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नेता जी को रसोई और बर्तन मांजने के लिए चाहिए सरकारी कर्मचारी, दामाद को गन लाइसेंस दिलाने पर भी अड़े

पहली बार सत्ता से जुड़ते ही सिर चढ़कर बोल रही दून के नेताजी पर खुमारी, कार्यालय को हाईटेक बनाने के लिए भी बना रहे दबाव

Amit Bhatt, Dehradun: देहरादून के नेताजी पर सत्ता का नशा सिर चढ़कर बोल रहा है। पहली बार सत्ता से नाता जुड़ने के बाद वह जनता से भले न जुड़ पाए हों, लेकिन व्यक्तिगत सुख की आस ने उन्हें जरूर जकड़ लिया है। अपनी शान-ओ शौकत के लिए वह जिला स्तरीय अधिकारियों को धमकाते फिर रहे हैं। उन्हें रसोई और बर्तन मांजने के लिए भी सरकारी कर्मचारी चाहिए। बिना प्रस्ताव और डिमांड नोट के भी वह अपने ऑफिस को हाईटेक बनाने और रेनोवेशन के लिए अफसरों पर निरंतर दबाव बना रहे हैं।

नेताजी अपने दामाद के भी मोह में इस कदर डूबे हैं कि वह यह भूल चुके हैं कि जनता की सेवा ही उनकी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने दामाद और दामाद के दोस्तों के शस्त्र लाइसेंस बनाने के लिए प्रभारी अधिकारी शस्त्र के साथ अभद्र व्यवहार तक कर डाला। साथ ही उनकी बात न मानने पर कार्रवाई और देख लेने की धमकी भी दे डाली। स्थिति यह है कि अपर हाउस के नेताजी का अपने निजी कार्यों के लिए अफसरों को धमकाना आम बात हो गई है।

हाल में उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को इसलिए हड़का डाला कि वह बिना प्रस्ताव और अनुमोदन के अपने कार्यालय को हाईटेक बनाने अड़ गए थे। अधिकारियों ने स्वाभाविक रूप से असमर्थता जताई तो उनका पारा चढ़ गया। नेताजी के इस व्यवहार से अधिकारी खुद को मानसिक उत्पीड़न का शिकार महसूस कर रहे हैं। अपने छोटे-छोटे निजी कार्यों के लिए भी उन्हें सरकारी तामझाम चाहिए।

छवि चमकाने के लिए वीडियोग्राफर और फोटोग्राफर के साथ एडिटर की मांग
नेताजी सोशल मीडिया पर अपनी छवि चमकाना चाहते हैं। लिहाजा, वह अफसरों पर दबाव बना रहे हैं कि उनके लिए वीडियो/फोटोग्राफर और एडिटर उपलब्ध कराया जाए। यह सब उन्हें सरकारी खर्चे पर ही चाहिए। इसके लिए वह आए दिन अधिकारियों को फटकार लगा रहे हैं। कहा जा रहा है कि नेताजी की इस हनक की भनक आईबी को भी लग गई है।

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