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उत्तराखंड में हॉलमार्क ज्वेलर्स की संख्या 3500 पार, अब अनिवार्य है पंजीकरण

01 जून 2021 से अनिवार्य किया गया है स्वर्ण आभूषण विक्रेताओं का पंजीकरण, तब से डबल हो गई संख्या

Round The Watch: हॉलमार्क को ज्वेलरी की शुद्धता की गारंटी कहा जा सकता है। ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) ने एक जून 2021 से सभी स्वर्ण आभूषण विक्रेताओं के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। इस अनिवार्यता के बाद पूर्व में पंजीकृत 1840 आभूषण विक्रेताओं की संख्या करीब दोगुनी होने वाली है। हालांकि, अभी भी तमाम ऐसे आभूषण विक्रेता हैं, जो हॉलमार्किंग से दूरी बनाते हुए पंजीकरण से परहेज कर रहे हैं। भारतीय मानक ब्यूरो की देहरादून शाखा ने ऐसे विक्रेताओं की पहचान शुरू कर दी है। जल्द ही इनके विरुद्ध कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।


सुधीर बिश्नोई, कार्यालय प्रमुख (भारतीय मानक ब्यूरो, देहरादून)

बीआइएस की देहरादून शाखा के प्रमुख सुधीर बिश्नोई के मुताबिक जब से स्वर्ण आभूषण विक्रेताओं के लिए पंजीकरण की अनिवार्यता की गई है, तभी से ग्राहकों को जागरुक करने के साथ ही कारोबारियों को भी पंजीकरण के लिए कहा जा रहा है। यही कारण है कि अनिवार्यता से पहले पंजीकरण की जो संख्या 1840 पर सिमटी थी, वह अब बढ़कर 3502 हो गई है। इस तरह की जानकारी मिल रही है कि अभी भी तमाम आभूषण विक्रेता पंजीकरण नहीं करा रहे हैं। नई व्यवस्था में सभी तरह के स्वर्ण आभूषण विक्रेताओं को पंजीकरण कराना जरूरी है। लिहाजा, व्यवस्था का पालन न करने वाले आभूषण विक्रेताओं की पहचान कर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। पूर्व में आदेश के उल्लंघन पर दो आभूषण विक्रेताओं पर छापेमारी कर सीजर की कार्रवाई भी की जा चुकी है।

अनिवार्यता के बाद नए पंजीकृत ज्वेलर्स

01 जून से 31 मार्च 2022 तक, 964
01 अप्रैल 2022 से 31 मार्च तक, 506
01 अप्रैल 2023 से जुलाई 2023 तक, 192

पंजीकरण की अनिवार्यता से पहले हालमार्क ज्वेलर्स

जिला, संख्या
देहरादून, 697
हरिद्वार, 368
ऊधमसिंहनगर, 239
नैनीताल, 188
पौड़ी, 141
चमोली, 59
अल्मोड़ा, 49
टिहरी, 44
रुद्रप्रयाग, 21
पिथौरागढ़, 18
चंपावत, 04
उत्तरकाशी, 02
बागेश्वर, 01

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