Dehradundm dehradun

दून में 11 महीने में ट्रैफिक हो जाएगा आधा, जानिए कौन सी होगी वह जगह

केंद्र सरकार की कंपनी की लापरवाही के बाद अब पटरी पर लौटा काम, डीएम सविन ने धरातल पर जाकर कसे ठेकेदार के पेच

Amit Bhatt, Dehradun: राजधानी देहरादून के एक सबसे व्यस्त हिस्से पर 11 माह के भीतर ट्रैफिक का दबाव आधा हो जाने की उम्मीद बढ़ गई है। यह हिस्सा होगा सहारनपुर चौक से प्रिंस चौक के बीच का। यही भाग इस समय शहर का सबसे बड़ा बॉटलनेक या तंग क्षेत्र बना हुआ है। इस भाग पर ट्रैफिक के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए वर्ष 2021 में जिस भंडारी बाग रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) का निर्माण शुरू किया गया था, उसके अब 05 साल के लंबे इंतजार और हीलाहवाली को खत्म करते हुए पूरे होने के आसार बढ़ गए हैं। शुक्रवार सुबह जिलाधिकारी सविन बंसल ने आरओबी की साइट का औचक निरीक्षण किए और ठेकेदार के पेच कसे। उन्होंने सख्त शब्दों में कहा कि राज्य सरकार की इस अतिमहत्वकांक्षी परियोजना का काम हर हाल में अगस्त 2026 तक पूरा हो जाना चाहिए। ताकि हरिद्वार बाईपास रोड, कारगी रोड और इससे जुड़े क्षेत्र के लोगों को प्रिंस चौक, हरिद्वार रोड या राजपुर रोड की तरफ सहारनपुर रोड होते हुए न जाना पड़े। वह सीधे इस आरओबी से रेसकोर्स और फिर प्रिंस चौक या हरिद्वार रोड की तरफ निकल सकें।

 

शुक्रवार को जिलाधिकारी सविन बंसल ने मौके पर पहुंचकर कार्यों का निरीक्षण किया और कार्यदायी संस्था/ठेकेदार की सुस्त चाल पर जमकर फटकार लगाई। डीएम ने साफ कह दिया कि यह मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाला प्रोजेक्ट है, इसमें देरी अब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निरीक्षण के दौरान डीएम ने चेतावनी-भरे लहजे में कहा कि शहरवासियों को अधूरे प्रोजेक्ट की वजह से लगातार जाम और परेशानी झेलनी पड़ रही है। यह लापरवाही और ढिलाई कतई स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कार्यदायी संस्था को दो टूक शब्दों में निर्देश दिया कि निर्माण कार्य को हर हाल में तय समयसीमा में पूरा किया जाए, वरना जिम्मेदार अधिकारियों और संस्था को सीधे जवाबदेह ठहराया जाएगा।

 

डीएम ने प्रोजेक्ट की मॉनिटिरिंग को और सख्त करते हुए एसडीएम सदर और लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन को नोडल अधिकारी नामित कर दिया है। दोनों अधिकारी रेलवे से गार्डर ब्रिज प्लेसमेंट और अन्य कार्यों की क्लोज मॉनिटरिंग करेंगे। जिलाधिकारी ने खुद भी प्रगति की नियमित समीक्षा करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि शहर के बीचों-बीच वर्षों से अधर में लटका यह प्रोजेक्ट जनता के साथ धोखा है। सहारनपुर रोड पर बढ़ते ट्रैफिक दबाव और जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए भंडारीबाग आरओबी की योजना बनाई गई थी। यह ओवरब्रिज भंडारीबाग को रेसकोर्स चौक से जोड़कर प्रिंस चौक और हरिद्वार रोड के बीच यातायात को सुगम बनाएगा। लेकिन कार्यदायी संस्था की लापरवाही ने जनता को केवल असुविधा ही दी है। डीएम के औचक निरीक्षण और कड़े रुख से अब उम्मीद जगी है कि लंबे समय से अटकी यह परियोजना जल्द ही पटरी पर लौटेगी। हालांकि सवाल अब भी यही है कि जनता को कब तक ठेकेदारों और अफसरों की सुस्ती का खामियाजा भुगतना पड़ेगा?

ख्वाब देखा 2013 में, शिलान्यास 2021 में और इंतजार अब तक
देहरादून: भंडारीबाग रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) के निर्माण का ख्वाब वर्ष 2013 में देखा गया था, लेकिन इसका शिलान्यास वर्ष 2021 में किया जा सका। धरातल पर काम में आगे बढ़ाने में आरंभ से ही लेटलतीफी देखने को मिली। निर्माण कार्य 08 माह के विलंब से किया जा सका। जिसके चलते इसकी दो डेडलाइन मार्च 2023 और मार्च 2024 में ही बीत चुकी थी। अभी तक सिर्फ भंडारी बाग के छोर पर आरोओबी आकार ले सका है। रेसकोर्स के छोर पर सिर्फ पिलर ही खड़े किए जा सके हैं।

लेटलतीफी पर ईपीआइएल को किया बाहर
परियोजना में बजट की कमी नहीं रही और न ही अन्य संसाधनों की। कमी रही तो बस आपसी समन्वय की। क्योंकि, निर्माण का जिम्मा भारत सरकारी की जिस कंपनी इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स इंडिया लिमिटेड (ईपीआइएल) को दिया गया था, उसने अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय बनकर काम में तेजी लाने के लिए अपेक्षित प्रयास किए ही नहीं। क्योंकि, रेल लाइन के ऊपर के हिस्से पर पुल को जोड़ने का काम रेलवे को करवाना है। इसके लिए रेलवे से अनुमति लेकर आपसी तालमेल से कार्य की गति बढ़ाने की जरूरत थी, लेकिन उसने यह काम भी नोडल एजेंसी लोनिवि के सिर मढ़ दिया। यही कारण रहा कि रेलवे से डिजाइन पास करवाने में भी दो साल का समय लग गया।

यह स्थिति भी तब रही कि रेलवे से करीब दो साल पहले ही अनुमति मांग ली थी और लाइनों की शिफ्टिंग आदि के लिए ढाई करोड़ रुपये भी जमा करा दिए थे। हालांकि, जब अगस्त 2024 में डिजाइन को स्वीकृति मिली तो इसके बाद भी धरातल पर अपेक्षित तेजी नजर नहीं आई। परियोजना में लेटलतीफी को देखते हुए ईपीआइएल को जनवरी 2025 में बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। वहीं, मार्च में नई कंपनी का चयन किया गया। हालांकि, विलंब के कारण परियोजना की लागत 12.5 करोड़ रुपए बढ़ गई।

चरणवार प्रगति का दिया लक्ष्य
हालांकि, अब टेंडर के माध्यम से लीशा कंपनी के साथ अनुबंध करते हुए लोक निर्माण विभाग ने धरातल पर काम शुरू करा दिया है। साथ ही चरणवार लक्ष्य तय किए गए हैं। ताकि कार्य की प्रगति निरंतर जारी रहे। खंड के अधिशासी अभियंता नीरज त्रिपाठी और संबंधित सहायक अभियंता विनेश कुमार के अनुसार कंपनी को अवशेष कार्य को पूरा करने की दिशा में तीन माह के भीतर 25 प्रतिशत प्रगति हासिल करनी होगी। छह माह में प्रगति 50 प्रतिशत, 09 माह में 75 प्रतिशत और 12 माह में काम पूरा करना होगा। प्रत्येक चरण की प्रगति की अलग अलग समीक्षा की जाएगी। अब जिलाधिकारी सविन बंसल की भी प्रोजेक्ट पर सीधी नजर रहेगी।

संशोधित डीपीआर में बनेगा अंडरपास
लोनिवि निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता नीरज त्रिपाठी के अनुसार आरओबी में रेसकोर्स के छोर पर अंडरपास का निर्माण किया जाएगा। यह एप्रोच रोड के नीचे सुरंग के रूप में होगा। जिसकी कुल चौड़ाई 07 मीटर होगी। अंडरपास के प्राविधान किए जाने से आसपास के निवासियों को रेलवे लाइन के बंद छोर से पहले मुड़ने के लिए सर्विस रोड पर उल्टी दिशा में नहीं चलना पड़ेगा। यह स्थिति पूर्व निर्मित मोहकमपुर आरओबी में नजर आती है। क्योंकि, वहां पर अंडरपास इंतजाम नहीं किया गया था। ऐसे में मोहकमपुर में तमाम वाहन चालक राष्ट्रीय राजमार्ग की तरफ भी उल्टी दिशा में चलकर यातायात के लिए चुनौती खड़ी करते हैं।

रेलवे लाइन के ऊपर बनेगा फुटपाथ, आने-जाने के लिए होगी सीढ़ी
लोनिवि अधिकारियों के अनुसार आरओबी पिलर पर सीमेंट कंक्रीट के स्लैब डालकर बनाया जा रहा है। भंडारी बाग के छोर पर निर्माण लगभग पूरा है, जबकि रेसकोर्स की तरफ दो स्लैब डाले जाने शेष हैं। वहीं, रेलवे लाइन के ऊपर लोहे का स्ट्रिंग ब्रिज बनेगा। जिसकी लंबाई 76 मीटर होगी। इस पुल पर दोनों तरफ फुटपाथ बनेंगे और दोनों तरफ सीढ़ियां भी बनेंगी। ताकि एक तरफ से दूसरी तरफ पैदल चलने वाले व्यक्तियों को सुविधा दी जा सके।

परियोजना पर एक नजर
लंबाई, करीब 578 मीटर
लागत, 43 करोड़ रुपये (यूटिलिटी शफ्टिंग सहित)
मूल लागत, 33.62 करोड़ रुपये
यूटिलिटी शिफ्टिंग, 10 करोड़ रुपये
अब तक खर्च, 17 करोड़ रुपए
शेष बची राशि, 16 करोड़ रुपए
बढ़ी लागत, 12.5 करोड़ रुपए
कार्य की प्रगति, करीब 60 प्रतिशत

इसलिए अहम है परियोजना
आरओबी भंडारी बाग से होकर रेसकोर्स चौक के पास तक जाएगा। जो वाहन सहारनपुर रोड से प्रिंस चौक व हरिद्वार रोड के बीच आवागमन करेंगे, उनके लिए यह वैकल्पिक माध्यम हो जाएगा। इस तरह वाहन चालकों को आढ़त बाजार के जाम से निजात मिलेगी और सहारनपुर रोड के साथ गांधी रोड पर भी वाहनों का दबाव कुछ कम हो पाएगा। दूसरी तरफ कारगी चौक व देहराखास क्षेत्र की तरफ से प्रिंस चौक व उससे सटे क्षेत्रों को जाने वाले वाहनों को भी आसान व वैकल्पिक माध्यम मिल सकेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button