260 करोड़ के साइबर फ्रॉड में देहरादून के खरबंदा पर ईडी का ‘फंदा’
देश के कई शहरों में ईडी की छापेमारी, देहरादून से अहम दस्तावेज जब्त

Amit Bhatt, Dehradun: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड रैकेट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए देहरादून, दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में एक साथ 11 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई 260 करोड़ रुपए के हाई-टेक साइबर ठगी केस में की गई, जिसमें अमेरिका और कनाडा के सैकड़ों नागरिकों को निशाना बनाया गया था।
इस रैकेट का मास्टरमाइंड तुषार खरबंदा बताया जा रहा है, जिसके देहरादून के धर्मपुर स्थित आदर्श विहार कॉलोनी में स्थित ठिकाने पर भी ईडी ने दबिश दी। यहां से कई संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं।
ईडी के मुताबिक, साइबर ठग खुद को पुलिस अधिकारी, जांच एजेंसी के प्रतिनिधि या फिर माइक्रोसॉफ्ट व अमेजन जैसी नामी कंपनियों का टेक्निकल सपोर्ट स्टाफ बताकर पीड़ितों को डराते थे और उनकी नकदी हड़प लेते थे।
क्रिप्टो में बदलकर विदेशों में भेजे गए पैसे
जांच में खुलासा हुआ है कि इस फ्रॉड में ठगी की रकम को बिटकॉइन जैसे क्रिप्टो वॉलेट्स में बदला गया और फिर उसे यूएई में हवाला के जरिए यूएसडीटी (क्रिप्टो करेंसी) में कन्वर्ट कर नकदी के रूप में निकाला गया।
ईडी की रेड्स के दौरान हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शंस और इंटरनेशनल मनी ट्रेल से जुड़ी जानकारी भी सामने आई है। अब ईडी इन सबूतों के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग के तहत आरोपितों की संपत्तियों को अटैच करने की प्रक्रिया में जुटी है।
CBI ने दाखिल की थी चार्जशीट
गौरतलब है कि इस मामले में सीबीआई ने दिसंबर 2024 में पहले ही चार्जशीट दाखिल कर दी थी। अब ईडी ने पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत कार्रवाई शुरू करते हुए छापेमारी की है।
सूत्रों के अनुसार, इस गिरोह के तार देश के अन्य शहरों से भी जुड़े हो सकते हैं और जल्द ही जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा।
मुख्य बिंदु
साइबर ठग बनते थे पुलिस या तकनीकी एजेंट
विदेशी नागरिकों को गिरफ्तारी का डर दिखाकर ठगी
260 करोड़ रुपये की रकम बिटकॉइन में बदली गई
हवाला के जरिए रकम UAE तक पहुंची
देहरादून के धर्मपुर से जब्त हुए अहम दस्तावेज