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न्यायाधीशों के पीए से मांगी घूस, मुख्य कोषाधिकारी और अकाउंटेंट गिरफ्तार

विजिलेंस ने 1.20 लाख रुपये की घूस लेते किया गिरफ्तार, अपर जिला जज के हस्ताक्षर के बाद भी सीटीओ ने एसीपी की फाइल लटकाए रखी

Amit Bhatt, Dehradun: भ्रष्टाचार के मामले में विजिलेंस ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे दिया। विभिन्न न्यायाधीशों के पीए (वैयक्तिक सहायक/पर्सनल असिस्टेंट) के एसीपी लाभ की फाइल पर साइन न करना नैनीताल के मुख्य कोषाधिकारी (सीटीओ) दिनेश राणा (वित्त अधिकारी 2010 बैच) को भारी पड़ गया। हस्ताक्षर करने के एवज में 1.20 लाख रुपये की घूस मांगते हुए विजिलेंस की टीम ने सीटीओ दिनेश राणा और उनके अकाउंटेंट बसंत जोशी को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

जनपद नैनीताल के विभिन्न न्यायाधीशों के पीए की एसीपी का लाभ लंबित चल रहा था। जिसको लेकर संबंधित कार्मिकों ने जिला जज नैनीताल को प्रार्थना पत्र दिया था। जिस पर जिला जज ने कमेटी गठित करते हुए प्रथम अपर जिला जज हल्द्वानी की अध्यक्षता में प्रथम जिला जज नैनीताल और मुख्य कोषाधिकारी को शामिल करते हुए कमेटी गठित की। कमेटी में शामिल दोनों अपर जिला जज ने एसीपी की फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए, जबकि मुख्य कोषाधिकारी दिनेश राणा ने मामला लटका दिया।

शिकायत के अनुसार मुख्य कोषाधिकारी ने अकाउंटेंट बसंत जोशी के माध्यम से एसीपी की फाइल पर साइन करने के लिए प्रत्येक कर्मचारी से 30-30 हजार रुपये की मांग की। इसकी शिकायत पहले जिला जज से की गई थी। जिसके क्रम में विजिलेंस सेक्टर हल्द्वानी ने ट्रैप टीम का गठन किया और गुरुवार को मुख्य कोषाधिकारी दिनेश राणा और अकाउंटेंट (लेखाकार) बसंत जोशी को 1.20 लाख रुपये घूस लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया।

दोनों आरोपियों के आवास और अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है। साथ ही पूछताछ का क्रम जारी है। निदेशक सतर्कता डॉ वी मुरुगेशन ने ट्रैप टीम को नकद इनाम की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य के सरकारी विभागों में नियुक्त कोई अधिकारी व कर्मचारी रिश्वत की मांग करता है तो तत्काल इसकी सूचना विजिलेंस के टोलफ्री हेल्पलाइन नंबर 1064 व व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर संपर्क कर सूचना दें।

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