भ्रष्टाचार के आरोप में सिडकुल के दो अफसर सस्पेंड, वित्त नियंत्रक को हटाया
मुख्य्मंत्री धामी का भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार, लंबे समय से सिस्टम को सुशासन का पाठ पढ़ाने में जुटे
Amit Bhatt, Dehradun: प्रदेश की धामी सरकारी ने भ्रष्टाचार पर एक और करारा प्रहार किया है। भ्रष्टाचार की शिकायत और उद्यमियों के साथ अनुचित व्यवहार के आरोप में सिडकुल के दो अधिकारियों को मुख्य्मंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से निलंबित (सस्पेंड) कर दिया गया। इसके साथ ही वित्त नियंत्रक मनीष उप्रेती को भी गड़बड़ी और अनुचित व्यवहार के आरोप में हटा दिया गया। यह आदेश सिडकुल के महानिदेशक रोहित मीणा की ओर से जारी किए गए।
राज्य अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास निगम लि. (सिडकुल) के प्रबंध निदेशक रोहित मीणा के आदेश के मुताबिक सिडकुल काशीपुर के प्रभारी क्षेत्रीय अधिकारी/ जनसंपर्क अधिकारी काशीपुर कमल किशोर कफल्टिया विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल एस्टेट (आईडीएस) के अंतर्गत इकाइयों के स्थलीय निरीक्षण के दौरान यह बात भी सामने आई कि उद्यमियों के साथ अनुचित व्यवहार किया जा रहा है। प्रकरण की गंभीरता को देखिए हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
कमल किशोर कफल्टिया को सिडकुल मुख्यालय से अटैच करने के साथ ही उनकी जगह क्षेत्रीय प्रबंधक पंतनगर को काशीपुर/भीमताल की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई। इसी तरह की शिकायतें सिडकुल के लेखाकार परविंदर के विरुद्ध भी प्राप्त हो रही थीं। लिहाजा, उन्हें भी निलंबित करते हुए सिडकुल के वास्तुविद नियोजक कार्यालय से अटैच कर दिया गया है।
दूसरी तरफ कृषि निदेशालय के साथ सिडकुल में वित्त नियंत्रक की जिम्मेदारी संभाल रहे मनीष कुमार उप्रेती को सिडकुल से हटा दिया गया है। उन पर भी उद्यमियों के साथ अनुचित व्यवहार अपनाने का आरोप है। हालांकि, उप्रेती को सिडकुल से जनवरी 2023 को ही कार्यमुक्त कर दिया गया था, लेकिन यहां का प्रभार किसी अन्य अधिकारी को न सौंपे जाने के चलते वह पद पर बने रहे।