जनजाति समुदाय ऊधमसिंहनगर में सर्वाधिक परेशान, रुद्रप्रायग में है संतोष
वर्ष 2016 से 2023 के बीच एसटी समुदाय के व्यक्तियों ने दर्ज कराई हैं 773 शिकायतें
Round The Watch: अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोग सबसे अधिक ऊधमसिंहनगर में परेशान और शिकायत करते दिख रहे हैं। अनुसूचित जनजाति आयोग में जो शिकायतें दर्ज कराई गई हैं, उनमें 44.5 प्रतिशत शिकायतें इसी जिले में दर्ज कराई गई हैं। दूसरी तरफ रुद्रप्रायग जिले में एसटी समुदाय के लोग संतोष में दिख रहे हैं। क्योंकि इस जिले में अनुसूचित जनजाति आयोग के गठन से अब तक एक भी शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।
उत्तराखंड में अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन 04 जुलाई 2015 में किया गया था। जिसका उद्देश्य अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों के हितों की रक्षा करना है। इस अवधि में आयोग में अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों ने कितनी शिकायतें किस जिले से दर्ज कराई, यह जानने के लिए विधि छात्र मो. आशिक ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम में जानकारी मांगी। जो जानकारी सामने आई है, वह चौंकाने वाली है। क्योंकि, अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों की इस अवधि में दर्ज कराई गई उत्पीड़न की 773 शिकायतों में से 344 शिकायतें अकेले ऊधमसिंहनगर जनपद में दर्ज कराई गई हैं। जिन जिलों से अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों ने अधिक शिकायतें दर्ज कराई हैं, उनमें देहरादून दूसरे और पिथौरागढ़ जिला तीसरे स्थान पर है। उत्तराखंड का रुद्रप्रयाग एकमात्र ऐसा जिला है, जहां से उत्पीड़न की एक भी शिकायत सामने नहीं आई है।
अनुसूचित जनजाति के उत्पीड़न की सर्वाधिक शिकायतें
1-ऊधमसिंहनगर-344 शिकायत
2-देहरादून-212 शिकायत
3-पिथौरागढ़-86 शिकायत
जिलावार शिकायतों की स्थिति
ऊधमसिंहनगर 344, देहरादून 212, पिथौरागढ़ 86, हरिद्वार 30, चमोली 28, नैनीताल 24, पौड़ी 22, बागेश्वर 11, उत्तरकाशी 06, अल्मोड़ा 05, टिहरी 02, चंपावत 02, रुद्रप्रयाग शून्य।
उत्तराखंड अनुसूचित जनजाति आयोग को जिलेवार प्राप्त शिकायतों में वर्ष 2016 से 2023 तक की अवधि में अल्मोड़ा जिले से 5, बागेश्वर जिले से 11, चमोली से 28, चम्पावत से 2, उधमसिंह नगर जिले से सर्वाधिक 344, हरिद्वार जिले से 30, नैनीताल जिले से 24, पौड़ी से 22, पिथौरागढ़ जिले से 86, रूद्रप्रयाग जिले से सबसे कम 0, टिहरी जिले से 02, देहरादून जिले से 212 तथा उत्तरकाशी जिले से 6 शिकायतें प्राप्त हुई है।
इस प्रकार कुल 773 शिकायतें आयोग को प्राप्त हुई।
वर्षवार मिली उत्पीड़न की शिकायतें
वर्ष 2016 में 70, वर्ष 2017 में 71, वर्ष 2018 में 160, वर्ष 2019 में 140, वर्ष 2020 में 103, वर्ष 2021 में 127, वर्ष 2022 में 74 तथा वर्ष 2023 में 28 शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
ये हैं उत्तराखंड की प्रमुख जनजातियां
भोटिया, जौनसारी, राजी, थारु, बोक्सा या भुक्सा, शौका