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रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा: जाली हस्ताक्षर का एक्सपर्ट पालीवाल गिरफ्तार, विरमानी का था करीबी

मुजफ्फरनगर निवासी अजय मोहन पालीवाल को वसंत विहार से दबोचा, उत्तर प्रदेश का है मशहूर हैंडराइटिंग एक्सपर्ट, फोरेंसिक साइंस में है एमएससी

Amit Bhatt, Dehradun: रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में एसआईटी के हाथ एक और कामयाबी लगी है। एसआईटी ने उत्तर प्रदेश के मशहूर हैंडराइटिंग एक्सपर्ट अजय मोहन पालीवाल को गिरफ्तार किया है। पालीवाल रजिस्ट्री प्रकरण में गिरफ्तार किए गए देहरादून के नामी अधिवक्ता कमल विरमानी और कवंरपाल सिंह का करीबी बताया जाता है। पालीवाल ही फर्जी रजिस्ट्रियों पर अधिकारियों की हूबहू हैंडराइटिंग दर्ज करने के साथ ही उनके हस्ताक्षर भी करता था। अजय मोहन पालीवाल का काम इतना महीन था कि एसआईटी ने हाल में जिन हस्ताक्षरों की फोरेंसिक जांच करवाई थी, उनमें किसी तरह की त्रुटि पकड़ में नहीं आ सकी थी।

गिरफ्तार किया गया हैंडराइटिंग एक्सपर्ट अजय मोहन पालीवाल आर्दश कालोनी, मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश, वर्तमान में हरभजवाला का निवासी है। उसे पुलिस ने वसंत विहार देहरादून से गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक अजय मोहन पालीवाल सहारनपुर के भूमाफिया कंवरपाल (केपी) सिंह व अधिवक्ता कमल विरमानी का नजदीकी है। पालीवाल ही फर्जी रजिस्ट्रियों पर हुबहू हस्ताक्षर करता था, जिन्हें जिल्द में लगाया जाता था। प्रकरण में यह 13वीं गिरफ्तारी है।

अधिवक्ता विरमानी और कंवरपाल सिंह की रिमांड के दौरान मिला पालीवाल का सुराग
प्रकरण के मुख्य आरोपित कुंवरपाल, अधिवक्ता कमल विरमानी और इमरान की गिरफ्तारी के बाद जब एसआइटी ने आरोपितों को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो पता चला कि अजय मोहन पालीवाल ही रजिस्ट्रियों पर फर्जी हस्ताक्षर करता था। कंवरपाल (केपी) सिंह हैंडराइटिंग एक्सपर्ट पालीवाल को पहले से ही जानता था। उसने जब अधिवक्ता कमल विरमानी के साथ मिलकर रजिस्ट्रियों का फर्जीवाड़ा करना शुरू किया तो उन्हें एक ऐसे एक्सपर्ट की तलाश थी, जो सब रजिस्ट्रार कार्यालय में पड़ी पुरानी रजिस्ट्रियों में किए हुबहू हस्ताक्षर फर्जी रजिस्ट्रियों में कर सके। इसके लिए उन्होंने अजय मोहन पालीवाल से संपर्क किया।

आरोपित पुराने स्टांप पर पुरानी रजिस्ट्रियों की करते थे नकल
आरोपित पुराने स्टांप पर पुरानी रजिस्ट्रियों की नकल करते थे। इसके बाद कमल विरमानी के मुंशी रोहताश को फर्जी रजिस्ट्री पर हस्ताक्षर करवाने के लिए मुजफ्फरनगर भेजा जाता था। रोहताश आरोपित पालीवाल से हस्ताक्षर करवाने के लिए जाता था और हस्ताक्षर करवाकर लाता था। इसके बाद फर्जी रजिस्ट्री सब रजिस्ट्रार कार्यालय की जिल्द में लगाकर उसे असली का अमलीजामा पहनते थे। बीते दिनों अधिवक्ता कमल विरमानी की जमानत पर सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता ने भी इस बात का जिक्र किया था।

फारेंसिक साइंस से एमएससी पास है अजय मोहन
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार किया गया आरोपित अजय मोहन पालीवाल फारेंसिक साइंस में एमएससी है। वह हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के तौर पर अपनी रिपोर्ट/राय भी सरकारी एजेंसियों को देता था। इस तरह की बात सामने आ रही है कि आरोपित ने सहारनपुर में भी कुछ फर्जी रजिस्ट्रियों में हस्ताक्षर किए हैं। पुलिस आरोपित से जानकारी हासिल कर रही है कि अब तक वह कितनी रजिस्ट्रियों में हस्ताक्षर कर चुका है।

रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में हो चुकी 13 की गिरफ्तारी
प्रकरण में अब तक संतोष अग्रवाल, दीप चंद अग्रवाल, मक्खन सिंह, डालचंद, अधिवक्ता इमरान अहमद, अजय सिंह क्षेत्री, रोहताश सिंह, विकास पांडे, सहारनपुर का भूमाफिया कुंवरपाल उर्फ केपी, अधिवक्ता कमल विरमानी, विशाल कुमार, सहारनपुर निवासी महेश चंद्र और अजय मोहन पालीवाल को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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