धराली आपदा: पीड़ित परिवारों को 5-5 लाख देगी सरकार, पुनर्वास समिति गठित
मुख्यमंत्री कार्यालय से सचिव राजस्व की अध्यक्षता में गठित समिति एक सप्ताह में सौंपेगी रिपोर्ट

Rajkumar Dhiman, Dehradun: धराली की भीषण आपदा के बाद उत्तराखंड सरकार ने पीड़ित परिवारों के लिए अब बड़ी राहत की घोषणा की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भटवाड़ी तहसील के धराली गांव में जिन लोगों के घर पूरी तरह नष्ट या क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें पुनर्वास/विस्थापन के लिए पांच लाख रुपये की तत्काल सहायता दी जाएगी। वहीं, आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को भी आपदा मद में पांच लाख रुपये की मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावितों के पुनर्वास, समग्र पुनरुद्धार और आजीविका के स्थायी समाधान के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति सचिव (राजस्व) की अध्यक्षता में बनेगी और एक सप्ताह के भीतर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। सरकार ने यह कदम शनिवार को उठाया है, जबकि शुक्रवार को आपदा प्रभावितों ने राहत राशि के चेक देखकर सरकार का विरोध शुरू कर दिया था। हालांकि, सरकार ने अब स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत किसी भी आपदा में पीड़ितों को पांच हजार रुपये तत्काल उपलब्ध कराए जाते हैं। सरकार ने बताया कि पांच हजार रुपये केवल तात्कालिक जरूरतें पूरी करने के लिए दिए जा रहे थे, जैसे राशन, पानी और अन्य तत्काल खर्च। यह मुआवजा राशि नहीं थी। अब सभी पीड़ितों को सरकार उचित सहायता देगी।
प्रशासनिक अधिकारियों ने कराई सरकार की किरकिरी
सरकार की इस घोषणा से पहले शुक्रवार को धराली आपदा प्रभावितों का गुस्सा खुलकर सामने आया। प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव में पहुंचकर परिवारों को अहेतुक सहायता के रूप में 5-5 हजार रुपये के चेक देने की कोशिश की, तो ग्रामीण भड़क उठे। उन्होंने कहा कि इतनी कम राशि से उनका जीवन दोबारा नहीं बस सकता। इसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। अब इस घटना से प्रदेश सरकार की छवि धूमिल हो रही है। जबकि, वहां मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों को आपदा प्रभावितों को यह समझाना चाहिए था कि यह कोई मुआवजा राशि नहीं बल्कि, केंद्र सरकार की व्यवस्था के तहत रोजमर्रा के आवश्यक खर्च के लिए दी जाने वाली धनराशि है। नुकसान का आकलन और सरकारी औपचारिकताओं में अधिक समय लगने की दशा में केंद्र सरकार की ओर से यह व्यवस्था की गई है कि आपदा प्रभावितों को कम से कम पांच-पांच हजार रुपये तत्काल प्रदान कर दिए जाएं। वास्तविक सहायता राशि बाद में आकलन के बाद दी जाती है।