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उत्तराखंड कर्मियों को 07 हजार तक बोनस और 03 प्रतिशत बढ़ा डीए, दीपावली पर डबल धमाका

धामी सरकार ने दीपावली पर कार्मिकों को दी दोहरी सौगात, आदेश जारी

Rajkumar Dhiman, Dehradun: उत्तराखंड की धामी सरकार ने राज्य कर्मचारियों, राजकीय विभागों के कार्यप्रवर्तित कर्मचारियों, सहायताप्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों और जिला पंचायतों के कर्मचारियों सहित दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए गैर-उत्पादकता (तदर्थ बोनस) देने की घोषणा की है। इस संबंध में वित्त विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं।

वित्त विभाग के सचिव डॉ. वी. शणुगम द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार के समूह ‘ख’ एवं ‘ग’ श्रेणी के कर्मचारियों को तदर्थ बोनस का भुगतान किया जाएगा। इस बोनस की अधिकतम सीमा ₹7000 (सात हजार रुपये) प्रति कर्मचारी तय की गई है।

किसे मिलेगा तदर्थ बोनस:
1. 31 मार्च 2025 तक सेवा में रहने वाले कर्मचारी, जिन्होंने 2024-25 के दौरान पूरे 12 महीने अथवा आंशिक अवधि तक सेवा दी है, उन्हें उनकी सेवा अवधि के अनुपात में बोनस दिया जाएगा।

2. समूह ‘ख’ और ‘ग’ श्रेणी के सभी राज्य कर्मचारी सहायताप्राप्त शिक्षण संस्थान व प्राविधिक संस्थान के कर्मचारी, स्थानीय निकायों व जिला पंचायतों के कर्मचारी इस दायरे में आएंगे।

3. दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी भी पात्र होंगे, बशर्ते उन्होंने वर्षभर में कम से कम 240 कार्य दिवस (या छह दिवसीय सप्ताह में 206 दिन) काम किया हो।

बोनस की गणना इस प्रकार होगी:
बोनस का औसत निर्धारण 30.4 दिनों की अवधि के लिए किया जाएगा। औसतन अधिकतम गणना सीमा ₹7000 मानी जाएगी, जिससे प्रत्येक पात्र कर्मचारी को लगभग ₹6908/- का तदर्थ बोनस प्राप्त होगा। दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए यह गणना उनके वास्तविक पारिश्रमिक के आधार पर होगी, जिसकी अधिकतम राशि ₹1200 प्रति माह से अधिक नहीं होगी।

किन्हें नहीं मिलेगा बोनस:
जिन कर्मचारियों पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई या न्यायालयीन जांच लंबित है, उन्हें बोनस तब तक नहीं मिलेगा जब तक मामला निपट न जाए। वर्ष 2024-25 में निलंबित रहे कर्मचारियों को बोनस की पात्रता नहीं दी जाएगी। अवैतनिक अवकाश या अन्य प्रकार के दीर्घकालिक अवकाश की अवधि बोनस गणना में शामिल नहीं होगी।

सौगात के अन्य महत्वपूर्ण बिंदु:
बोनस का भुगतान नकद धनराशि के रूप में किया जाएगा। यह भुगतान एक बार ही किया जाएगा, किसी परिस्थिति में पुनरीक्षित नहीं होगा। विकास प्राधिकरणों एवं स्थानीय निकायों में कार्यरत कर्मचारियों को भी यह बोनस उसी शर्तों पर मिलेगा, परंतु भुगतान की जिम्मेदारी संबंधित संस्थान की होगी। बोनस से संबंधित व्यय को कर्मचारियों के वेतन मद के अंतर्गत ही दर्शाया जाएगा।

प्रशासनिक आदेश:
यह आदेश सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, जिलाधिकारियों और विभागाध्यक्षों को प्रेषित किया गया है ताकि पात्र कर्मचारियों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जा सके। अंत में, राज्य सरकार ने यह निर्णय ऐसे समय में लिया है जब दीपावली से पूर्व कर्मचारियों को वित्तीय राहत की आवश्यकता होती है। यह बोनस न केवल सरकारी तंत्र में उत्साह बढ़ाएगा, बल्कि अर्थव्यवस्था में भी उपभोग को प्रोत्साहित करेगा।

1 जनवरी 2025 से सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 55% से बढ़कर 58% हुआ
राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ी राहत दी है। वित्त विभाग ने बुधवार को आदेश जारी कर 7वें वेतनमान के अंतर्गत आने वाले सरकारी कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक संस्थानों के कर्मियों तथा नगर निकायों के नियमित कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) 55% से बढ़ाकर 58% करने की घोषणा की है। यह संशोधित दर 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगी।

केंद्र के अनुरूप राज्य सरकार का निर्णय
वित्त विभाग के शासनादेश (संख्या- XXVII-10/2025-ई-22807/2022) के अनुसार, यह निर्णय भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के कार्यालय ज्ञापन दिनांक 6 अक्टूबर 2025 के क्रम में लिया गया है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता 55% से 58% किए जाने के बाद, राज्य सरकार ने भी अपने कर्मचारियों को इसका लाभ देने का निर्णय लिया है।

पेंशनभोगियों को भी मिलेगा बढ़ा हुआ डीए
शासनादेश के अनुसार, राज्य के सेवानिवृत्त कर्मचारियों (पेंशनर्स) को भी 1 जुलाई 2025 से 31 अक्टूबर 2025 तक के एरियर का भुगतान नकद किया जाएगा। इसके बाद, 1 नवंबर 2025 से महंगाई भत्ता वेतन और पेंशन के साथ नियमित रूप से जोड़ा जाएगा। अंशदायी पेंशन योजना (NPS) के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के लिए यह राशि उनके संबंधित खातों में जमा की जाएगी।

न्यायिक सेवा और अन्य संवर्ग भी होंगे लाभान्वित
यह आदेश राज्य न्यायिक सेवा, उच्च न्यायालय, लोक सेवा आयोग, अध्यक्षों और सदस्यों सहित उन सभी कर्मियों पर लागू होगा जो राज्य सरकार के अंतर्गत कार्यरत हैं। हालांकि, जो अधिकारी या कर्मचारी राज्य सरकार से वेतन या पेंशन प्राप्त नहीं करते, उन पर यह आदेश लागू नहीं होगा।

वित्तीय प्रभाव, सरकार बढ़ेगा बोझ और कार्मिकों को लाभ
वित्त विभाग के अनुसार, इस बढ़ोतरी से राज्य सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ आएगा, लेकिन कर्मचारियों को इससे राहत मिलेगी। यह वृद्धि केंद्र सरकार की नीति के अनुरूप है और राज्य के आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए स्वीकृत की गई है। सभी जिलाधिकारियों, महालेखाकार, सचिवालय और अन्य विभागों को आदेश की प्रति भेज दी गई है ताकि नए महंगाई भत्ते की दरों को शीघ्र लागू किया जा सके।

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