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खालिद के कबूलनामे से खुला राज, मोबाइल से सेंटर के अंदर ऐसे पहुंचा प्रश्नपत्र!

पेपर हल करने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन देंगी गवाही, लेकिन शक के घेरे में रहेंगी

Amit Bhatt, Dehradun: यूकेएसएसएससी (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में हुए पेपरआउट प्रकरण में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। गिरफ्तार मुख्य आरोपी खालिद मलिक ने पूछताछ में मान लिया है कि उसने पूरी साजिश रची और मोबाइल फोन के जरिए प्रश्नपत्र को परीक्षा कक्ष से बाहर भेजा। हालांकि, पुलिस के अनुसार वह उत्तर देख पाने में सफल नहीं हो सका। दूसरी तरफ पेपर लीक में आरोपी बनाई गई टिहरी की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन गवाही देंगी, लेकिन साथ ही वह शक के दायरे में भी रहेंगी।

ऐसे हुई साजिश की शुरुआत, फेल होने के बाद नकल का सहारा
खालिद ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह लंबे समय से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था और कई बार मामूली अंकों से चयनित होने से चूक गया। इसी निराशा के चलते उसने नकल करने का प्लान बनाया। योजना के मुताबिक उसने परीक्षा केंद्र के भीतर मोबाइल फोन छिपाकर लाने का तरीका खोजा।

इसके लिए उसने टिहरी में असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन से संपर्क किया। खालिद की मुलाकात सुमन से उस समय हुई थी जब वह पीडब्ल्यूडी में संविदा पर जूनियर इंजीनियर के तौर पर कार्यरत था और सुमन नगर निगम ऋषिकेश में टैक्स इंस्पेक्टर थीं। खालिद को जानकारी थी कि सुमन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती रहती है और प्रश्नपत्रों को हल करने में दक्ष है।

suman chauhanबहन को दिया था जिम्मा, फिर मांगे हल किए जवाब
खालिद ने अपनी बहन साबिया को इस साजिश में शामिल किया। उसने परीक्षा से पहले अपना मोबाइल बहन को देकर कहा कि प्रश्नपत्र की फोटो उसे भेजी जाएगी, जिसे आगे सुमन को भेजना है और जवाब लेकर वापस भेजना है।

मोबाइल सेंटर में कैसे पहुंचा?
पुलिस के अनुसार, खालिद ने परीक्षा से एक दिन पहले बहादुरपुर जट, हरिद्वार स्थित आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज में सेंटर की रेकी की। उसे पता चला कि स्कूल की एक नई बिल्डिंग निर्माणाधीन है। इसी का फायदा उठाकर वह शाम को पीछे से सेंटर में घुसा और अपना आईफोन 12 मिनी निर्माणाधीन हिस्से में ईंटों और घास के बीच छिपा आया।

21 सितंबर की सुबह वह परीक्षा देने पहुंचा और चेकिंग के बाद सीधे उसी जगह से मोबाइल निकालकर जेब में रख लिया। परीक्षा शुरू होते ही उसने प्रश्नपत्र के तीन पन्नों की फोटो खींची और बाथरूम जाने के बहाने उन्हें अपनी बहन साबिया को भेज दिया। साबिया ने यह फोटो सुमन को भेजकर उत्तर मांगे और फिर वही उत्तर खालिद को वापस भेजे। लेकिन, कक्ष निरीक्षक ने खालिद को दोबारा बाथरूम जाने की अनुमति नहीं दी। नतीजतन खालिद मोबाइल से उत्तर नहीं देख पाया और अपनी समझ से ओएमआर शीट भर दी।

सोशल मीडिया पर कैसे आया पेपर?
परीक्षा खत्म होने के बाद खालिद घर लौटा और कुछ ही समय में उसे सोशल मीडिया पर अपने द्वारा खींचे गए प्रश्नपत्र की तस्वीरें देखीं। इस पर वह घबरा गया और अपनी बहन व मोबाइल लेकर घर से फरार हो गया। भागते समय उसने दोनों सिम कार्ड तोड़ दिए और मोबाइल फोन को रीसेट कर दिया। एक मोबाइल को उसने ट्रेन के डस्टबिन में फेंक दिया और खुद दिल्ली होते हुए लखनऊ गया। बाद में दून एक्सप्रेस से हरिद्वार लौटा और छिपते हुए देहरादून में सरेंडर की कोशिश कर रहा था, तभी पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने उसे दबोच लिया।

पुलिस की कार्रवाई, घंटों की गई पूछताछ
पुलिस ने खालिद को रायपुर थाने में लाकर घंटों पूछताछ की और उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से वह मोबाइल भी बरामद हुआ जिससे प्रश्नपत्र की तस्वीरें बाहर भेजी गई थीं। मोबाइल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

इससे पहले पुलिस ने खालिद की बहन साबिया को भी गिरफ्तार कर लिया था। अब तक की जांच में किसी संगठित गिरोह की संलिप्तता सामने नहीं आई है। साथ ही यह भी साफ हुआ है कि खालिद प्रश्नों के उत्तर देख पाने में सफल नहीं हो सका।

आरोपी का बैकग्राउंड, सिविल इंजीनियरिंग में किया डिप्लोमा
पुलिस के मुताबिक, खालिद ने 2013 में राजस्थान की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा किया और फिर हापुड़ से स्नातक की डिग्री ली। उम्र 35 साल है और वह हरिद्वार जिले के लक्सर क्षेत्र का रहने वाला है।

पुलिस की अपील, दें साक्ष्य
जांच अधिकारी ने आम लोगों से अपील की है कि यदि इस परीक्षा या पेपर आउट प्रकरण से संबंधित किसी के पास कोई भी साक्ष्य है तो वह पुलिस को उपलब्ध कराए। पुलिस का कहना है कि आगे की विवेचना में हर तथ्य और साक्ष्य को संज्ञान में लिया जाएगा।

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