरण की प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस ने शनिवार देर तक मुकदमा दर्ज कर लिया है।

साइबर ठगों तक कैसे पहुंच रही व्यक्तिगत जानकारी
देहरादून के एसएसपी बेशक सार्वजनिक व्यक्ति हैं और उनकी जानकारी, फोटो आदि ठगों तक पहुंच सकती है, लेकिन, जनता से सीधे संपर्क न रखने वाले किसी अन्य अधिकारी के नंबर और व्यक्तिगत जानकारी तक उनकी पहुंच गंभीर है। लोनिवि अधिकारी जितेंद्र प्रसाद थपलियाल के मुताबिक पाकिस्तान के जिस व्हाट्सएप नंबर से उन्हें कॉल की गई, उसकी डीपी पर देहरादून के एसएसपी अजय सिंह की वर्दी वाली फोटो लगी थी। वह हिंदी में बात कर रहा था और पूछने पर उसने अपना नाम अजय सिंह ही बताया।

+92 के नंबरों को रिसीव न करने की सलाह
केंद्र के दूर संचार विभाग के अधिकारी समेत तमाम सुरक्षा और प्रवर्तन एजेंसियों के स्तर से लोगों को +92 से शुरू होने वाले नंबरों की कॉल को न उठाने की सलाह दी जाती रही है। इसके बाद भी लोग साइबर ठगों के झांसे में आ जाते हैं। साइबर अपराधियों का शिकार बनने से बचने के लिए नागरिकों को भी जागरूक होने की जरूरत है।

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