वीडियो: राहत राशि के चेक देख भड़के धराली आपदा प्रभावित, सरकार के खिलाफ फूटा गुस्सा
केंद्र सरकार से लेकर क्षेत्रीय विधायक तक के खिलाफ नारेबाजी, नहीं लिए चेक

Rajkumar Dhiman, Dehradun: उत्तरकाशी के धराली कस्बे में 5 अगस्त को आई विनाशकारी प्राकृतिक आपदा का दर्द अभी ताजा ही है। भीषण तबाही के इस मंजर ने न केवल घर-परिवार उजाड़े, बल्कि लोगों के भरोसे को भी गहरी चोट पहुंचाई है। मलबे के नीचे कई जिंदगियां दफ्न हो गईं, जबकि बाकी लोग अपने टूटे आशियानों और बिखरे सपनों के बीच जीने को मजबूर हैं।
सरकार और प्रशासन की ओर से युद्धस्तर पर राहत-बचाव अभियान चलाने के दावे तो खूब हो रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है। शुक्रवार शाम को जब प्रशासनिक अधिकारी धराली पहुंचे और आपदा प्रभावितों को अहेतुक सहायता के रूप में 5-5 हजार रुपये के चेक देने का प्रयास किया, तो लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। प्रभावितों ने यह राशि लेने से साफ इंकार करते हुए कहा कि इतने कम पैसों से उनकी जिंदगी पटरी पर नहीं लौट सकती।
क्षुब्ध लोगों ने न केवल चेक लौटाए, बल्कि सरकार, केंद्र और स्थानीय विधायक के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की। उन्होंने कहा कि उन्हें दिखावे की मदद नहीं, बल्कि वास्तविक पुनर्वास और ठोस सहायता चाहिए। कई लोगों का आरोप है कि राहत कार्य में अव्यवस्था और उपेक्षा चरम पर है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कुछ वीडियो और ऑडियो भी स्थिति की गंभीरता को उजागर कर रहे हैं। एक वायरल ऑडियो में स्थानीय युवक का आरोप है कि “सरकार राहत-बचाव कार्य को लेकर गुमराह कर रही है, जबकि धराली के हालात बेहद बदतर हैं।”
लोगों की नाराजगी इस बात से भी है कि आपदा के एक सप्ताह बाद भी कई परिवार तंबुओं और अस्थायी आश्रयों में जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं। पीने के पानी, भोजन और दवाइयों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, जबकि मौसम की मार ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
धराली की यह आवाज अब राहत राशियों से आगे बढ़कर इंसाफ और सम्मानजनक पुनर्वास की मांग बन चुकी है, जिसे नज़रअंदाज़ करना सरकार के लिए आसान नहीं होगा।