माणा में 03 और श्रमिकों के शव मिले, ठंडे ‘रेगिस्तान’ में अब दम तोड़ने लगी जिंदगी की आस
54 में 07 श्रमिकों की हो चुकी मौत, 24 श्रमिकों का चल रहा उपचार, 22 सुरक्षित, अब एकमात्र लापता श्रमिक की तलाश में जुटा आपदा प्रबंधन तंत्र

Amit Bhatt, Dehradun: 28 फरवरी शुक्रवार को बदरीनाथ क्षेत्र में माणा के पास एवलांच (हिमस्खलन) की चपेट में आने के बाद से रविवार सुबह तक लापता चल रहे 04 श्रमिकों में से 03 के शव बर्फ से निकाले गए हैं। इस तरह मरने वाले श्रमिकों की संख्या बढ़कर 07 हो गई है। वहीं, अभी 01 श्रमिक लापता है, जिसकी खोजबीन के लिए आपदा प्रबंधन तंत्र जुटा हुआ है। एवलांच की चपेट में बीआरओ के कुल 54 श्रमिक आए थे। 46 श्रमिकों को रेस्क्यू कर लिया गया था, जबकि 04 की मौत की पुष्टि शनिवार देर शाम तक जा चुकी थी।
आपदा प्रबंधन सचिव वीके सुमन के अनुसार एवलांच की चपेट में आने के बाद रेस्क्यू किए गए 46 श्रमिकों में से 24 श्रमिकों को माणा स्थित सेना के हॉस्पिटल से जोशीमठ लाया गया है। यहां सेना के अस्पताल में उनका उपचार किया जा रहा है। हालांकि, 02 श्रमिकों की स्थिति गंभीर होने से उन्हें उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश भेजा गया है। एक श्रमिक पूर्व से ही ठीक था, जिसे घर भेजा जा चुका है। इसके अलावा शेष 22 श्रमिक ठीक हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी निरंतर रेस्क्यू की निगरानी कर रहे हैं। वह अभियान में जुटी सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम से पल-पल की जानकारी ले रहे हैं।

दूसरी तरफ लापता चल रहे श्रमिकों की खोज के लिए एसडीआरएफ ने विक्टिम लोकेटिंग कैमरे की मदद की। साथ ही अभियान में ग्राउंड पैनेट्रेटिंग रडार (जमीन के नीचे की छवियों को देखने के लिए) सहारा भी लिया जा रहा है। हालांकि, जगह-जगह कई फीट तक जमा बर्फ और अधिक समय बीत जाने के साथ लापता श्रमिकों के जिंदा बचने की उम्मीद धूमिल होती जा रही थी। इसी आशंका के बीच रविवार दोपहर को यह बात सामने आई कि 03 और श्रमिकों के शव मिले हैं। ऐसे में शेष बचे 01 और लापता श्रमिक की जिंदगी की सलामती के लिए प्रार्थना के हाथ भी उठने लगे हैं।
आपदा प्रबंधन सचिव सुमन के अनुसार जिन लापता श्रमिकों की खोज के लिए रविवार को वृहद अभियान चलाया गया, उनमें हरमेश चंद हिमाचल प्रदेश, अशोक उत्तर प्रदेश, अनिल कुमार व अरविंद उत्तराखंड निवासी हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि देर रात डॉक्टरों ने 04 मजदूरों को मृत्यु की पुष्टि की है। जिनमें हिमाचल के जितेंद्र सिंह व मोहिंदर पाल, उत्तर प्रदेश के मंजीत यादव तथा उत्तराखंड के अलोक यादव शामिल हैं।